दावोस में फडणवीस, शिंदे ने लगाया फोन और फिर CM को वापस लेना पड़ा ऑर्डर

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Last Updated:January 20, 2025, 08:35 IST

Maharashtra Poitics: बीते दिनों महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के विभिन्न जिलों के लिए संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति की. लेकिन उनकी इस नियुक्ति पर महायुति के भीतर ही विवाद पैदा हो गया. आंदोलन होने लगे. दावेदार नेताओं के समर्थक सड़क पर उतर गए....और पढ़ें

दावोस में फडणवीस, शिंदे ने लगाया फोन और फिर CM को वापस लेना पड़ा ऑर्डर

एकनाथ शिंदे के एक कॉल पर सीएम देवेंद्र फडणवीस को अपना अहम फैसला बदलना पड़ा.

Maharashtra Poitics: महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनने के पहले से ही खींचतान जारी है. पहले मुख्यमंत्री पद फिर विभागों के बंटवारे पर महायुति के तीनों दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच खींचतान का एक लंबा दौर देखा गया. बावजूद इसके बवाल नहीं थमा है. राज्य में पिछले दिनों सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक अहम फैसला लिया था. लेकिन, उनके इस फैसले पर भी विवाद बढ़ गया और सीएम को अपना फैसला बदलना पड़ा. इस बार सीएम को शिवसेना नेता और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की बात माननी पड़ी है.

दरअसल, राज्य में नया बवाल संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर है. पिछले दिनों सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लंबी चर्चा और जद्दोजहद के बाद संरक्षक मंत्रियों की सूची जारी की थी. लेकिन, इस पर महायुति के भीतर विवाद हो गया है. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने फडणवीस को फोन कर फैसले में बदलाव करने की बात कही जिसे सीएम ने मान लिया. दरअसल, मंत्री भरत गोगवले ने रायगढ़ जिले का संरक्षक मंत्री पद पाने पर जोर दिया था. लेकिन, उनको नजरअंदाज कर अदिति तटकरे को संरक्षक मंत्री पद दिया गया. इसी तरह दादा भुसे नासिक के संरक्षक मंत्री का पद चाहते थे लेकिन, इसे गिरीश महाजन को दिया गया. लेकिन महायुति में विवाद के बाद सीएम ने अदिति तटकरे और गिरीश महाजन की संरक्षक मंत्री पद पर नियुक्ति स्थगित कर दी है.

दावोस दौरे पर सीएम
मुख्यमंत्री फडणवीस दावोस के दौरे पर गए हैं. दावोस के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने संरक्षक मंत्री पद का विषय उठाया. शिवसेना के दो वरिष्ठ मंत्रियों को उनके इच्छित जिले की संरक्षकता नहीं दी गई. इससे एकनाथ शिंदे नाराज हो गए. शिवसेना में यह चर्चा उठी कि बीजेपी मनमानी कर रही है. भुसे और गोगवले ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस पर चर्चा की.

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भरत गोगवले और दादा भुसे की शिकायतों को गंभीरता से लिया और तुरंत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से संपर्क किया और उनसे अभिभावक मंत्री की नियुक्ति को स्थगित करने का अनुरोध किया. शिंदे ने फडणवीस को सूचित किया कि भरत गोगवले समर्थकों का आंदोलन और नासिक में दादा भूसे जैसे वरिष्ठ नेता को संरक्षकता से इनकार करना पार्टी में अच्छा नहीं होगा. दोनों नेताओं के बीच चर्चा के बाद अभिभावक मंत्री के रूप में अदिति तटकरे और गिरीश महाजन की नियुक्ति को स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

संरक्षक मंत्री पद को लेकर महायुति में विवाद सामने आ गया है. नासिक में शिवसेना और भाजपा संरक्षक मंत्री पद के लिए तकरार है. रायगढ़ में शिवसेना और एनसीपी अभिभावक मंत्री पद के लिए लड़ रहे थे. जब दोनों पार्टियों के नेता सुनने को तैयार नहीं थे और संरक्षक पद पर अड़े हुए थे तो फडणवीस ने नियुक्ति में देरी का रास्ता अपनाया.

गोगावले और भुसे समर्थक आक्रामक, आंदोलन और निलंबन…
संरक्षक मंत्री पद की सूची जारी होने के बाद भरत गोगावेले और दादा भुसे समर्थक काफी आक्रामक थे. गोगावले समर्थकों ने रात में दो घंटे तक मुंबई-गोवा हाईवे जाम कर दिया और खुलेआम कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री फडणवीस का फैसला मंजूर नहीं है. इधर दादा भुसे ने भी उपमुख्यमंत्री शिंदे के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की. अंततः एकनाथ शिंदे ने फोन पर फडणवीस से संपर्क किया और अनुरोध किया कि अभिभावक मंत्री के रूप में तटकरे और महाजन की नियुक्ति स्थगित कर दी जाए.

First Published :

January 20, 2025, 08:35 IST

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