Last Updated:March 06, 2025, 05:26 IST
Andhra Pradesh News: YSR कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी चाहते हैं कि उनकी पार्टी को विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल घोषित किया जाए. उनके पास पर्याप्त विधायक नहीं हैं लेकिन जगन ने दिल्ली का हवाला देकर ...और पढ़ें

दिल्ली की तर्ज पर आंध्र में LoP पद मांग रहे जगन
हाइलाइट्स
YSRCP ने आंध्र प्रदेश विधानसभा में LoP का दर्जा मांगा.विधानसभा अध्यक्ष ने YSRCP की मांग खारिज की.YSRCP ने दिल्ली का उदाहरण देकर विरोध जताया.हैदराबाद: आंध्र प्रदेश विधानसभा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) की मांग को लेकर हंगामा जारी है. YSRCP ने खुद को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी घोषित करने की डिमांड की है. हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष सी अय्यन्ना पत्रुडु (C Ayyanna Patrudu) ने इसे खारिज कर दिया. इस फैसले से YSRCP प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी भड़क उठे. उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली विधानसभा का उदाहरण देकर सवाल उठाया कि जब वहां ऐसा हो सकता है, तो आंध्र प्रदेश में क्यों नहीं?
LoP की मांग पर क्यों हंगामा?
आंध्र प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता (Leader of Opposition – LoP) के पद के लिए कम से कम 18 विधायकों की जरूरत होती है. लेकिन YSR कांग्रेस को 2024 के चुनावों में बड़ा झटका लगा था. पार्टी की सीटें 2019 में 151 से घटकर सिर्फ 11 रह गईं. ऐसे में अध्यक्ष पत्रुडु ने LoP की मांग को असंवैधानिक और अव्यवहारिक बताते हुए ठुकरा दिया.
इसके बाद YSRCP विधायकों ने विधानसभा में हंगामा कर दिया. जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी (TDP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जन सेना पार्टी (JSP) ने विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश रची है.
‘AAP ने BJP को विपक्षी पार्टी माना था, तो हमें क्यों नहीं?’
विधानसभा में जगन रेड्डी ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा, “दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सिर्फ तीन विधायकों के साथ बीजेपी को विपक्षी पार्टी का दर्जा दिया था. लेकिन आंध्र प्रदेश में हमें LoP का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा? क्या 40% वोट शेयर वाले YSRCP को विपक्ष का दर्जा नहीं मिलना चाहिए?”
उन्होंने TDP सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि YSRCP को बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया जा रहा है.
‘कानून के खिलाफ फैसला नहीं ले सकते’: स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष सी अय्यन्ना पत्रुडु ने जगन की दलीलों को तर्कहीन बताते हुए कहा कि LoP पद के लिए नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, “आपकी पार्टी ने 11 सीटें जीती हैं, जबकि नियमों के अनुसार LoP बनने के लिए 18 सीटें जरूरी हैं. जब तक यह संख्या पूरी नहीं होती, मैं इस मांग को स्वीकार नहीं कर सकता.”
पत्रुडु ने यह भी याद दिलाया कि जगन का मामला अभी आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित है. उन्होंने वाईएसआरसीपी को चेतावनी दी कि इस तरह बार-बार मांग करना विशेषाधिकार हनन और अवमानना का मामला बन सकता है.
विधानसभा में एक और वॉकआउट
YSRCP ने पहले भी LoP की मांग उठाई थी. 26 फरवरी को राज्यपाल एस अब्दुल नज़ीर (S Abdul Nazeer) के संबोधन के दौरान पार्टी ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था. जगन मोहन रेड्डी ने जून 2024 में ही विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर LoP का दर्जा देने की मांग की थी. लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया. अब दोबारा जब बजट सत्र शुरू हुआ, तो YSRCP ने अपनी मांग तेज कर दी. लेकिन TDP और उसके सहयोगियों ने इस पर सहमति नहीं दी.
TDP का पलटवार – ‘हम नियमों से नहीं खेल सकते’
TDP नेता और मंत्री नारा लोकेश नायडू (N Lokesh Naidu) ने कहा कि जगन संविधान के खिलाफ जाकर विपक्ष के नेता का पद हथियाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हर पार्टी को अधिकार है, लेकिन यह अधिकार संविधान के दायरे में होना चाहिए. YSRCP को अगर LoP पद चाहिए, तो पहले पर्याप्त सीटें जीतनी होंगी. हम नियमों को ताक पर रखकर कोई फैसला नहीं कर सकते.”
YSRCP अपनी मांग को लेकर अड़ी हुई है, लेकिन सरकार और स्पीकर ने साफ कर दिया है कि नियम बदले नहीं जाएंगे. अब सवाल यह है कि क्या हाईकोर्ट से YSRCP को कोई राहत मिलेगी?
Location :
Hyderabad,Telangana
First Published :
March 06, 2025, 05:26 IST