तय हो गई थी हिडमा की मौत की तारीख, नहीं मरता नक्सली अगर मान लेता मां की बात

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Last Updated:November 18, 2025, 13:16 IST

Madvi Hidma News: भारत का कुख्यात नक्सली माडवी हिडमा मारा गया. आंध्र-ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एनकाउंटर में हिडमा का काम तमाम हो गया. सुरक्षाबलों ने मंगलवार को हिडमा, उसकी पत्नी समेत छह नक्सलियों को ढेर कर दिया.

तय हो गई थी हिडमा की मौत की तारीख, नहीं मरता नक्सली अगर मान लेता मां की बातसुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में हिडमा को मार गिराया.

Madvi Hidma Death News: लाल आतंक के खिलाफ बड़ा प्रहार हुआ है. नक्सलियों के आका कहे जाने वाले माडवी हिडमा का अंत हो गया. आंध्र प्रदेश-ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में मंगलवार को सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में हिडमा मारा गया. लाल आतंक के खिलाफ यह एक्शन मंगलवार की रात को आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र में हुआ. नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के साथ छह नक्सली मारे गए. नक्सली हिडमा के साथ उसकी पत्नी का भी खात्मा हो गया. नक्सली हिडमा की मौत की पटकथा शायद उसी दिन लिख दी गई थी, जब डिप्टी सीएम विजय शर्मा और हिडमा की मां की मुलाकात हुई थी. अगर हिडमा अपनी मां की बात मान लेता तो आज मरता नहीं.

जी हां, पिछले सप्ताह छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने हिडमा की मां मडवी पुंजी से मुलाकात की थी. इस दौरान हिडमा की मां मडवी पुंजी ने एक भावुक वीडियो अपील की थी. उसमें उन्होंने बेटे हिडमा से कहा था, ‘कहां हो बेटा? घर लौट आओ. सरेंडर कर दो.’ उस दिन डिप्टी सीएम ने हिडमा की मां के साथ उस दिन खाना भी खाया था. यह कहानी 11 नवंबर की है. अगर हिडमा उस दिन अपनी उमां की यह बात मान लेता, तो शायद आज जिंदा होता. मदक जंगलों में हथियार थामे घूमने की जिद ने उसकी जिंदगी छीन ली. उसी दिन उसकी मौत की कहानी लिख दी गई थी.

मां की बात न मानना पड़ा भारी

जब हिडमा अपनी मां की भी बात नहीं माना तो सुरक्षाबलों ने उसका काम तमान करने की ठानी. हिडमा के पीछे सुरक्षाबल के जवान काल की तरह पड़ गए. सूत्रों का कहना है कि यह मुठभेड़ मारेडुमिली वन क्षेत्र में उस समय हुई जब छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान में लगे हुए थे. हिडमा अपनी पत्नी के साथ ही था, जब वह मारा गया. हिडमा पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर 26 सशस्त्र हमलों के पीछे था.

किस बात का सता रहा था डर?

सूत्रों का कहना है कि खूंखार नक्सली हिडमा इसलिए सरेंडर नहीं कर रहा था क्योंकि उसे एक बात का डर था. वह यह कि सरेंडर करने पर बाकि नक्सली उसे भी भूपति, रुपेश, चन्दना की तरह गद्दार कहते. यह बात एक सरेंडर करने वाले नक्सली ने कही थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गोलीबारी उस समय हुई जब सुरक्षा बलों ने माओवादियों के एक समूह को घेर लिया और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा. इसके बाद, नक्सलियों ने कथित तौर पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे सुरक्षाकर्मियों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. सुरक्षा बल कुछ माओवादियों की तलाश में अभियान जारी रखे हुए थे, जिनके जंगलों में गहरे भाग जाने का संदेह था.

मोस्ट वांटेड था हिडमा

यह मुठभेड़ आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के त्रि-जंक्शन बिंदु के पास हुई. हिडमा को भारत में सबसे वांछित माओवादी कमांडर माना जाता था. 43 वर्षीय हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन की बटालियन संख्या एक का प्रमुख है, जिसे सबसे घातक माओवादी हमला इकाई कहा जाता है. 50 लाख रुपए का इनामी हिडमा, भाकपा (माओवादी) केंद्रीय समिति में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र का एकमात्र आदिवासी था. उसे 2010 में दंतेवाड़ा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 76 जवानों के नरसंहार का मास्टरमाइंड बताया गया था. यह भारत में सुरक्षा बलों पर माओवादियों द्वारा किया गया सबसे घातक हमला था.

27 लोगों की हत्या का हत्यारा
उस पर 2013 में छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में टॉप कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोगों की हत्या में शामिल होने का भी आरोप था. हिडमा को 2021 में छत्तीसगढ़ के सुकमा में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 22 जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड भी माना जाता है. शीर्ष माओवादी कमांडर की हत्या छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की कई सफलताओं के बाद हुई है. यह मुठभेड़ प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के लिए आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र में फिर से संगठित होने के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई, जिसे कभी माओवादी गतिविधियों का गढ़ माना जाता था.

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

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First Published :

November 18, 2025, 13:16 IST

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