नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन देश में बढ़े बैड लोन (एनपीए) के लिए तब की सरकार में करप्शन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों, खासकर अरुण जेटली, की तारीफ करते हुए कहा कि बैंकिंग सिस्टम में सुधार किए गए. मोदी सरकार के राइट-ऑफ कदम की सराहना करते हुए राजन ने एसेट क्वालिटी रिव्यू के बारे में बताया कि कैसे हर बैंक के बहीखातों की जांच की गई.
तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताते हुए वह बोले कि जब मैंने उन्हें बैड लोन की स्थिति के बारे में बताया और इसे क्लीन अप करने की जरूरत पर जोर दिया तो उन्होंने कहा- “ठीक है, आगे बढ़ो.” रघुराम राजन ने बताया कि कैसे यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार की वजह से बैंकों का एनपीए बढ़ा. उन्होंने बैंकों को राइट-ऑफ के जरिए उबरने में मदद करने के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की.
‘2008 से पहले खुलकर बांटा जाता था पैसा..’
द प्रिंट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कई प्रोजेक्टों को जमीन, पर्यावरण संबंधी अनुमति आदि नहीं मिल रही थी और ऐसे धीरे धीरे एनपीए बनता गया.. राजन ने कहा कि 2008 की मंदी से पहले बैंक खुलकर रकम बांटते थे. वे चेकबुक लेकर कारोबारियों के पीछे घूमते थे कि भाई कितना पैसा चाहिए. ऐसा इसलिए था कि इससे पहले परियोजनाएं समय पर पूरी होती थीं और बैंकों को पैसा मिल जाता था. इस चक्कर में वे कई बार जरूरी प्रक्रिया भी नहीं निभाते थे लेकिन मंदी ने हालात बदल दिए.
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FIRST PUBLISHED :
December 21, 2024, 09:57 IST