Last Updated:June 29, 2025, 08:43 IST
Puri Rath Yatra Stampede: पुरी में रथ यात्रा के दौरान भगदड़ से तीन श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल. भगदड़ सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच उस वक्त हुई, जब भगवान जगन्नाथ का रथ 'नंदीघोष' गुंडिचा मंदिर पहुंचा था.

जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मचने से 3 लोगों की मौत हो गई.
हाइलाइट्स
पुरी रथ यात्रा में भगदड़ से 3 श्रद्धालुओं की मौतभगदड़ गुंडिचा मंदिर के पास हुई, कई घायलभगवान जगन्नाथ के रथ के पास भारी भीड़ से हादसाओडिशा के पुरी में रविवार सुबह रथ यात्रा के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया. इस हादसे में कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मचने के कारण हुई.
शुरुआती जानकारी के अनुसार, भगदड़ सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच उस वक्त हुई, जब भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नंदीघोष’ गुंडिचा मंदिर पहुंचा. जैसे ही भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के तीनों रथ गुंडिचा मंदिर पहुंचे, दर्शन के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. इस दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए लगाए गए बैरिकेड गिर गए और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. कई श्रद्धालु रथ के पहियों के पास गिर पड़े, जिससे तीन लोगों की जान चली गई.
मृतकों की पहचान खोरधा जिले के बोलागढ़ निवासी बसंती साहू और बालीआंता ब्लॉक के अथांतारा गांव में रहने वाले प्रेमकांति मोहंती और प्रभाति दास के रूप में की गई है.
श्रद्धालुओं की भारी भीड़, कई बीमार
प्रशासन के अनुसार, रथ यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को ही 10 लाख से अधिक श्रद्धालु पुरी पहुंचे थे, जिससे अपार भीड़ का दबाव बना रहा. देवी सुभद्रा के रथ के पास शुक्रवार देर शाम तक 625 से अधिक लोग बीमार हो गए थे. शनिवार को भीड़ में 10–20% की कमी दर्ज की गई, फिर भी पिछले 24 घंटे में 650 से अधिक श्रद्धालु अस्वस्थ हो गए. इनमें से 70 को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से नौ की हालत गंभीर बनी हुई है.
भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ शनिवार को श्री गुंडिचा मंदिर पहुंच गए. यह मंदिर जगन्नाथजी की मौसी का घर माना जाता है, जहां तीनों देवता हर साल नौ दिनों के लिए जाते हैं. मंदिर, 12वीं सदी के श्रीमंदिर से लगभग 2.6 किलोमीटर दूर स्थित है.
5 जुलाई को तीनों देवता श्रीमंदिर लौटेंगे
शुक्रवार को भारी भक्ति और उल्लास के बीच भगवान बलभद्र के ‘तालध्वज’ रथ ने शाम 4:08 बजे सबसे पहले यात्रा शुरू की. इसके बाद देवी सुभद्रा का ‘दर्पदलन’ और अंत में भगवान जगन्नाथ का ‘नंदिघोष’ रथ खींचा गया.
पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देब ने परंपरा अनुसार ‘छेरा पहंरा’ (रथों की सफाई) की रस्म अदा की. रथों पर रंग-बिरंगे लकड़ी के घोड़े लगाए गए थे, और भक्तों ने मंत्रोच्चार व ढोल-नगाड़ों के बीच रथ खींचा.
पुरी शहर को अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था में तब्दील कर दिया गया है. 15 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए करीब 10,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. साथ ही AI-सक्षम कैमरे और ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की गई है. राज्य प्रशासन ने हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के उचित इलाज का आश्वासन दिया है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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