Last Updated:April 21, 2025, 12:43 IST
Hindi Protest: महाराष्ट्र में नई शिक्षा नीति के तहत हिंदी को अनिवार्य करने पर हुए विवाद के बीच राज्य सरकार ने यूटर्न ले लिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि छात्रों को हिंदी के स्थान पर अन्य भ...और पढ़ें

महाराष्ट्र की सरकार ने हिंदी को अनिवार्य नहीं बनाने की बात कही है.
हाइलाइट्स
महाराष्ट्र में हिंदी अनिवार्यता पर सरकार ने यूटर्न लिया.छात्रों को हिंदी के स्थान पर अन्य भारतीय भाषाएं चुनने का विकल्प मिलेगा.तमिलनाडु में हिंदी विरोध को महाराष्ट्र के फैसले से समर्थन मिला.नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य करने के मसले पर पूरे देश में राजनीति गरम है. महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भी अपने राज्य में पहली से पांचवीं तक के बच्चों के लिए हिंदी भाषा को अनिवार्य करने की बात कही थी. इसको लेकर राज्य में बड़ा विरोध देखने को मिला. विपक्षी दलों ने इसे मराठी भाषा को कमतर करने की कोशिश करार दी. उधर, इसी मसले पर तमिलनाडु की राजनीति भी गरमाई हुई है. वहां भी नई शिक्षा नीति में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध हो रहा है. खुद एमके स्टालिन की राज्य सरकार इसके खिलाफ है.
दरअसल, हिंदी की अनिवार्यता के मुद्दे पर महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने एक कदम पीछे खींच लिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि छात्रों को हिंदी के स्थान पर अन्य भारतीय भाषाएं चुनने का विकल्प मिलेगा. पिछले दिनों नई शिक्षा नीति के तहत राज्य में प्राथमिक शिक्षा में मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी को भी अनिवार्य करने का आदेश जारी किया गया था. राजनीतिक दलों सहित विभिन्न संगठनों ने हिंदी को जबरन लागू करने के लिए सरकार की आलोचना की. इसके बाद सरकार ने अनिवार्य हिंदी के मुद्दे पर अपना कदम पीछे खींच लिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि छात्रों को हिंदी के स्थान पर अन्य भारतीय भाषाएं चुनने का विकल्प मिलेगा. मुख्यमंत्री फडणवीस रविवार को एक कार्यक्रम के लिए पुणे आए थे. इस कार्यक्रम के बाद उन्होंने अनिवार्य हिंदी को लेकर चल रहे विवाद पर टिप्पणी की. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में मराठी भाषा अनिवार्य है. हिन्दी भाषा अनिवार्य नहीं है. कहीं भी हिन्दी का अतिक्रमण नहीं है. उन्होंने कहा कि अब हिंदी को वैकल्पिक भाषा के रूप में प्रयोग करने की अनुमति दी जाएगी.
हिंदी का विरोध और अंग्रेजी से प्यार…
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हम अंग्रेजी भाषा का राग अलापते हैं. यह आश्चर्य की बात है कि वह भारतीय भाषा हिंदी का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि अंग्रेजी भाषा क्यों नजदीक लगती है और हिंदी क्यों दूर लगती है.
अगर आप हिंदी नहीं चाहते तो कौन सी भाषा?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अब तीसरी भाषा के रूप में हिंदी, मलयालम, तमिल जैसी कोई भारतीय भाषा चुननी होगी. उन्होंने कहा कि यदि हिंदी तीसरी भाषा है तो हमारे पास इसके लिए शिक्षक उपलब्ध हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अब हिंदी के स्थान पर कोई अन्य भाषा चुनने का विकल्प दिया जाएगा. मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट कहा कि अगर कोई हिंदी के अलावा कोई तीसरी भाषा सीखना चाहता है तो हम उसे इसकी अनुमति देंगे. हालांकि, यदि उस भाषा के लिए कम से कम 20 छात्र हों तो एक अलग शिक्षक उपलब्ध कराया जा सकता है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी कहा कि यदि पर्याप्त विद्यार्थी नहीं होंगे तो ऑनलाइन पढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.
First Published :
April 21, 2025, 12:43 IST