Last Updated:May 12, 2025, 09:15 IST
Justice Yashwant Varma News: जस्टिस य़शवंत वर्मा से जुड़ा कैश कांड नया मोड़ ले लिया है. जांच टीम ने सीजेआई खन्ना को सौंपे रिपोर्ट में बताया कि जस्टिस वर्मा के घर उनको कोई कैश नहीं मिला. कैश की बोरी गायब कर दी गई...और पढ़ें

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नकदी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है.
Justice Yashwant Varma News: दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश कांड का रहस्य गहराता जा रहा है. 14 मार्च को उनके घर आग लगी थी, घटना स्थल से भारी मात्रा में कैश मिले थे. फायर ब्रिगेड की टीम के मुताबिक कुछ कैश जल गए थे, कुछ सुरक्षित थे. मगर, वे बिना जले कैश का वीडियो बनाकर वहां से चले गए. इसके बाद हाई लेवल ज्यूडिशियल पैनल ने सीजेआई जस्टिस खन्ना को बताया कि उनको वहां से कोई कैश नहीं मिला. ऐसे में शक गहराने लगा है कि आखिर वे कैश गए कहां? किसने गायब किया या कैश कांड का मास्टरमाइंड कौन है?
हाई लेवल ज्यूडिशियल पैनल ने जस्टिस वर्मा के घर कैश कांड की रिपोर्ट सीजेआई जस्टिस खन्ना को सौंप दिया है. अपनी रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि नकदी के रहस्यमय ढंग से गायब होने के लिए जज के निजी स्टाफ पर संदेह है. पंजाब और हरियाणा के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश के सीजे जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन इस ज्यूडिशियल पैनल के मेंबर हैं. पैनल ने जज के निजी सचिव और स्टाफ, उनके आवास पर तैनात सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन जज वर्मा के आधिकारिक आवास तुगलक क्रिसेंट बंगले में आग लगने की घटना पर फायर और पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किए हैं.
पैनल ने फायर ब्रिगेड की टीम की बयान दर्ज की. टीम के सभी कर्मियों ने साफ-साफ कहा कि उन्होंने जज के घर के भीतर स्टोररूम में लगी आग की लपटों से अछूती नकदी और जली हुई नकदी की बोरियों का वीडियो बनाया था. फिर जले और बिना जले नकदी की जब्ती के बिना ही घटना स्थल से चले गए थे.
वहीं, दिल्ली पुलिस आयुक्त के बताए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय के रजिस्ट्रार-सह-सचिव ने जस्टिस वर्मा के घर का निरीक्षण किया था. जस्टिस वर्मा के सचिव ने पूरे घटना स्थल का ब्यौरा दिया. उनको उस कमरे में ले गए, जहां कमरे में जला हुआ सामान और मलबा तो था, लेकिन वहां जली हुई या बिना जली हुई नकदी का कोई निशान नहीं था.
जांच पैनल ने पाया कि पुलिस ने फायर ब्रिगेड टीम को आग की सूचना दिया. 14 मार्च की रात 11.35 बजे पहली कॉल मिली थी. वे रात 11.43 बजे मौके पर पहुंचे. आग बुझाई और 15 मार्च को सुबह 1.56 बजे घटनास्थल से चले गए. पैनल ने यह भी पाया कि इसके तुरंत बाद घटना का वीडियो बनाने वाले पुलिसकर्मी भी घर से चले गए. नकदी को कमरे में ही छोड़ गए.
जज के आवास पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने पैनल को बताया कि जस्टिस वर्मा के निजी सचिव और निजी कर्मचारी वहीं रुके थे. पैनल का मनना है कि प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि 15 मार्च की सुबह कमरे से नकदी गायब हो गई. आग लगने की जगह से सभी जले और बिना जले नोटों को गायब कर दिया गया.
हालांकि, पैनल ने सीजेआई को बताया कि गवाहों को बुलाने और उनके बयान दर्ज करने के लिए औपचारिक जांच जरूरी है. यह देखा जाना है कि दिल्ली HC जांच पैनल के प्रथम दृष्टया निष्कर्षों के आधार पर न्यायाधीश के निजी सचिव के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करता है या नहीं.
CJI खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा को जांच रिपोर्ट भेजकर उनसे जवाब मांगा था. साथ ही सुझाव दिया था कि उन्हें न्यायाधीश पद छोड़ देना चाहिए. जस्टिस वर्मा ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद CJI मजबूर होकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जस्टिस के जवाब के साथ जांच रिपोर्ट भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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