नई दिल्ली. पिछला साल जाते-जाते भी सरकार का खजाना भर गया. वित्त मंत्रालय ने बुधवार को आंकड़े जारी कर बताया कि दिसंबर में देश का जीएसटी संग्रह पिछले साल के मुकाबले 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा. 2023 के दिसंबर महीने में जीएसटी संग्रह 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा था. 2024 के नवंबर महीने में देश का कुल जीएसटी कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये था.
सरकार ने आंकड़े जारी कर बताया कि दिसंबर महीने में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 32,836 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 40,499 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 47,783 करोड़ रुपये और उपकर 11,471 करोड़ रुपये रहा. इसके साथ कुल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी से भी अधिक रहा है. दिसंबर में घरेलू लेन-देन से जीएसटी 8.4 प्रतिशत बढ़कर 1.32 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि आयात पर टैक्स लगाने से प्राप्त राजस्व करीब चार प्रतिशत बढ़कर 44,268 करोड़ रुपये पहुंच गया है.
2024 में बना वसूली का रिकॉर्ड
जीएसटी कलेक्शन को लेकर साल 2024 काफी अच्छा रहा. इस दौरान कलेक्श ने बाकायदा रिकॉर्ड बना दिया. साल 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का सर्वाधिक कलेक्शन अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा था. कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में दिसंबर महीने में 22,490 करोड़ रुपये लौटाए भी गए हैं. यह पिछले साल के इसी माह के मुकाबले 31 प्रतिशत अधिक है. लौटाई गई राशि के समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह 3.3 प्रतिशत बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये रहा है.
कहां से आता है ज्यादा कलेक्शन
सरकार को सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन घरेलू मोर्चे से प्राप्त होता है. इसमें आम आदमी के खर्च के साथ कंपनियों की ओर से किया जाने वाला खर्चा भी शामिल है. आयात शुल्क के रूप में भी सरकार को काफी कलेक्श मिलता है. जीएसटी में एक सेक्शन ऐसा होता है, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार दोनों की हिस्सेदारी रहती है. इस एकीकृत जीएसटी में से सरकार राज्यों का हिस्सा उसे जारी कर देती है.
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FIRST PUBLISHED :
January 1, 2025, 17:50 IST