'नीतीश परिस्थितियों के CM', शहाबुद्दीन का पुराना वीडियो अब क्यों हो रहा वायरल?

1 day ago

Last Updated:April 06, 2025, 14:18 IST

Bihar Chunav : बिहार चुनाव से पहले सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार को 'परिस्थितियों का मुख्यमंत्री' कहा था. जानें वक्फ बिल और 9 साल पहले दिए बयान के ...और पढ़ें

'नीतीश परिस्थितियों के CM', शहाबुद्दीन का पुराना वीडियो अब क्यों हो रहा वायरल?

वक्फ बिल और मोहम्मद शहाबुद्दीन की बातें.

Bihar Chunav : बिहार चुनाव से ठीक पहले सिवान के पूर्व दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. शहाबुद्दीन का साल 2016 में दिया ‘नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं’ वाला बयान पर लोग खूब चटकारे ले रहे हैं. शहाबुद्दीन के बयान को लोग वक्फ संशोधन बिल 2025 से जोड़कर देख रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जेडीयू का वक्फ बिल पर समर्थन करना नीतीश कुमार का आश्चर्यजनक फैसला नहीं है? क्या सीएम नीतीश कुमार वक्त और परिस्थिति के हिसाब से राजनीतिक फैसले लेते हैं? लोगों में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि क्या नीतीश कुमार मौका देखकर चौका मारते हैं?

बिहार में इसी साल अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस चुनाव से ठीक पहले वक्फ बिल पर जेडीयू के समर्थन से राज्य में बवाल मचा हुआ है. जेडीयू के 5 से ज्यादा मुस्लिम नेताओं ने पार्टी के रुख से इस्ताफा दे दिया है. ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर गठबंधन धर्म या फिर किसी चुनावी गणित ने जेडीयू को वक्फ बिल पर समर्थन के लिए बाध्य किया? क्या जेडीयू 2020 के विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए 2025 में बड़ा फैसला लिया है?

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बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

शहाबुद्दीन का पुराना वीडियो क्यों हो रहा वायरल?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नीतीश कुमार परिस्थितियों के हिसाब से स्टैंड लेने में माहिर हैं. वक्फ बिल पर जेडीयू का समर्थन एनडीए के साथ तालमेल को भी दर्शाता है. खास बात यह है कि नीतीश कुमार का यह फैसला उनकी छवि के अनुरूप नजर आती है, जिसमें गठबंधन की मजबूरियों औऱ सत्ता की राजनीति को ध्यान में रखकर वह निर्णय लेते हैं. शाहबुद्दीन का बयान इस संदर्भ में यह संकेत देता है कि यह निर्णय उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि से समझौता करने वाला माना जा सकता है, जो उनके पारंपरिक वोट बैंक खासकर पसमांदा मुस्लिम समुदाय को प्रभावित कर सकता है.’

नीतीश कुमार ने फिर से स्टैंड बदला है?
शहाबुद्दीन सिवान के प्रभावशाली नेता के तौर पर जाने जाते हैं. बाहुबली की छवि भी इसमें काफी योगदान दिया है. साल 2016 में 12 साल बाद जेल से रिहा होने के बाद शाहबुद्दीन ने नीतीश कुमार के गठबंधन बदलने की प्रवृत्ति और उनकी राजनीतिक मजबूरियों के लेकर ‘परिस्थियों का नेता’ वाली बात कही थी. हालांकि, इसके कुछ ही दिन बाद नीतीश कुमार के दवाब में उनकी रिहाई रद्द कर दी गई औऱ उनको दोबारा से जेल भेज दिया गया.

जेडीयू का वक्फ बिल समर्थन करने से काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. क्योंकि, कई मुस्लिम नेताओं जैसे मोहम्मद कासिम अंसारी औ शाहनवाज मलिक जैसे नेताओं ने यह कहते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है कि नीतीश कुमार ने धर्मनिरपेक्ष छवि को धोखा दिया है. यह स्थिति शहाबुद्दीन के बयान को सही ठहराती है कि नीतीश परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लेते हैं. वक्फ बिल के समर्थने के बाद बिहार की राजनीति और आगामी बिहार चुनाव में यह धारणा मजबूत हो रही है कि नीतीश सेक्युलर छवि कमजोर पड़ गई है.

First Published :

April 06, 2025, 14:18 IST

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