Last Updated:June 30, 2025, 11:11 IST
Bihar Chunav: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं. जेडीयू हरनौत या इस्लामपुर सीट से चुनाव लड़वाएगी या फिर पिता की तरह बैकडोर पॉलिटिक्स ...और पढ़ें

क्या निशांत कुमार किस सीट से लड़ेंगे चुनाव?
हाइलाइट्स
नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री की अटकलें तेज.निशांत हरनौत या इस्लामपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.निशांत विधान परिषद के रास्ते भी राजनीति में आ सकते हैं.पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत कुमार एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की नजदीकियों के बीच निशांत की राजनीतिक एंट्री को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. जेडीयू के कई नेता और कार्यकर्ता लंबे समय से मांग करते रहे हैं कि निशांत को सक्रिय राजनीति में लाया जाए, ताकि नीतीश की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया जा सके. हाल के महीनों में निशांत की बढ़ती सार्वजनिक सक्रियता ने इन अटकलों को और हवा दी है. लेकिन सवाल यह है कि क्या निशांत विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या अपने पिता की तरह विधान परिषद के रास्ते राजनीति में कदम रखेंगे? क्या बिहार चुनाव के बाद निशांत की बैकडोर पॉलिटिक्स में एंट्री तय है? निशांत अगर चुनाव लड़ते हैं, तो कौन सी सीट होगी उनकी पहली पसंद?
निशांत कुमार, जो अब तक राजनीति से दूरी बनाए रखते थे, हाल ही में कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपने पिता के साथ नजर आए हैं. जनवरी 2025 में स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्ति अनावरण के एक कार्यक्रम में उन्होंने पहली बार राजनीतिक बयान दिया, जिसमें उन्होंने जनता से नीतीश कुमार और जेडीयू को वोट देने की अपील की. इसके बाद होली मिलन समारोह और अन्य सरकारी आयोजनों में उनकी मौजूदगी ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी. निशांत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे क्षेत्रों में नीतीश सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए जनता से 2025 में फिर से नीतीश को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की. उनके इस सक्रिय रुख ने जेडीयू कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा है.
निशांत कुमार क्या बनेंगे डिप्टी सीएम?
चर्चा है कि निशांत अगर राजनीति में आते हैं, तो वे हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. यह वही सीट है, जहां से नीतीश कुमार ने 1985 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था. हालांकि, वर्तमान में इस सीट पर जेडीयू के हरि नारायण सिंह विधायक हैं, और निशांत के लिए यह सीट खाली कराना एक चुनौती हो सकता है. इसके अलावा, नालंदा जिले की इस्लामपुर सीट से भी निशांत के चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है, जहां जेडीयू सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है.
एमएलए नहीं एमएलसी बनेंगे?
हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि निशांत विधानसभा के बजाय विधान परिषद के रास्ते राजनीति में आ सकते हैं. नीतीश कुमार खुद 1985 के बाद कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े और विधान परिषद के जरिए ही सक्रिय रहे. जेडीयू के सूत्रों के मुताबिक, निशांत को विधान परिषद में नामांकित किया जा सकता है, ताकि वे बिना चुनावी जोखिम के राजनीति में अनुभव हासिल करें.
विपक्ष, खासकर राजद नेता तेजस्वी यादव, ने भी निशांत की संभावित एंट्री पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी मौजूदगी जेडीयू को “लुप्त होने से बचा सकती है.” दूसरी ओर, जेडीयू नेताओं का कहना है कि निशांत का विनम्र और संस्कारी स्वभाव उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना सकता है. हालांकि, निशांत ने खुद अभी तक अपनी उम्मीदवारी पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, और अंतिम फैसला नीतीश कुमार पर निर्भर है.
बिहार की सियासत में निशांत की एंट्री को लेकर उत्सुकता चरम पर है. क्या वे अपने पिता की तरह सुशासन की राजनीति को आगे बढ़ाएंगे या फिर एक नई राह चुनेंगे? यह देखना दिलचस्प होगा.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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