Last Updated:April 21, 2025, 11:13 IST
Belgaum Cybercrime Case: सूरत की मनीषा लक्कड़ साड़ियों पर पत्थर चिपकाकर गुजारा करती हैं. उनका बेटा चिराग कर्नाटक में साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार हुआ है. मनीषा को उम्मीद है कि चिराग एक दिन लौट आएगा.

सूरत का चिराग साइबर ठगी मामले में गिरफ्तार
हाइलाइट्स
चिराग साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार हुआ.मनीषा को उम्मीद है कि चिराग एक दिन लौट आएगा.चिराग पर 60 लाख की ठगी का आरोप है.सूरत: गुजरात के सूरत के पूणागाम इलाके में एक छोटे से 1-BHK घर में बैठीं 63 साल की मनीषा लक्कड़ साड़ियों पर चमकीले पत्थर चिपकाकर गुजारा करती हैं. इसी कमरे में बैठकर वो अपने छोटे बेटे चिराग की याद में गुम हैं. हाल ही में चिराग कर्नाटक के बेलगावी में एक बुज़ुर्ग दंपति की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार हुआ है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मनीषा ने बताया कि वो मार्च से घर नहीं लौटा. एक बार फोन किया था. बोला था कि बिजनेस कर रहा हूं. अब पुलिस ने फोन कर कहा कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मैं तो घबरा गई थी, फिर फोन बेटे कल्पेश को दे दिया.
बता दें कि बेलगावी जिले के बीड़ी गांव में रहने वाले 83 साल के डियोगेरॉन नाजरेथ और उनकी 78 साल की पत्नी फ्लाविया ने 27 मार्च को आत्महत्या की थी. पुलिस जांच में पता चला कि ये कपल महीनों से साइबर ठगों के निशाने पर था, जो खुद को पुलिस अफसर बताकर धमका रहे थे. उन्हें डराकर लगभग 60 लाख रुपये 21 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए.
मामले में 26 साल का चिराग हुआ गिरफ्तार
इस मामले की जांच करते हुए कर्नाटक पुलिस सूरत तक पहुंची. 14 अप्रैल को 26 वर्षीय चिराग को गिरफ्तार किया गया. पुलिस का दावा है कि जिस सिम कार्ड से ठगी हो रही थी, वह चिराग के नाम पर थी और उसी के जरिए पैसे ट्रांसफर किए गए.
“दूसरी बार बात हुई चिराग से”
गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक पुलिस ने मनीषा को फोन किया. मनीषा का कहना है किवो लोग हिंदी और कन्नड़ में बात कर रहे थे. मुझे कुछ समझ नहीं आया. फिर कल्पेश ने बात की. बाद में चिराग से बात कराई गई. उसने कहा कि मां मैं लौट आऊंगा.
मनीषा और कल्पेश की कमाई का बड़ा सहारा चिराग था. मनीषा हर महीने साड़ियों पर कढ़ाई कर करीब 15,000 रुपये कमाती हैं. कल्पेश, जो पोलियो से पीड़ित है, रेत ढोकर थोड़ा बहुत कमा लेता है. पहले चिराग हर महीने 7,000 रुपये देता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से उसका व्यवहार बदल गया.
“कर्ज में डूब गया था चिराग”
कल्पेश ने बताया कि चिराग ने पहले ऑनलाइन साड़ी और महिलाओं के कपड़े बेचे. फिर ज्वेलरी डिजाइन सीखी और ऑनलाइन ज्वेलरी बिजनेस शुरू किया. 2020 में उसे बड़ा नुकसान हुआ और 3 लाख रुपये का कर्ज हो गया. कल्पेश ने कहा कि हमने उसका कर्ज चुकाया. साहूकार घर आकर तंग करते थे. मैंने उसे समझाया कि मेहनत से कमाना सीख, लेकिन वो फिर भी बिजनेस में लगा रहा.
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इसके बाद चिराग घर से दूर रहने लगा. कभी बताता कि दोस्तों के पास रह रहा है, कभी कोई और बहाना बना देता. मार्च 2025 के बाद तो उसका घर आना बिल्कुल बंद हो गया. बस एक बार फोन किया और कहा कि बिजनेस कर रहा हूं.
“हम कुछ नहीं जानते, वकील करने लायक पैसे नहीं हैं”
पुलिस का कहना है कि चिराग के नाम पर खरीदे गए सिम कार्ड से ठगी में इस्तेमाल हुए बैंक अकाउंट्स को जोड़कर RTGS ट्रांजैक्शन का पता चला. करीब 6.1 लाख रुपये की ट्रांजैक्शन से चिराग की पहचान हुई. पुलिस का ये भी कहना है कि आरोपी गैंग ने दंपति को एक बार 10 घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा और डराकर उनसे ऑनलाइन पैसों की ठगी की.
सूरत पुलिस के मुताबिक, चिराग का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. मां मनीषा का कहना है कि हमें कुछ समझ नहीं आ रहा. न वकील करने के पैसे हैं, न कर्नाटक जाने का साधन. हमने सब भगवान पर छोड़ दिया है.
उम्मीद है, एक दिन लौट आएगा…
अब मनीषा को बस उम्मीद है कि चिराग एक दिन लौट आएगा और सारी बातें साफ होंगी. मनीषा ने कहा कि मां हूं… जितना भी गुस्सा होऊं, बेटे का इंतजार तो रहेगा ही.
First Published :
April 21, 2025, 11:13 IST