Tejas: पाकिस्तान के लिए बुरी खबर उस समय आई, जब भारत खुशी से झूम रहा था. नए झटके की बात करें तो राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट से खौफ खाने वाले पाकिस्तान के लिए अब भारत का 'तेजस' मुसीबत बनने जा रहा है. हिंदुस्तान में तैयार घातक तेजस को और ज्यादा एडवांस और ज्यादा खतरनाक बनाने के लिए अमेरिका से बड़ी डील हुई है, जिससे पाकिस्तान परेशान है. भारत और अमेरिका की इस बड़ी डील की क्या है खासियत आइए बताते हैं.
जो पाकिस्तान अब तक राफेल से खौफ से नहीं उबर पाया था उसे एक और तगड़ा झटका लगने वाला है. दरअसल हिंद का जांबाज लड़ाका तेजस बहुत ताकतवर बनने वाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पक्की ख़बर मिली है कि तेजस को सुपर पावर अमेरिका से वो टेक्नोलॉजी मिलने जा रही है, जो पूरे पाकिस्तान को कबिस्तान बना सकती है. जानकारी के मुताबिक भारत के इस फाइटर जेट को अब इंजन के लिए तरसना नहीं पड़ेगा.
पाकिस्तान और चीन का काल तेजस!
तेजस को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली HAL अमेरिका के साथ एक बड़ी डील करने जा रही है.अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक, HAL के साथ मिलकर लड़ाकू विमानों के इंजन बनाएगी. ये इंजन भारत के नये फाइटर जेट तेजस में इस्तेमाल किए जाएंगे. माना जा रहा है कि भारत के इस दांव से पड़ोसी पाकिस्तान और चीन को सिरदर्द पैदा हो सकता है.
बता दें कि भारत के तेजस का मुकाबला चीन के JF-17 थंडर से किया जाता है. जिसे पाकिस्तान अपना बताता है. मगर पाकिस्तानी खुद से मानते हैं कि तेजस के मुकाबले JF-17 थंडर कहीं नहीं ठहरता है. बेशक तेजस का इस्तेमाल आज तक युद्ध में नहीं किया गया है. मगर एयर-शो के दौरान पूरी दुनिया तेजस का लोहा मान चुकी है.
तेजस लाएगा तूफान, सदमे में पाकिस्तान
पाकिस्तानी डिफेंस एक्सपर्ट्स से लेकर अन्य लोग कह रहे हैं कि तेजस जहाज भी बहुत फास्ट है, मतलब JF-17 थंडर से ज्यादा फास्ट है. स्पीड के मामले में तेज है. वो आपने देखा है, काफी हम कंपेरिजन अक्सर करते रहते हैं, उसमें मिसाइल कैरी करने वाला भी ज़्यादा है। बहुत सारी चीज हैं. इंडिया के लिहाज से तेजस बेस्ट है, पाकिस्तान के लिहाज से JF-17 थंडर है.
JF-17 से बेहतर तेजस
तेजस में कई ऐसी खूबियां हैं जिनके कारण ये इस कैटेगरी के चाइनीज विमानों पर भारी पड़ता है. तेजस का वजन साढ़े 9 टन है, बावजूद इसके ये 4 टन का हथियार उठा सकता है. मल्टीरोल एयरक्राफ्ट तेजस हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले करता है. 1 मैक से ज्यादा की रफ़्तार इसे JF-17 से बेहतर बनाती है. ये डर्मी मिसाइल लेज़र गाइडेड बम से लैस है जिसे पाकिस्तान खुद के लिए खतरा मान रहा है.
तेजस के प्रोजेक्ट में सबसे ज़्यादा दिक्कत इंजन की थी. अब जिस तरह GE के F-414 इंजन भारत में बनने का रास्ता साफ हुआ है, यकीनन इससे चीन पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को काउंटर करने में मदद लेगी. जानकारी के मुताबिक GE के साथ तकनीकी बातचीत हो चुकी है, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर भी सहमति बन गई है. करीब 80 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर सहमति बन चुकी है. भारत को इंजन बनाने की आधुनिक तकनीक मिलेगी. ये प्रोजेक्ट भारत के रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और देश को आधुनिक सैन्य उपकरण बनाने में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.