Last Updated:March 05, 2025, 09:23 IST
ZORAVAR LIGHT TANK: पहले भारत दुनिया के देशों के साथ रक्षा उतपादों के लिए निर्भर रहता था. अब दुनिया के तमाम देश भारत के साथ मिलना चाहते है. उसकी सबसे बड़ी वजह है आत्मनिर्भर भारत मुहीम. अब सेना के लिए हथियारों ...और पढ़ें

जोरावर टैंक दुनिया का सबसे आधुनिक और सबसे हलका टैंक
हाइलाइट्स
भारत में बनेगा जोरावर टैंक का टर्रटबेल्जियम की JDC कंपनी करेगी निर्माण2025 में सेना को सौंपा जाएगा जोरावर टैंकZORAVAR LIGHT TANK: 2020 में चीन के साथ तनवा के दौरान लाइट टैंक की जरूरत महसूस हुई थी. सेना ने तुरंत हाई ऑलटेट्यूड के लिए “प्रोजेक्ट ज़ोरावर” को शुरू किया था. महज 2 साल के अंदर जोरावर का डिजाइन भी तैयार हुआ. महज 4 साल के अंदर टैंक ट्रायल के एडवांस फेज में पहुंच गया. अब इसके निर्माण की बारी है. दुनिया के सबसे आधुनिक लाइट टैक का टर्रट भी दुनिया की सबसे बेहतर और प्रमुख कंपनी बनाएगी. बेलिजियम की जॉन कॉकरेल डिफेंस (JDC) भारत में इसका नीजि कंपनी के साथ मिलकर निर्माण करेगी.
भारत में बनेगा टैंक का टर्रट
भारतीय सेना के लिए हल्के टैंक के निर्माण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. दुनिया की कुछ ही कंपनियां टैंक टर्रट का निर्माण करती है. इसमें बेलजियम की जॉन कॉकरेल डिफेंस (JDC) पहले नंबर पर आती है. अब यह कंपनी भारतीय सेना के जोरावर प्रोजेक्ट के लिए टैंक टर्रट का निर्माण करेगी. भारत की पुणे स्थित इलेक्ट्रो न्यूमेटिक्स एंड हाइड्रोलिक्स (EPH) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी साथ ज्वाइंट वेंचर किया है. अब यह दोनों मिलकर ना सिर्फ जोरावर के लिए टर्रट बनाएंगे बल्कि आने वाले दिनो में भारत से इसे दूसरे देश को निर्यात भी कर सकेंगे. पहली बार बेलजियम की यह कंपनी अपने देश से बाहर किसी दूसरे देश में इस तरह का निर्माण करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक जोरावर का जो पहला प्रोटोटाइप बना है उसमें भी इसी कंपनी ने टर्रट दिया है. टर्रट टैंक वह हिस्सा है जिसमें बैरल लगा होता है. और यह पूरा हिस्सा टैंक के निचले हिस्से से जुड़ा होता है. इस जॉइंट वेंचर में 60:40 का अनुपात रहेगा. JCD की तकनीक होगी और EPH इसका उत्पादन करेगी. टैंक का सबसे कमजोर हिस्सा माने जाने वाले टर्रट को दुनिया की सबसे बेहतर कंपनी बनाएगी.
चीनी ब्लैक पैंथर बनाम ज़ोरावर
DRDO और L&T मिलकर इस प्रोजेक्ट को गुजरात के हज़िरा में डेवलप कर रही है. इसी साल 2025 में जोरावर को यूजर ट्रायल के लिए सेना को सुपुर्द किया जाना है. माना जा रहा है कि 2027 तक भारतीय सेना के पास लाइट टैंक ज़ोरावर होगा.. प्रोजेक्ट जोरावर के तहत एक 25 टन के 350 लाइट टैंक को भारतीय सेना में शामिल करना चाहती है. यह टैंक स्वदेशी और स्टेट ऑफ आर्ट इक्विपमैंट होंगा. चीन ने भी अपने लाइट टैंक ZTQ -15 या कहें टाईप 15 टैंक को पूरे एलएसी पर तैनात कर रखा है. इसे ब्लैक पैंथर के नाम से भी जाना जाता है. यह टैंक 33 टन वजनी है और कम वजन के चलते से ये आसानी से हाई ऑलटेट्यूड के इलकों में उंचाई वाली जगह पर आसानी से चढ़ जाते हैं. टाईप 15 चीन का तीसरी पीढ़ी का टैंक है. साल 2018 में चीनी सेना में 400 से ज़्यादा टैंक को शामिल किया गया और धीरे धीरे उसकी तैनाती पूरे एलएसी पर. चीन के इसी लाइट टैंक को जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने तीसरी पीढ़ी के लाइट टैंक लेने की तैयारी की है.
जोरावर की खासियत
भारतीय सेना के जरूरत के मुताबिक ही इस टैंक को तैयार किया गया है. सेना को ऐसा टैंक चाहिए था जिसकी रफ्तार अधिकतम होनी चाहिए यहां तक की रिवर्स में भी. यह टैंक हर टेरेन में फर्स्ट राउंड हिट होगा यानी की एक राउंड में ही दुश्मन के टैंक और बख्तरबंद बंद गाड़ियों को सटीक निशाना बनाएगी. इसकी डिजाइन ऐसा है कि इसे रोड और रेल के जरिए आसानी से मूव किया जा सकता है. इस टैंक में जितने भी सिस्टम लगे हैं वह हाई ऑलटेट्यूड के माइनस तापमान और रेगिस्तान के अधिकतम तापमान में भी अधिकतम फ़ायर रेंज करेंगी. इस लाइट टैंक में क्रू 2 से 3 होंगे. इन्हें एरियल खतरे यानी आर्यूम एवी और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों के खतरे से भी बचाने के लिए खास प्रोटेक्शन होगा. इस नए लाइट टैंक की खूबी में दुश्मन के टैंक के आलावा यूएवी ,आर्मड वेहिकल को निशाना बनाने की काबिलियत होगी. टैंक में राउंड लोड भी ऑटोमैटिक है. एक्सप्लोसिव रियेक्टिव आर्मर , सॉफ्ट किल, कैमिकल , बायोलॉजिकल, न्यूक्लियर प्रोटेक्शन के साथ साथ फायर डिटेक्शन एंड सप्रेसन सिस्टम भी होगा. इससे मॉर्डर्न एडवांसड मल्टी पर्पज स्मार्ट म्यूनेशन के साथ गन ट्यूब से लांच होने वाल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी दागी जा सकेगी.
First Published :
March 05, 2025, 09:23 IST