Last Updated:April 21, 2025, 12:46 IST
Delhi Court : दिल्ली के एक कोर्टरूम में बड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां पर चेक बाउंस के एक मामले में अदालत ने जैसे ही आरोपी को दोषी करार दिया तो उसने पहले जज की तरफ कोई चीज फेंकने की कोशिश की...और पढ़ें

दोषी करार देने के बाद जज को गाली देने लगा आरोपी
हाइलाइट्स
आरोपी ने जज को कहा- तू है क्या चीज... बाहर मिल, देखते हैं कैसे जिंदा घर जाती हैमहिला जज को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कियादोषी के वकील अतुल कुमार को कारण बताओ नोटिस भी जारी कियानई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत में उस समय हड़कंप मच गया जब एक दोषी और उसके वकील ने चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद खुले कोर्ट में महिला जज को धमकाया और गालियां दीं. आरोपी ने जज को उसके पक्ष में फैसला न देने पर उन पर वस्तु फेंकने की भी कोशिश की. उसने अपने वकील को भी निर्देश दिया कि वह किसी भी तरह से उसके पक्ष में फैसला दिलवाए.
“तू है क्या चीज… बाहर मिल, देखते हैं कैसे जिंदा घर जाती है,” आरोपी ने जज से कहा, जैसा कि कोर्ट के 2 अप्रैल के आदेश में दर्ज है. न्यायिक मजिस्ट्रेट (एनआई एक्ट) शिवांगी मंगला ने आरोपी को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 (चेक बाउंस) के तहत दोषी ठहराया और अगले सुनवाई की तारीख पर धारा 437ए सीआरपीसी के तहत जमानत बांड भरने का निर्देश दिया.
जज ने जजमेंट में क्या लिखा?
हालांकि, दोषी ठहराए जाने के बाद, आरोपी और उसके वकील ने कथित तौर पर महिला जज को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया, जिससे उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव डाला, जज मंगला ने अपने आदेश में यह बात लिखी है. उन्होंने फिर से जज को परेशान किया और आरोपी को बरी करने की मांग की.
जज को क्या दी धमकी?
उन्होंने जज को धमकी दी कि वे उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करेंगे और जबरन उनका इस्तीफा लेंगे. जज ने कहा कि आरोपी के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग के समक्ष धमकी और उत्पीड़न के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने आदेश में महिला जज ने कहा कि मैं सभी बाधाओं के खिलाफ खड़ी हूं और हमेशा न्याय के पक्ष में आवश्यक कदम उठाएंगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग आरोपी के खिलाफ ऐसी धमकी और उत्पीड़न के लिए उचित कदम उठाएंगी.
वकील के खिलाफ जारी हुआ नोटिस
जज ने दोषी के वकील, अधिवक्ता अतुल कुमार को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, जिसमें उनसे पूछा गया कि उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए. जज ने आदेश में आरोपी के वकील अतुल कुमार को कोर्टरूम में किए गए व्यवहार के लिए लिखित में स्पष्टीकरण देने और यह बताने के लिए कहा है कि उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए. वकील को अगली सुनवाई की तारीख पर जवाब देने का निर्देश दिया गया.
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
April 21, 2025, 12:46 IST