बचपन में छूटा पिता का साया, मां ने की दूसरी शादी, IIT से बीटेक कर मिली नौकरी

5 hours ago

Last Updated:June 29, 2025, 08:09 IST

JEE Success Story: माता-पिता के बिना जिंदगी की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है. लेकिन मौसम कुमारी ने इस कमी को अपनी कमजोरी बनाने के बजाय ताकत बनाया और उसी के दम पर आईआईटी में एडमिशन हासिल किया.

बचपन में छूटा पिता का साया, मां ने की दूसरी शादी, IIT से बीटेक कर मिली नौकरी

JEE Success Story: मौसम कुमारी ने मुश्किल हालात से लड़ते हुए ऊंचे सपने हासिल किए (Photos: Humans of Bombay)

हाइलाइट्स

पिता की मौत के बाद मौसम कुमारी की मां ने दूसरी शादी कर ली थी.दादी-चाचा ने पाला, नवोदय से की पढ़ाई.आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक कर मिली हाई पैकेज वाली नौकरी.

नई दिल्ली (JEE Success Story). यह कहानी दृढ़ संकल्प, किस्मत, मेहनत और खुद पर भरोसे की है. यह कहानी मौसम कुमारी की है, जिन्होंने मुश्किल हालात से लड़कर आईआईटी में एडमिशन हासिल किया. उनकी कहानी आने वाली कई जनरेशंस तक युवाओं को प्रेरित करेगी. मौसम कुमारी ने सिर्फ 6 महीने की उम्र में अपने पिता को खो दिया था. फिर जब वह 3 साल की हुईं तो मां दूसरी शादी करके घर से चली गईं. अब मौसम के पास सिर्फ उनकी दादी और चाचा का सहारा बचा था.

किसी भी चीज में सफलता सिर्फ किस्मत से हासिल नहीं की जा सकती है. कई बार पूरा सफर सिर्फ कांटों और कठिनाइयों से भरा होता है. माता-पिता के छोड़कर चले जाने के बाद मौसम की दादी और चाचा ने उन्हें माता-पिता का प्यार देने की कोशिश की. लेकिन मुश्किलें सिर्फ यहीं तक नहीं थीं. मौसम अपनी दादी से बहुत अटैच्ड थीं. उन्होंने 10वीं में आईआईटी से बीटेक करने का फैसला किया था. वह बड़ी होकर दादी को दुनिया घुमाना चाहती थीं. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. 10वीं में ही उनकी दादी का निधन हो गया.

Motivational Story: दादी के जाते ही बदली दुनिया

एक दिन मौसम के चाचा के दोस्त उन्हें स्कूल पिक करने आए और दादी के जाने की बात बताई. इससे मौसम टूट गईं लेकिन उन्होंने अपने हौसलों को पस्त नहीं होने दिया. अब तक वह शायद समझ चुकी थीं कि उन्हें ज़िंदगी में कुछ भी आसानी से नहीं मिलने वाला है. ‘ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे’ से बातचीत में मौसम कुमारी ने बताया कि दादी के जाने के बाद चाचा ने उन्हें बुआ के घर भेज दिया. वह वहीं रहकर पढ़ाई करने लगीं लेकिन पावर कट की लगातार समस्या के चलते उन्हें बहुत परेशानी होती थी.

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यहां-वहां गुजरता रहा वक्त

जिस कच्ची उम्र में बेटियों को घर-परिवार के साथ और सहारे की जरूरत होती है, उस दौर में मौसम के पास कोई परमानेंट ठिकाना नहीं था. वह कभी बुआ के यहां रहतीं, कभी चाची के यहां तो कभी कहीं और.. इतने मुश्किल हालात में भी उनके इरादे मजबूद थे. 10वीं में टॉप करने के बाद मौसम आईआईटी प्रवेश परीक्षा जेईई की तैयारी में जुट गईं. सब कुछ हारने के बाद भी उन्हें दादी से किया गया वादा पूरा करना था. कोरोना काल में जब क्लासेस ऑनलाइन हो गईं तो उन्होंने भी घर में रहकर जेईई परीक्षा की तैयारी की.

आईआईटी में मिला एडमिशन

आखिरकार मौसम कुमारी की मेहनत रंग लाई. लेकिन एक बड़ी चिंता अभी भी बनी हुई थी – आईआईटी की फीस. मौसम कुमारी दिन-रात इसी चिंता में डूबी हुई थीं कि एक दिन उन्हें व्हॉट्सएप पर कोटक कन्या स्कॉलरशिप से जुड़ा मैसेज मिला. उन्होंने इस स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने का फैसला किया. कुछ ही दिनों बाद उन्हें जानकारी मिली कि उनका सिलेक्शन हो गया है. कॉलर ने उन्हें आश्वासन दिया कि स्कॉलरशिप उनके सभी खर्च कवर करेगी.

आईआईटी को बना लिया घर

मौसम कुमारी ने जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की थी. उन्होंने बताया कि जिंदगी की स्टेबिलिटी उन्हें आईआईटी गुवाहाटी में मिली. उन्हें 4 सालों के लिए एक ऐसी जगह मिल गई थी, जिसे वह ‘घर’ कह सकती थीं, ऐसे दोस्त मिल गए थे, जिन्हें वह ‘परिवार’ मान सकती थीं. आईआईटी गुवाहाटी में उन्होंने अंग्रेजी भाषा सीखी, सीवी बनाना सीखा, इंटरव्यू में सफलता के टिप्स, सीखे और अपने पैरों पर खड़े होने का सपना भी पूरा किया. IIT गुवाहाटी के कैंपस प्लेसमेंट में मौसम ने एक इंटरनेशनल बैंक में हाई पैकेज वाली नौकरी हासिल की है.

Deepali Porwal

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें

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