कपिल सिब्‍बल और अभिषेक सिंघवी पर भारी पड़ी SG तुषार मेहता की चतुराई

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Last Updated:April 21, 2025, 10:13 IST

Waqf Law in Supreme Court: वक्‍फ संशोधन कानून को लेकर देशभर में चर्चाओं का दौर चल रहा है. देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में विरोध-प्रदर्शन के बीच अब इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ाई चल रही है.

कपिल सिब्‍बल और अभिषेक सिंघवी पर भारी पड़ी SG तुषार मेहता की चतुराई

Waqf Law in Supreme Court: वक्‍फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की तरफ से SG तुषार मेहता पक्ष रख रहे हैं. कपिल सिब्‍बल और अभिषेक सिंघवी याचियों की तरफ से दलील रख रहे हैं.

हाइलाइट्स

वक्‍फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ाई चल रही हैसॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे हैंमुस्लिम पक्षकारों की तरफ से कपिल सिब्‍बल और सिंघवी पैरवी कर रहे

नई दिल्‍ली. वक्‍फ कानून में संशोधन पर सरकार ने पहले संसद में लड़ाई जीती. इसके बाद वक्‍फ कानून की जंग सड़कों पर आ गई. दिल्‍ली से लेकर बंगाल तक विरोध की आग भड़क गई. मुर्शिदाबाद में विरोध-प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. तीन लोगों की हत्‍या कर दी गई, जबकि प्रॉपर्टी का भी व्‍यापक पैमाने पर नुकसान हुआ. वक्‍फ संशोधन कानून की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्‍ना की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है. वक्‍फ संशोधन कानून पर अभी तक दो सुनवाई हो चुकी है तीसरी हियरिंग 5 मई 2025 को होनी है. इस मामले में केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पक्ष रहे हैं, जबकि मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से कपिल सिब्‍बल और अभिषेक मनु सिंघवी दलील पेश कर रहे हैं. वक्‍फ संशोधन कानून पर सुनवाई के पहले दिन (बुधवार 16 अप्रैल 2025) सीजेआई की पीठ ने इसपर अंतरिम आदेश देने के संकेत दिए थे. अगले दिन यानी गुरुवार 17 अप्रैल को जब इसपर सुनवाई शुरू हुई तो एसजी तुषार मेहता की ओर से कुछ ऐसी दलीलें दी गईं कि सिब्‍बल और सिंघवी दोनों पस्‍त हो गए. सीजेआई की पीठ ने अंतरिम आदेश के बजाय केंद्र को 7 दिन की मोहलत दे दी.

दरअसल, वक्‍फ संशोधन कानून पर 17 अप्रैल को दूसरी बार सुनवाई शुरू हुई तो तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच को दो प्रावधानों पर तत्‍काल ही आश्‍वासन दे दिया. सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि अगली सुनवाई तक वक्‍फ बोर्ड में किसी भी गैर मुस्लिम की नियुक्ति नहीं की जाएगी और वक्‍फ बाय यूजर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इसके बाद सीजेआई जस्टिस संजीव खन्‍ना की पीठ ने केंद्र को सात दिनों की अतिरिक्‍त मोहलत दे दी. दरअसल, मुस्लिम पक्षकार चाहते थे कि वक्‍फ संशोधन कानून के अमल पर फौरी रोक लगा दी जाए. लेकिन, कपिल सिब्‍बल और अभिषेक मनु सिंघवी की तमाम दलीलें धरी की धरी रह गईं, जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को अपना पक्ष रखने के लिए 7 दिन की मोहलत दे दी. इस तरह तुषार मेहता की चतुराई से वक्‍फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई अंतरिम आदेश‍ नहीं आया और सीजेआई की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने एसजी की बातों को ऑन रिकॉर्ड रखते हुए मामले की सुनवाई के लिए 5 मई की तिथ‍ि तय कर दी.

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तुषार मेहता की दलील
वक्‍फ संशोधन कानून पर दूसरे दिन की सुनवाई शुरू होते ही SG तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि यह मामला फिलहाल एडमिशन के स्‍टेज पर है, ऐसे में कानून पर स्‍टे लगाने का आदेश देना अपने आप में असाधारण होगा. तुषार मेहता ने कहा, ‘हमें लाखों की संख्‍या में सलाह और राय मिली, जिसके आधार पर इस कानून में संशोधन किए गए हैं. गांव के गांव को वक्‍फ घोषित कर दिया गया. यहां तक कि प्राइवेट प्रॉपर्टी को भी वक्‍फ के तौर पर ले लिया गया. इससे बड़ी संख्‍या में निर्दोष लोग प्रभावित होंगे.’ मेहता ने आगे दलील दी कि कानून के प्रावधानों पर रोक लगाना काफी कठोर फैसला होगा.

‘कानून में कुछ पॉजिटिव बातें भी’
सुप्रीम कोर्ट तुषार मेहता की दलीलों से सहमत दिखा और केंद्र को 7 दिन की अतिरिक्‍त मोहलत दे दी, ताकि वे अपना जवाब मुकम्‍मल तरीके से अदालत में रख सकें. वहीं, मुस्लिम पक्षकारों को उसपर जवाब (रिज्‍वाइंडर) दाखिल करने के लिए 5 दिनों का समय दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि केंद्र की ओर से पक्ष रखने के बाद याचिकाकर्ताओं को 5 दिन के अंदर जवाब दाखिल करना होगा. इसके बाद 5 मई को इस मामले में तीसरी बार सुनवाई होगी. बता दें कि तुषार मेहता की दलीलों पर सीजेआई जस्टिस खन्‍ना ने कहा कि वक्‍फ संशोधन कानून में कुछ अच्‍छी बातें भी हैं, पर कुछ चिंताएं भी हैं.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

April 21, 2025, 10:13 IST

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