Last Updated:June 29, 2025, 14:26 IST
Asaduddin Owaisi Politics in Bihar: बिहार की सियासत में तब नया ट्विस्ट आता दिखा जब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन को एक शानदार जीत का फॉर्मूला थमा दिया, लेकिन साथ में चेतावनी भी दे दी. अगर यह ऑफर ठुक...और पढ़ें

असदुद्दीन ओवैसी का महागठबंधन को जीत का ऑफर और साथ में चेतावनी भी.
हाइलाइट्स
ओवैसी ने महागठबंधन को गठबंधन का ऑफर दिया, एनडीए को रोकने का वादा किया. महागठबंधन के प्रस्ताव ठुकराने पर AIMIM अकेले लड़ेगी, वोट बंटवारा से हार पक्की. राजद-कांग्रेस अपने वोट बैंक को लेकर सतर्क, सीमांचल में AIMIM की भूमिका पर नजर.पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन को एक नया जीत का फॉर्मूला पेश किया है, लेकिन इसके साथ ही एक सख्त चेतावनी भी दी है. ओवैसी ने दावा किया कि अगर महागठबंधन उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता तो बिहार में एनडीए की जीत तय है और महागठबंधन की हार पक्की होगी जिसमें AIMIM की भूमिका निर्णायक होगी. अब सवाल यह है कि क्या महागठबंधन ओवैसी के दांव को स्वीकार करेगा, या यह बिहार की सत्ता की जंग में नया मोड़ लेगा?
बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी ने महागठबंधन के नेताओं, खासकर राजद और कांग्रेस से संपर्क किया है और एनडीए को सत्ता से बाहर रखने के लिए गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है. उन्होंने जोर देकर कहा, हमारा मकसद बिहार में भाजपा-एनडीए की वापसी रोकना है. अगर महागठबंधन हमें साथ लेता है तो जीत संभव है वरना परिणाम हमारे हाथ में होगा. यह बयान ऐसे समय में आया है जब महागठबंधन के नेता इस प्रस्ताव पर चुप्पी साधे हुए हैं जिससे सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है.
ओवैसी ने चेतावनी दी कि…
AIMIM के बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बताया कि पार्टी ने गठबंधन के लिए बातचीत शुरू की है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली. ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर महागठबंधन उनकी पेशकश ठुकराता है तो AIMIM अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी जिससे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में वोट बंटवारा हो सकता है. इससे पहले भी 2020 के चुनाव में AIMIM को ‘वोट काटने वाली पार्टी’ कहकर आलोचना झेलनी पड़ी थी जिसे ओवैसी ने खारिज किया है.
दिलचस्प हुई सत्ता की लड़ाई
महागठबंधन में तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली राजद और कांग्रेस इस प्रस्ताव को लेकर सतर्क हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि AIMIM का शामिल होना उनके वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है. दूसरी ओर ओवैसी का दावा है कि उनकी पार्टी की भागीदारी से सीमांचल जैसे क्षेत्रों में मजबूत चुनौती पेश की जा सकती है. यह सियासी ड्रामा बिहार की सत्ता की लड़ाई को और रोचक बना रहा है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...
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