नेचुरल फॉर्मिंग क्या है? जिसका आम बजट में वित्तमंत्री ने किया जिक्र

1 month ago

Natural Farming: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में कृषि क्षेत्र पर फोकस बढ़ाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि, सरकार का जोर खासतौर पर नेचुरल फार्मिंग पर होगा. इसके लिए खेती में रिसर्च को ट्रांसफॉर्म करना, एक्सपर्ट की निगरानी, जलवायु के मुताबिक नई वेरायटी को बढ़ावा देने पर काम होगा. इसके चलते नेचुरल फॉर्मिंग से अगले एक साल में एक करोड़ किसान जुड़ेंगे.

वित्त मंत्री ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, सरकार दाल और तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर जोर देगी. इसके लिए प्रोडक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग पर फोकस बढ़ाया जाएगा. अब सवाल है कि आखिर नेचुरल फॉर्मिंग है क्या? कैसे होगा किसानों को लाभ? क्या है प्राकृतिक खेती का भविष्य? इस बारे में News18 को जानकारी दे रहे हैं कन्नौज एग्रीकल्चर के डिप्टी डायरेक्टर प्रमोद सिरोही-

क्या है नेचुरल फॉर्मिंग?

प्रमोद सिरोही के मुताबिक, प्राकृतिक खेती यानी नेचुरल फॉर्मिंग कृषि की प्राचीन पद्धति है. यह पद्धति भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है. नेचुरल फॉर्मिंग में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं होता है. बल्कि, प्राकृतिक तत्वों तथा जीवाणुओं के उपयोग से खेती की जाती है. यह खेती पर्यावरण को अनुकूल रखने के साथ ही फसलों की लागत कम करने में भी कारगर है. प्राकृतिक खेती में कीटनाशकों के रूप में नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, अग्निअस्त्र, सोठास्त्र, नीम पेस्ट, गोमूत्र, गोबर का इस्तेमाल होता है.

क्या है नेचुरल फॉर्मिंग का भविष्य?

एक्सपर्ट बताते हैं कि, मृदा का स्वास्थ्य अच्छा होता है, जिससे फसलों को कोई नुकसान नहीं होता है. इसलिए, भविष्य में खेती को नुकसान होने से बचाव होता है. इसके अलावा, प्राकृतिक खेती में लाभदायक एवं हानिकारक कीटों एवं सूक्ष्म जीवों की संख्या संतुलित मात्रा में होती है. प्राकृतिक खेती में मुख्य रूप से जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य आच्छादन आदि का उपयोग कर खेती की जाती है.

प्राकृतिक खेती के फायदे

एक्सपर्ट के मुताबिक, प्राकृतिक खेती में उत्पादन रासायनिक खेती पद्धतियों से कम हो सकता है, लेकिन लागत खर्च भी बहुत कम होता है, जिससे लाभ व्यय का अनुपात अधिक होता है. यह खेती पर्यावरण अनुकूल होती है, जिससे जल और मृदा प्रदूषण में कमी आती है. इस खेती को करने से उर्वरा शक्ति को बढ़ावा मिलता है. साथ ही कम मजदूरों के आसानी से खेती की जा सकती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह कि इसमें उगने वाली फसल से भोजन का स्वाद बढ़ता है.

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Tags: Budget session, Finance Minister, Finance minister Nirmala Sitharaman, Lifestyle

FIRST PUBLISHED :

July 23, 2024, 13:17 IST

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