गुजरात के अहमदाबाद शहर की वटवा पुलिस ने हाईब्रिड गांजा तस्करी के मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए आरोपी योगेश दसड़िया को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने आरोपी को छह दिन की रिमांड मंजूर की है. पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी का नेटवर्क काफी गहरा था और वह सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न संपर्कों के जरिये इस अवैध धंधे में शामिल था.
पुलिस जांच में पता चला कि नौ महीने पहले आरोपी कर्नाटक के हुबली में एक सिरेमिक कंपनी में काम करने वाली सेल्स गर्ल निधि के संपर्क में आया था. उस वक्त आरोपी की अपनी पत्नी से अनबन हो गई तो पत्नी ने पति का घर छोड़ दिया. उसकी पत्नी ने अदालत में तलाक का मामला भी दायर कर दिया था. इसके लिए योगेश को वकील की फीस की जरूरत पड़ी. पता चला कि बेरोजगार चल रहा योगेश तीस से चालीस हजार रुपये 30 प्रतिशत ब्याज पर लेता था और हर 10 दिन में तीन हजार ब्याज देता था.
निधि ने मुंबई की सयाली से मिलवाया
योगेश को फिर मोरबी में तीस हजार के वेतन पर एक सिरेमिक लोडिंग कंपनी में नौकरी मिल गई. हालांकि जब आरोपी योगेश पटेल की आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी तो निधि ने उसे मुंबई में रहने वाली सयाली नाम की लड़की से मिलवाया. सयाली ने थाईलैंड के बैंकॉक से पार्सल लाने का काम ऑफर किया, जिसके लिए उसे 70 हजार रुपये मिलते.
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई कि लड़की खुद दो बार बैंकॉक गई थी, लेकिन योगेश दसड़िया के पास पासपोर्ट नहीं था. ऐसे में उसने अक्टूबर महीने में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया. इस बीच महाराष्ट्र राज्य में चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने के कारण उसे इंतजार करने को कहा गया. फिर 12 दिसंबर को निधि का फोन आया और उसने बैंकॉक जाने की बात कही, जिसके लिए आरोपी योगेश दसड़िया तैयार हो गया.
पुलिस की पूछताछ में आरोपी योगेश ने बताया कि निधि ने कोल्हापुर के रहने वाले प्रीतम नाम के युवक को भी उसके साथ भेजा था. बैंकॉक के टिकट और फिर पटाया के होटल का इंतजाम सैली नाम की लड़की ने किया था. सयाली उससे और प्रीतम से मुंबई एयरपोर्ट पर मिलीं और 25000 थाई करेंसी भी दीं. कहा गया कि जिस होटल में रुकेंगे, वहां के काउंटर से बैग मिल जाएगा.
बैंकॉक से गए पटाया, फिर मुंबई में हो गया खेल
आरोपी योगेश दसड़िया और प्रीतम दोनों थाईलैंड के बैंकॉक से पटाया होटल गए थे. जहां उन्हें कमरे दिए गए और होटल के काउंटर पर दो बैग दिए गए. एक योगेश दसड़िया को और एक प्रीतेश को. बैग लॉक था और केवल रिसीवर को ही लॉक खोलने का कोड पता था. आरोपी योगेश और प्रीतम इन दोनों बैगों को लेकर मुंबई एयरपोर्ट पर उतरे और गेट नंबर 04 पर चेकिंग स्टाफ का ध्यान भटकाते हुए बाहर निकले. बाहर पहले से मौजूद दो लोग उन्हें पकड़कर एयरपोर्ट के सामने रेस्टोरेंट में ले गए और किसी को बुला रहे थे. हालांकि वे पुलिस वाले नहीं लग रहे थे.
इस बीच आरोपी योगेश दसड़िया अपना बैग लेकर वहां से भाग गया. ऐसे में दोनों युवक भी उसके पीछे भागे तो प्रीतम रेस्टोरेंट में बैग छोड़कर वहां से भाग गया. जब आरोपी योगेश ने निधि को यह बात बताई तो निधि ने कहा तुम बैग ले जाओ और गुजरात चले जाओ, हम माल बांट देंगे.
योगेश ने फिर गांजे के पैकेट निकाले और नए लिए गए बैग में रख दिए. वह एक रुका रात मुंबई में ही रुकी और फिर बस से अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ. हालांकि वहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया. फिर पुलिस की एक टीम को तुरंत आरोपी के साथ जांच के लिए मुंबई भेजा गया. वहां पता चला कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने आरोपी प्रीतम पंडित को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से करीब 11.3 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया है, जिसकी कीमत ग्यारह करोड़ रुपये बताई जा रही है. पुलिस ने इस मामले में निधि और सयाली नाम की लड़कियों को भी आरोपी बनाया है. ये दोनों अपना फोन बंद करके भाग गईं.
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FIRST PUBLISHED :
December 21, 2024, 22:58 IST