Last Updated:June 29, 2025, 18:35 IST
UPSC CAPF Story: आत्मविश्वास और मेहनत से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है. इस वाक्य को सही साबित करते हुए एक शख्स ने यूपीएससी सीएपीएफ में 139वीं रैंक हासिल की हैं.

UPSC CAPF Story: हर परिस्थितियों को मात देकर बना असिस्टेंट कमांडेंट
हाइलाइट्स
ट्यूशन से जुटाया खर्च, सपनों को दी उड़ानपिता को खोया, उम्मीद नहींSSB को चुना दिल से, देश सेवा को बनाया मकसदUPSC CAPF Story: कहते हैं न कि जहां चाह है, वहीं राह है. इसी वाक्य का सही साबित करते हुए झारखंड सौरभ कुमार ने यूपीएससी सीएपीएफ 2024 परीक्षा में 139वीं रैंक हासिल कर राज्य और देश का नाम रोशन किया है. सीमित संसाधनों और कठिन पारिवारिक परिस्थितियों में भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने संकल्प के दम पर यह मुकाम हासिल किया.
परिवारिक जिम्मेदारियों के बीच पढ़ाई की राह
UPSC CAPF में शानदार परफॉर्म करने वाले सौरभ झारखंड के बोकारो के रहने वाले हैं. उनके जीवन में चुनौतियां बचपन से ही रहीं. पिता के निधन के बाद परिवार हजारीबाग शिफ्ट हो गया. इन कठिन परिस्थितियों में उन्होंने अपने ऊपर जिम्मेदारियों का बोझ उठाया और शिक्षा जारी रखी. रांची और दिल्ली में पढ़ाई के दौरान उन्होंने बीए (इकोनॉमिक्स और मैथ्स) किया.
होम ट्यूशन से खुद की तैयारी का खर्च उठाया
दिल्ली में रहकर सौरभ (Sourabh Kumar) ने कक्षा 10वीं तक के छात्रों को गणित पढ़ाना शुरू किया. यही ट्यूशन उनकी पढ़ाई और UPSC की तैयारी का आर्थिक सहारा बना. आत्मनिर्भर बनने की यह आदत उन्हें हर चुनौती से लड़ने की ताकत देती रही.
CAPF की तैयारी में गहराई से की समझ विकसित
CAPF परीक्षा के लिए उन्होंने गंभीरता से तैयारी की. मॉक इंटरव्यू में उन्होंने अर्थव्यवस्था, नक्सलवाद, झारखंड की राजनीति, बोकारो स्टील प्लांट और थर्मल पावर जैसे विषयों पर संतुलित और तथ्यों पर आधारित उत्तर दिए. उनका आत्मविश्वास साफ झलकता था.
SSB के प्रति विशेष लगाव, प्राथमिकता में रखा पहला स्थान
मॉक इंटरव्यू के दौरान सौरभ ने बताया कि CAPF की सभी इकाइयों में से उन्होंने SSB (Sashastra Seema Bal) को अपनी पहली प्राथमिकता दी. इसकी वजह थी उनका SSB के साथ व्यक्तिगत अनुभव बचपन में अपने क्षेत्र में चुनाव ड्यूटी के दौरान SSB को देखा और बाद में इंडो-नेपाल बॉर्डर का दौरा भी किया.
सपनों की उड़ान: युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत
सौरभ की कहानी इस बात का उदाहरण है कि कठिनाइयां चाहे जितनी भी हों, अगर इरादा पक्का हो तो सफलता दूर नहीं. उनका आत्मविश्वास, मेहनत और आत्मनिर्भरता आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है. वे यह साबित करते हैं कि सीमित संसाधन भी कभी सपनों को रोक नहीं सकते.
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...
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