ट्रंप के दूत आ रहे भारत, 'ट्रस्‍ट' पर होगी बात, पाक‍िस्‍तान-बांग्‍लादेश पर नजर

12 hours ago

Last Updated:March 25, 2025, 23:09 IST

India-US relations: डोनाल्ड ट्रंप के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर माइकल वॉल्ट्ज अगले महीने भारत आ रहे हैं. उनका दौरा हाई टेक्नोलॉजी, क्रिटिकल मिनरल्स और एक्सपोर्ट कंट्रोल पर चर्चा के लिए है.

ट्रंप के दूत आ रहे भारत, 'ट्रस्‍ट' पर होगी बात, पाक‍िस्‍तान-बांग्‍लादेश पर नजर

अमेर‍िकी एनएसए आ रहे भारत, जयशंकर से होगी मुलाकात. (File Photo)

हाइलाइट्स

माइकल वॉल्ट्ज अगले महीने भारत आएंगे.हाई टेक्नोलॉजी और क्रिटिकल मिनरल्स पर चर्चा होगी.भारत-अमेरिका ट्रस्ट पहल पर भी बात होगी.

नई द‍िल्‍ली. डोनाल्‍ड ट्रंप के नेशनल सिक्‍योरिटी एडवाइजर (NSA) माइकल वॉल्ट्ज अगले महीने भारत आ रहे हैं. सरकार बनने के बाद उनका यह दूसरा दौरा होगा. वह भारत-अमेरिका ट्रस्ट (ट्रांसफॉर्मिंग द रिलेशनशिप यूटिलाइजिंग स्ट्रैटेजिक टेक्नोलॉजी) पहल के तहत हाई टेक्‍नोलॉजी, क्रि‍ट‍िकल मिनरल्‍स और एक्‍सपोर्ट कंट्रोल पर बात करेंगे. लेकिन मामले से जुड़े लोगों का मानना है क‍ि ज‍िस तरह के हालात पाक‍िस्‍तान और बांग्‍लादेश में बन रहे हैं, उस पर जरूर चर्चा होगी.

ट्रंप कह चुके हैं क‍ि बांग्‍लादेश के बारे में फैसला पीएम मोदी को लेना है. ऐसे में वॉल्ट्ज के इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है. माइकल वॉल्ट्ज भारत-अमेरिका संबंधों के प्रबल समर्थक माने जाते हैं. उनका दौरा अमेर‍िकी नेशनल सिक्‍योरिटी चीफ तुलसी गबार्ड के दौरे से कुछ हफ्तों बाद होने जा रहा है. गबार्ड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं. 21 से 23 अप्रैल के बीच भारत आ रहे वॉल्ट्ज का भी कुछ ऐसा ही कार्यक्रम रहने वाला है. इतना ही नहीं, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस भी अगले कुछ महीनों में अपनी पत्‍नी उषा वांस और बच्चों के साथ भारत आने पर विचार कर रहे हैं. वह शिमला, हैदराबाद, जयपुर और दिल्ली की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं.

अमेर‍िका का एक दूत पहले से ही भारत में मौजूद
इसी बीच, अमेरिकी उप व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच मंगलवार से दक्षिण और मध्य एशिया के लिए पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली में हैं. वे व्यापार और शुल्क से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे. लिंच का दौरा डोनाल्ड ट्रंप के रेस‍िप्रोकल टैर‍िफ लागू होने से कुछ देर पहले हो रहा है. भारत कह चुका है क‍ि वह अमेर‍िका के साथ मिलकर एक व्‍यापार ढांचा तैयार कर रहा है. लेकिन वॉल्ट्ज का दौरा साउथ एश‍िया में सुरक्षा के ल‍िहाज से काफी अहम है

वॉल्ट्ज के दौरे के मायने समझ‍िए

माइकल वाल्ट्ज भारत के साथ संबंधों को “21वीं सदी का सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता” करार दे चुके हैं. उन्‍होंने कहा था, भारत और अमेरिका का सहयोग यह तय करेगा कि यह सदी प्रकाश का युग बनेगी या अंधकार का. चंद महीनों में उनका दूसरी बार भारत दौरा बताता है क‍ि भारत उनके ल‍िए क‍ितना खास है. माइकल वाल्ट्ज की नियुक्ति से यह स्पष्ट हो गया था कि ट्रंप प्रशासन भारत को अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति के केंद्र में रखना चाहता है. ‘ट्रस्ट’ पहल दोनों देशों के बीच विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाने पर केंद्रित है. इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष अनुसंधान और रक्षा प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं पर साथ काम करने पर बात हो रही है. लेकिन सबसे खास, ट्रस्‍ट पहल इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और चीन की बढ़ती आक्रामकता के जवाब में दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को भी मजबूत कर सकती है. एक अमेर‍िकी अफसर ने कहा था- यह पहल केवल द्विपक्षीय सहयोग तक सीमित नहीं , साइबर सुरक्षा, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक रणनीतिक ढांचा है.

भारत के लिए क्या मायने?
भारत के लिए यह यात्रा और पहल कई मायनों में महत्वपूर्ण है. पहला, यह भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका को बताता है. दूसरा, यह रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। तीसरा, यह भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का अवसर देगा, खासकर तब जब चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के साथ तनाव बना हुआ है.

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

March 25, 2025, 23:09 IST

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