पीएम मोदी का हाथ थामे रखेंगे सीएम नीतीश, यकीन न हो तो इन आंकड़ों से समझ लीजिये

2 weeks ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के आपसी तालमेल से हो रहा बिहार का विकास. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के आपसी तालमेल से हो रहा बिहार का विकास.

हाइलाइट्स

पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के साथ आने से बिहार के विकास की रफ्तार बढ़ी. बिहार में बीते छह वर्षों में 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश का नीतीश सरकार का दावा.

पटना. बिहार में उद्योगों की स्थिति को लेकर तमाम सरकारों पर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं, लेकिन पिछले 18 सालों के नीतीश कुमार मुख्यमंत्रित्व वाले कार्यकाल में बीते 2 सालों में उद्योग के क्षेत्र में निवेश के आंकड़े चौकाने वाले हैं. वर्तमान एनडीए सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही है तो महागठबंधन के नेता इसको लेकर तेजस्वी यादव को सारा श्रेय देते नजर आ रहे हैं. क्रेडिट की होड़ तो जारी रहेगी लेकिन, इस आड़ में बिहार की उपलब्धियों को नकारा नहीं जा सकता है. बता दें कि बिहार में उद्योग जगत ने पिछले 2 साल में बड़ा मुकाम हासिल किया है उसके आंकड़े देख सरकार गदगद है, क्योंकि इस आंकड़े को छूने के लिए सरकार ने लगातार कई बड़े प्रयास किये हैं, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लग रही रही थी. उद्योग विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 2 वर्षों में वर्ष 2022 से 24 के बीच बिहार में लगभग 12 हजार करोड़ का निवेश हुआ, जबकि 2016 से 22 तक सिर्फ 2 हजार 500 करोड़ का निवेश हो पाया था. उद्योग जगत की इस रफ्तार को देख बिहार सरकार उत्साहित है.

बिहार में पिछले 3 सालों में बिहार में बड़े निवेश की बात करें तो जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल 800 करोड़, पेप्सिको 550 करोड़ , ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज 250 करोड़, ताज होटल में 500 करोड़ निवेश किए गए. इनके साथ-साथ और भी कई निवेशकों ने बिहार में दिलचस्पी दिखाई. बिहार में बढ़ते उद्योग और निवेश को देख यहां के उद्योगपति भी सरकार की नीतियों पर भरोसा जाता रहे हैं. दरअसल,  बिहार में औद्योगिक निवेश के प्रस्तावों पर गौर करें तो अदानी अंबुजा सीमेंट सीमेंट ग्रेडिंग यूनिट नवादा में लगाने जा रहा है और इसके लिए 1500 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव हैं. इसी तरह कोका-कोला मुजफ्फरपुर और मधुबनी में अपने प्लांट लगाएगी, इसके लिए 1200 करोड़ निवेश का प्रस्ताव है. वहीं अल्ट्राटेक सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट भागलपुर और खगड़िया में लगाएगा और इसके लिए 1000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव है. स्टार सीमेंट भी बेगूसराय में सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट लगाने जा रहा है, जिसके लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है.

इसके अतिरिक्त अदानी अंबुजा सीमेंट सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट मुजफ्फरपुर में लगाएगी. इसके लिए 900 करोड़ रुपए का निवेश का प्रस्ताव है. वहीं, जेके लक्ष्मी सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट मधुबनी में लगाने जा रहा है, जिसके लिए 900 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है. इसी तरह श्री सीमेंट सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट मधुबनी और बेगूसराय में लगाएगी, इसके लिए 650 करोड़ निवेश का प्रस्ताव है. इसके अतिरिक्त जेके सीमेंट 500 करोड़ का निवेश बक्सर में सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट के लिए करेगा. वहीं वरुण बेवरेज पेप्सीको के लिए बक्सर में 450 करोड़ का निवेश करेगा.

बिहार में कुल निवेश के प्रस्ताव के आंकड़े आप यहां कंपनियों और उसकी राशि के अनुसार देखें.

इसके बाद सुप्रीम पाइप्स फतुहा में अपना प्लांट लगाएगी, जिसमें 325 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है. वहीं सीआरएल बिरला ग्रुप प्लास्टिक पाइप का यूनिट लगाएगा जो क 300 करोड रुपए निवेश के प्रस्ताव के तहत होगा. इसी तरह सीटीआरएल डाटा सेंटर लगाएगा जो की पाटलिपुत्र क्षेत्र में होगा. इसके लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है और 200 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव है. वहीं इसके साथ ही भारतीय एयरटेल भी डाटा सेंटर लगाएगा जो पटना के सिकंदरपुर में 200 करोड़ रुपए के निवेश के साथ होगा. फाइनेंस स्टील इंडस्ट्रियल फैब्रिकेशन की यूनिट लगाएगा गिद्धा भोजपुर में, इसके लिए दो सौ करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव है.

सावी लेदर गारमेंट्स के लिए मधुबनी के पंडोल में अपना यूनिट लगाएगा जो कि 200 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव है. वहीं, एसबीपीजे फूड्स फूड्स प्रोसेसिंग नमकीन मिक्सचर वगैरा का यूनिट लगाएगा जो वैशाली के गौरौल में लगेगा. यह 150 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव है. सोना बिस्कुट भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट होगा जो कि पटना के सिकंदरपुर में 150 करोड रुपए के निवेश से प्रस्तावित है. वहीं अजंता शूज, बेकरीज, एबीजी लॉजिस्टिक, प्रमोद लडडू, अमेजॉन, नव धर्म, नेचर फर्नीचर, सिंटेक्स रेड, एटीपीएल, मॉरिस फूड्स, सगुना फूड्स, जिंदल पॉली ट्यूब, जिंदल मेटल, दादी जी फार्माटेक, मेरठ पॉली पैक, रिचा ग्लोबल, स्टार इंटरनेशनल, स्टार स्पोर्ट, आरके इंडस्ट्रीज समेत कई औद्योगिक घरानों के प्रस्ताव हैं जो कि कुल 1200 करोड़ रुपए से अधिक के हैं.

बिहार में औद्योगिक निवेश और उद्योगों के विस्तार पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि 2020 में एनडीए की सरकार बनने के बाद लगातार बिहार के विकास ने गति पकड़ी है. भारत सरकार पूर्ण रूप से बिहार का विकास चाहता है. पीएम की मोदी सरकार ने इथनॉल, चीनी मिल को लेकर बिहार के विशेष पहल की. बिहार में स्किल्ड वर्कर, जमीन और पानी सभी कुछ है. सभी जिलों को मिला कर पूरे बिहार में लगभग पांच हजार एकड़ लैंड बैंक बनाये जा रहे हैं. निवेश के जो आंकड़े अभी तक दिखे हैं उससे कई गुना ज्यादा निवेश हुए हैं. 30 हजार करोड़ से भी अधिक का निवेश बिहार में हो रहा है. दरअसल, उद्योग लगाने के लिए जमीन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. इसके लिए बिहार सरकार ने 1974 में BIADA की स्थापना की थी. बियाडा अंतर्गत कुल 9 कलस्टर तथा 84 औद्योगिक क्षेत्र/औद्योगिक विकास केन्द्र स्थापित हैं. जिनमें कुल भूमि 7592.39 एकड़ है. वर्तमान में लगभग 1861.03 एकड़ भूमि आवंटन के लिए अभी भी बची है.

वहीं, बिहार में निवेश को लेकर बीआईए अध्यक्ष के.पी.एस केशरी ने कहा कि निवेश सतत प्रक्रिया है. जो निवेश आज दिख रहे हैं उसकी नींव दो चार साल पहले रखी गई थी. बिहार सरकार के अधिकारी वर्ग ने भी इसके लिए खास पहल की जिसका नतीजा है बिहार में निवेश हुए. उम्मीद है बिहार में आगे भी अच्छा निवेश होगा. दूसरी ओर बिहार में निवेश पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन राजद इसे तेजस्वी यादव की उपलब्धि मानता है. राजद ने कहा कि तेजस्वी यादव के 18 महीनों के कार्यकाल का नतीजा है कि आज बिहार में हजारों करोड़ रुपये के निवेश हुए हैं. बहरहाल क्रेडिट की होड़ लगी रहेगी, लेकिन इन सबके बीच बड़ी बात यह है कि बिहार के विकास का रोड मैप बन चुका है और प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है.

FIRST PUBLISHED :

September 4, 2024, 17:49 IST

Read Full Article at Source