दिल्‍ली में खिला कमल, अब बंगाल में खिलेगा, पर शाह ने बिहार को क्‍यों छोड़ा?

3 days ago

Last Updated:March 26, 2025, 23:34 IST

Political News: आने वाले 12 से 14 महीनों में देश के अंदर देश के दो बड़े प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है. बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं तो पश्चिम बंगाल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सियासी...और पढ़ें

दिल्‍ली में खिला कमल, अब बंगाल में खिलेगा, पर शाह ने बिहार को क्‍यों छोड़ा?

अमित शाह ने संसद में पश्चिम बंगाल का नाम लिया, लेकिन बिहार का उल्‍लेख क्‍यों नहीं किया.

हाइलाइट्स

बिहार में अक्‍टूबर में विधानसभा चुनाव होना है, तैयारी हो चुकी है शुरूपश्चिम बंगाल में अगले साल हाई स्‍टेक चुनाव, सबकी टिकी हैं नजरेंअमित शाह ने संसद में दिल्‍ली जीत का किया उल्‍लेख, बंगाल का लिया नाम

नई दिल्‍ली. भारत को पर्व और त्‍योहारों का देश कहा जाता है. राजनीतिक भाषा में अगर जाएं तो भारत चुनावों का भी देश है. यहां थोड़े-थोड़े अंतराल पर किसी न किसी तरह के चुनाव होते रहते हैं. पिछले कुछ महीनों में जम्‍मू-कश्‍मीर, झारखंड, हरियाणा, महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली जैसे राज्‍यों/केंद्र प्रशासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव संपन्‍न हुए. इससे पहले साल 2024 की गर्मियों में लोकसभा के साथ ओडिशा विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे. अब आने वाले कुछ महीनों में देश के दो बड़े राज्‍यों में हाई-स्‍टेक विधानसभा चुनाव होने हैं. इनमें बिहार और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. बिहार में अक्‍टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं तो पश्चिम बंगाल में मार्च-अप्रैल 2026 में चुनाव होना है. इन दोनों चुनावों की तपिश धीरे-धीरे महसूस होने लगी है.

दरअसल, बुधवार 26 मार्च 2025 को संसद में केंद्रीय गृह मंत्री ने अमित शाह ने दिल्‍ली और पश्चिम बंगाल का जिक्र किया. अमित शाह ने दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली में कमल खिल गया है. इसके साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि अब अगला नंबर पश्चिम बंगाल का है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा सरकार का पतन के बाद से ही वहां ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस राज कर रही है. ममता की पार्टी वहां के चुनावों में लगातार जीत हासिल कर रही है. पश्चिम बंगाल का चुनावी राज्‍य के तौर पर काफी महत्‍व है. यहां विधानसभा की 295 सीटें हैं, जबकि लोकसभा की 42 सीटें हैं. बता दें कि विधानसभा सीट के आधार पर राज्‍यसभा की सीटें तय होती है. ऐसे में बंगाल का महत्‍व राज्‍यसभा के सदस्‍यों के निर्वाचन में भी अहम है.

बिहार का उल्‍लेख नहीं, सीएम नीतीश के लिए या मैसेज?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बुधवार को विधानसभा चुनाव के सिलसिले में दिल्‍ली और पश्चिम बंगाल का उल्‍लेख तो किया, पर बिहार को स्किप कर गए. उन्‍होंने कहा, ‘दिल्‍ली में कम खिल गया है, अब बंगाल में खिलाना है.’ दिलचस्‍प बात यह है कि पश्चिम बंगाल से पहले बिहार में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन अमित शाह ने बिहार का नाम नहीं लिया. आखिर इसकी क्‍या वजह हो सकती है? दरअसल, बिहार में कुछ महीनों को छोड़ दिया जाए तो साल 2005 से बीजेपी और जेडीयू की संयुक्‍त सरकार रही है. नीतीश कुमार लगातार मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हैं. दूसरी वजह यह भी है कि बिहार में एनडीए गठबंधन का पलड़ा भारी है. दरअसल, बिहार में तीन प्रमुख पार्टियां हैं- जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी. हालिया राजनीतिक घटनाक्रम का इतिहास यह बताता है कि जो भी इनमें से जिन दो दलों के बीच गठजोड़ होता है, वही गठबंधन सत्‍ता में आती है. फिलहाल बीजेपी और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के बीच गठजोड़ है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

March 26, 2025, 23:26 IST

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