कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सरकार ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद राज्य सरकार के रवैये के विरोध में यह बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को लिखे लेटर में जवाहर सरकार ने अपनी ही पार्टी के कुछ खास लोगों और भ्रष्ट लोगों के दबंग रवैये पर निशाना साधा. सरकार ने अपने लेटर में लिखा कि बहुत सोच-विचार के बाद मैंने सांसद के पद से इस्तीफा देने और खुद को राजनीति से पूरी तरह अलग करने का फैसला किया है.
जवाहर सरकार ने कहा कि 69/70 साल की उम्र में जीवन की दहलीज पर कोई भी इंसान किसी विशेष पद की इच्छा के साथ राजनीति के मैदान में नहीं उतरता है. इसलिए मुझे कभी किसी पार्टी पद या किसी अन्य चीज की कोई महत्वाकांक्षा नहीं रही. पार्टी राजनीति में सीधे भागीदार न होते हुए भी, सांसद बनने का मेरा एकमात्र मकसद संसद में मोदी और भाजपा सरकार की निरंकुश और सांप्रदायिक राजनीति को बेनकाब करने के संघर्ष में शामिल होना था. इस संघर्ष में एक छोटे से सिपाही के रूप में होते हुए भी, मैं संसद में कई बहसों में भाग लेने में सक्षम रहा. जिसका सबूत संसद टीवी या यूट्यूब पर प्रचुर मात्रा में मिलता है.
पूर्व शिक्षा मंत्री के भ्रष्टाचार से हुआ दुख
जवाहर सरकार ने कहा कि सांसद चुने जाने के एक साल बाद जब मैंने 2022 में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री के भ्रष्टाचार के खुले सबूत देखे, तो मैंने सार्वजनिक रूप से कहा कि टीएमसी और सरकार को इस संबंध में बहुत सक्रिय होने की जरूरत है. तब भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुझे परेशान किया. तब मैंने इस उम्मीद में इस्तीफा देने से परहेज किया कि आप ‘कट मनी’ और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक साल पहले शुरू किए गए आंदोलन को जारी रखेंगी. मेरे कई शुभचिंतकों ने तब मुझसे अनुरोध किया कि मैं दिल्ली में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार द्वारा भारत में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और अभिव्यक्ति की आजादी पर बड़े पैमाने पर हमले के खिलाफ संसद से विरोध जारी रखूं.
पंचायत मेंबरों के पास लग्जरी कार
अपने 41 साल के आईएएस करियर के बाद मुझे झुग्गी-झोपड़ी के बगल में एक बहुत ही साधारण और मध्यम वर्ग के फ्लैट में रहना या 9 साल पुरानी छोटी कार चलाना असहज नहीं लगता. लेकिन मुझे अचरज और गुस्सा आता है जब मैं देखता हूं कि कई पंचायत मेंबर और नगर पालिका मेंबर लग्जरी कार का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह देखकर केवल मेरी नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के सभी लोगों की पीड़ा तेज हो गई. यह भी सही है कि अन्य दलों और अन्य राज्यों के कई नेताओं ने भी अवैध रूप से अकूत संपत्ति हासिल की है. मैं यह बिल्कुल भी कबूल नहीं कर सकता कि भ्रष्ट अधिकारियों या डॉक्टरों को ऊंचे पदों पर पोस्टिंग दी जा रही है. सभी का मानना है कि यदि समय रहते भ्रष्ट डॉक्टरों के गिरोह को तोड़ने का फैसला लिया गया होता और इस जघन्य घटना में शामिल अधिकारियों को तत्काल कठोर सजा दी गई होती तो राज्य में सामान्य हालात बहुत पहले ही लौट सकते थे.
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FIRST PUBLISHED :
September 8, 2024, 13:26 IST