झारखंड: इस जिले में मिला मालामाल करने वाला बड़ा भंडार, हजारों को मिलेगा रोजगार

1 month ago

Agency:News18 Jharkhand

Last Updated:February 24, 2025, 18:29 IST

रामगढ़ के मांडू में विशाल कोकिंग कोल भंडार मिला है. इससे 1500 से अधिक ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा.101 मिलियन टन कोयला रिजर्व है. परियोजना से कोकिंग कोल इम्पोर्ट की निर्भरता खत्म होगी.

 इस जिले में मिला मालामाल करने वाला बड़ा भंडार, हजारों को मिलेगा रोजगार

कोल इंडिया की पहली कोकिंग कोल एमडीओ प्रोजेक्ट से हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

हाइलाइट्स

रामगढ़ में मिला कोकिंग कोल भंडार, 1500 ग्रामीणों को रोजगार.कोतरे-बसंतपुर-पचमो क्षेत्र में विशाल कुकिंग कोल भंडार मिला,इस परियोजना से कोकिंग कोल इम्पोर्ट की निर्भरता खत्म होगी.

रामगढ़. झारखंड की धरती के अंदर इतना प्राकृतिक खजाना भरा है जिसका पूरा पता अब तक नहीं लगाया जा सका है. लेकिन, समय-समय पर इसकी खोज होती रहती है और अब एक बार फिर रामगढ़ जिले में विशाल कोकिंग कोल का भंडार मिला है जिससे इलाके के लोगों में खुशी की लहर है. कोल इंडिया की पहली कोकिंग कोल एमडीओ प्रोजेक्ट से हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. बता दें किवर्तमान में विदेश से भारत कोकिंग कोल् का इंपोर्ट करता है, लेकिन इस भंडार के मिलने से देश के धन की बड़ी बचत होी.इस कोकिंग कोल का स्टील प्लांट में भी उपयोग किया जाता है. मांडू के कोतरे-बसतपुर-पचमो प्रोजेक्ट से शुरू किया जाना है और यहां जल्दी ही कोयले का उत्पादन होगा.इसके पूजन का काम संपन्न हो गया है.

बता दें कि झारखंड के रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड क्षेत्र के बसंतपुर-कोतरे-पचमो क्षेत्र में विशाल कुकिंग कोल कोयले का भंडार मिला है. वर्तमान में भारत कोकिंग कोल का इंपोर्ट विदेश से बड़े पैमाने पर करता है. कोल् इंडिया की इस पहली कोकिंग कोल एमडीओ प्रोजेक्ट कोतरे-बसंतपुर-पचमो कोल माइंस शुरू होने के बाद 1500 से अधिक रैयत विस्थापित ग्रामीणों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा.

प्रति 2 एकड़ पर एक रैयत को नौकरी और नौ लाख प्रति एकड़ मुआवजा का प्रावधान है. जबकि, हजारों ग्रामीणों को रोड सेल, डिस्पैच , ट्रांसपोर्ट में रोज़गार मिलेगा. सीसीएल के महाप्रबंधक केके सिन्हा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से अगले 25 वर्षों तक कोयले का उत्पादन किया जाएगा. यहां पर 101 मिलियन टन कोकिंग कोल कोयले का रिजर्व भंडार है. यह परियोजना माइन डेवलपर कम ऑपरेटर (एमडीओ) के तहत संचालित होगी.

सीसीएल चरही के महाप्रबंधक केके सिन्हा ने बताया कि यहां कोकिंग कोल् का रिजर्व है. अभी कोकिंग कोल का हम लोग इम्पोर्ट करते हैं. इस परियोजना के चालू होने के बाद देश की जरूरत यहां से पूरी होगी. परियोजना चालू होने के बाद विदेश से कोकिंग कोल् के इम्पोर्ट की निर्भरता भी खत्म हो जाएगी. बताया गया की कोकिंग कोल् का इस्तेमाल स्टील प्लांट में किया जाता है. यह उच्च क्वालिटी का कोयला होता है.

रैयत कुलदीप महतो ने बताया कि हमलोग परियोजना खोलने के विरोधी नहीं है, लेकिन यहां के विस्थापित ग्रामीणों को रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा की गारंटी पहले मिलनी चाहिए. इस परियोजना का शिलान्यास 20 मई 2022 में तत्कालीन केंद्रीय कोयला प्रहलाद जोशी ने रखी थी.

Location :

Ramgarh,Jharkhand

First Published :

February 24, 2025, 18:29 IST

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