Last Updated:August 23, 2025, 13:41 IST
Tariff War: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने टैरिफ वॉर पर अमेरिका और यूरोप को जवाब देते हुए कहा कि भारत से रिफाइंड ऑयल खरीदना आपकी मर्जी है, कोई मजबूर नहीं कर सकता है. अमेरिका और यूरोप दोनों रूसी तेल आयात को लेकर भार...और पढ़ें

Tariff War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से छेड़े गए टैरिफ वॉर और रूस से कच्चा तेल आयात करने को लेकर भारत ने अमेरिका और यूरोप को अभी तक का सबसे करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि कोई किसी को भी भारत से रिफाइंड ऑयल खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि यदि आपको इसमें (भारत से ऑयल या रिफाइंड प्रोडक्ट) समस्या है तो आप मत खरीदिए आपको कोई मजबूर नहीं कर सकता है.
एक कार्यक्रम में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूसी तेल आयात पर अमेरिका और यूरोप को सीधा और स्पष्ट जवाब दिया है. जयशंकर ने अमेरिका और यूरोप पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि भारत से रिफाइंड ऑयल या उत्पाद खरीदना किसी की मजबूरी नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि यदि किसी को भारत से तेल या पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने में दिक्कत है तो वह न खरीदे. जयशंकर ने कहा, ‘यह मज़ाक है कि एक प्रो-बिज़नेस अमेरिकी प्रशासन के लोग दूसरों पर बिज़नेस करने का आरोप लगाएं. अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने में समस्या है तो मत खरीदिए. कोई आपको मजबूर नहीं करता. लेकिन हकीकत यह है कि यूरोप भी खरीद रहा है और अमेरिका भी खरीद रहा.’
डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वॉर
जयशंकर की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. इनमें अतिरिक्त 25% शुल्क भी शामिल है, जो रूस से भारत की बढ़ी हुई तेल खरीद को सज़ा के तौर पर लगाया गया है. गौरतलब है कि ट्रंप ने चीन पर ऐसा कोई दंडात्मक शुल्क नहीं लगाया है, जबकि वह रूस का सबसे बड़ा तेल ग्राहक है. भारत ने इस अमेरिकी कदम को अनुचित, अन्यायपूर्ण और असंगत करार देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए वह सभी आवश्यक कदम उठाएगा. विदेश मंत्रालय ने इस बात का भी उल्लेख किया कि कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए रूस से तेल खरीद रहे हैं, फिर भी केवल भारत को निशाना बनाना निराशाजनक है.
#WATCH | Delhi: At The Economic Times World Leaders Forum 2025, EAM Dr S Jaishankar says, “It’s funny to have people who work for a pro-business American administration accusing other people of doing business. If you have a problem buying oil or refined products from India, don’t… pic.twitter.com/rXW9kCcVuv
भारत पहले भी स्पष्ट कर चुका है अपना रुख
जयशंकर ने पहले भी स्पष्ट किया था कि भारत रूस से तेल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश नहीं है. उन्होंने कहा कि चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के रूस के साथ कहीं अधिक गहरे एनर्जी रिलेटेड रिलेशन हैं. जयशंकर ने कहा, ‘हमारे लिए यह समझना मुश्किल है कि केवल भारत को ही सेकेंडरी टैरिफ का निशाना क्यों बनाया गया. अमेरिकी अधिकारियों ने हमें पहले खुद ही कहा था कि दुनिया के ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए भारत को रूस से तेल खरीदना चाहिए. अब वही लोग हमें उल्टा दोष दे रहे हैं.’ इसी बीच अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर रूस से बढ़ी हुई तेल खरीद को लेकर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया. बेसेंट ने कहा कि युद्ध से पहले जहां भारत की रूसी तेल खरीद कुल आयात का 1% से भी कम थी, वहीं अब यह बढ़कर 42% हो गई है. इसके मुकाबले चीन की हिस्सेदारी 13% से बढ़कर 16% हुई है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 23, 2025, 13:19 IST