Last Updated:January 22, 2025, 12:59 IST
EAM S Jaishankar News: विदेश मंत्री एस जयशंकर और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके के बीच बातचीत का असर हुआ है. महीनों से बंद 41 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका ने रिहा कर दिया है. सितंबर महीने में ही इन्हें श्...और पढ़ें
जयशंकर और दिसानायके के बीच बातचीत के बाद श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरों को किया रिहा
हाइलाइट्स
जयशंकर की कूटनीति से 41 भारतीय मछुआरे रिहा हुए.श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरों को रिहा किया.तमिलनाडु के 41 मछुआरे मंगलवार रात को चेन्नई लौटे.EAM S Jaishankar News: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की डिप्लोमेसी की ताकत दुनिया देख चुकी है. चाहे मालदीव संग तकरार का मुद्दा हो या चीन संग सीमा विवाद. हर मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी कूटनीति का परिचय दिया है. अब उन्होंने अपनी डिप्लोमेसी का ऐसा कमाल दिखाया है, जिससे पलभर में 41 भारतीयों की किस्मत बदल गई है. जी हां, श्रीलंका के कब्जे में महीनों से 41 भारतीय मछुआरे कैद में थे. सभी अपने घर आने को बेताब थे. भारत सरकार से उन मछुआरों के परिवारों ने गुहार लगाई थी. इसके बाद क्या था. एस जयशंकर अपने मिशन में लग गए. जब लोहा गरम था तभी उन्होंने हथौड़ा मार दिया. इसका नतीजा हुआ कि श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया. ये सभी अब स्वदेश लौट चुके हैं.
दरअसल, श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरे को किया रिहा कर दिया है. तमिलनाडु के 41 मछुआरे श्रीलंका की कैद से छूटकर चेन्नई एयरपोर्ट पर बुधवार को पहुंचे. श्रीलंका की नौसेना ने इन मछुआरों को 8 सितंबर, 2024 को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. श्रीलंकाई अधिकारियों ने मंगलवार को रिहा किया. इसके बाद ये मछुआरे मंगलवार देर रात चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुंचे.
तमिलनाडु तटीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, 41 मछुआरों में से 35 रामनाथपुरम के निवासी हैं, जबकि अन्य नागपट्टिनम और पुदुकोट्टई जिलों के रहने वाले हैं. स्वदेश लौटने पर मछुआरों को नागरिकता सत्यापन, सीमा शुल्क जांच और अन्य औपचारिकताओं से गुजरना पड़ा. तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने मछुआरों का स्वागत किया. इसके बाद अलग-अलग वाहनों में उनके गृहनगरों तक परिवहन की व्यवस्था की गई. इससे पहले श्रीलंका ने तमिलनाडु के 15 मछुआरों के एक समूह को रिहा किया था, जो 16 जनवरी को चेन्नई पहुंचे थे.
कैसे मछुआरे की वापसी का रास्ता बना
दरअसल, भारतीय मछुआरों की बार-बार गिरफ्तारी एक बड़ा मुद्दा बन गया है. जब ये 41 भारतीय मछुआरे गिरफ्तार हुए थे, तब भी बड़ा बवाल हुआ था. तमिलनाडु के मछुआरा संघों ने तटीय जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे. एक्शन की मांग की थी. उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे बीच समुद्र में होने वाली गिरफ्तारियों और मछली पकड़ने वाली मशीनीकृत नावों की जब्ती पर रोक लगाने का आग्रह किया था, जो उनकी आजीविका के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस पर केंद्र की मोदी सरकार ने सख्ती दिखाई थी. जब पिछले महीने यानी दिसंबर में श्रीलंका के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे, तब जयशंकर ने इसे मौके के रूप में लिया.
जयशंकर ने उठाया था मुद्दा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिसंबर में भारत यात्रा पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके के साथ चर्चा की थी और पुरजोर तरीके से मछुयारे की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था. इसके बाद खुद राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके ने भारत को भरोसा दिया था कि श्रीलंका सरकार उन सभी मछुआरों को रिहा कर देगी. स्वदेश लौटते ही जयशंकर की बातों पर श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अमल किया और रिहा करने का आदेश जारी हो गया.
अब कितने भारतीय मछुआरे श्रीलंका में?
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी केंद्र सरकार से लगातार गिरफ्तारियों पर रोक लगाने और राज्य के मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया था. पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास ने भी आगे की हिरासतों को रोकने के लिए भारत सरकार से कड़े हस्तक्षेप की मांग की थी. वर्तमान में तमिलनाडु के 504 भारतीय मछुआरे कथित तौर पर 48 मशीनीकृत मछली पकड़ने वाली नौकाओं के साथ श्रीलंका की हिरासत में हैं. (इनपुट IANS से)
Location :
Chennai,Tamil Nadu
First Published :
January 22, 2025, 12:54 IST