Last Updated:August 23, 2025, 14:07 IST
Cyber Crime Hub: नूंह साइबर क्राइम हब पर पुलिस ने 20 दिन में 60 अपराधी पकड़े, सिम और एटीएम कार्ड बरामद किए. एसपी राजेश कुमार ने काउंसलिंग सेंटर खोलने की घोषणा की.

नूंह. हरियाणा के नूंह जिला साइबर क्राइम का हब है. देशभर में होने वाली ठगी को यहीं से अंजाम दिया जाता है. लेकिन अब पुलिस ने यहां पर साइबर ठगी को लेकर अभियान चलाया है. एसपी राजेश कुमार का कहना है कि पुलिस की ओर से से इस दिशा में काम किया गया.
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने पिछले 20 दिन एक कैंपेन चलाया और रेड में 60 साइबर अपराधियों को दबोचा. इनसे 20 से ज्यादा एटीएम कार्ड और लगभग 40 – 50 मोबाइल सिम रिकवर की गई हैं. एसपी नूंह ने कहा कि पहली बार यह बात सामने आई है कि दूसरे राज्यों से भी सिम लेकर यहां पर यह सिम बेची जा रही है. पूरे कैंपेन के दौरान ऐसे दो गैंग पकड़े गए हैं. आने वाले समय में भी हमारा प्रयास रहेगा कि यहां पर जो साइबर क्राइम का हॉटस्पॉट बना हुआ है, उसे कैसे खत्म किया जाए.
एसपी ने कहा कि जो भी लोग इसमें शामिल हैं, चाहे सिम देने वाले लोग हों, चाहे बैंक खाते खुलवाने वाले लोग हों, फर्जी बैंक खाता, फर्जी सिम उपलब्ध करवाते हैं और अपना मार्जिन लेकर गैंग चलाते हैं. उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एसपी ने कहा कि डिपार्टमेंट आफ टेलीकॉम के अधिकारियों के साथ पीछे एक सेमिनार हुआ था. सिम विक्रेताओं के साथ बैठक ली गई थी और हिदायत दी गई थी. उसके बाद देखने में आया है की सिम विक्रेताओं ने काफी सुधार किया गया है. केवाईसी अकाउंट के आधार पर सिम मिल रही है. उसके अलावा भी पुलिस लगातार सिम बेचने वाले लोगों पर नजर रख रही है. अगर किसी भी सिम बेचने वाले ने नियमों को ताक पर रखकर काम किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पहले के मुकाबले काफी सुधार हुआ है.
लिस ने पिछले 20 दिन एक कैंपेन चलाया और रेड में 60 साइबर अपराधियों को दबोचा.
एसपी बोले कि दूसरे राज्यों की पुलिस जब साइबर ठगी के अपराधियों के खिलाफ रेड करने आती है तो उनका पूरा सहयोग किया जाता है ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके. ऑनलाइन जितना भी डाटा जो पुलिस के पास है. दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ उसको शेयर करते हैं ताकि सोशल मीडिया आईडी या मोबाइल नंबर से उसे पकड़ा जा सके या पूरी सूचना प्राप्त हो सके. साइबर क्राइम टीम दूसरे राज्यों की टीम से संपर्क में रहती है.
क्या है खास
एसपी ने बताया कि सबसे खास बात यह है कि जो साइबर अपराधी गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर छूट कर बाहर आएगा, उसकी काउंसलिंग कराने के लिए केंद्र खोले जा रहे हैं. उनको मुख्य धारा से जोड़ने के लिए काउंसलिंग की जाएगी. इसके लिए ट्रैफिक थाना पुलिस परिसर में और एक पुलिस लाइन नूंह में एंटी साइबर क्राइम एक्सीलेंस सेंटर तथा साइबर वॉरियर्स पंचायत सेंटर स्थापित किए जाएंगे. जेल से जमानत पर आने वालों की काउंसलिंग की जाएगी ताकि अपराध छोड़कर अच्छे नागरिक बन सकें. साइबर एक्सपर्ट, पुलिस इत्यादि से जुड़े लोगों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा.
यंग लोग कर रहे हैं ठगी ठोरी
एसपी कहते हैं कि अधिकतर युवा 18 – 25 आयु वर्ग के होते हैं. साइबर अपराधियों के पकड़े जाने से परिवार पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है. कुल मिलाकर साइबर अपराधियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस विभाग ने काउंसलिंग का सराहनीय कदम उठाया है ताकि युवा साइबर अपराध को छोड़कर सही कामों से अपनी आजीविका को बेहतर बना सकें. इसी लिए शुक्रवार को ट्रैफिक थाना मांडीखेड़ा का दौरा कर जगह चिन्हित कर फाइनल किया गया है.
Results-driven journalist with 13 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
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Location :
Nuh,Mewat,Haryana
First Published :
August 23, 2025, 14:02 IST