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नवजात बच्ची को मार डालना चाहते थे मां-बाप, पर बचाने वाला तो बड़ा होता है...बिहार में ऐसा ही हुआ, जानिये पूरी कहानी
हाइलाइट्स
मोतिहारी में सीतामढ़ी-रक्सौल रेल खंड पर नवजात बच्ची को रखकर भागे मता-पिता. गुजरने वाली थी मिथिला सत्याग्रह ट्रेन, पर लोगों की नजर पड़ी और बच्ची बचा ली गई.
मोतिहारी/अवनीश कुमार सिंह. ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोई’ यह कहावत एक बार फिर सही सिद्ध हुई है. रक्सौल-सीतामढ़ी रेलखंड पर एक नवजात बच्ची को उसके माता-पिता ने जन्म के बाद ही रेलवे पटरी के पास छोड़ दिया था. इस बच्ची के रोने की आवाज लोगों के कानों तक पहुंची तो नवजात बच्ची के पास पहुंचे. रेल पटरी पर बच्ची को देख कर लोग घबरा गए और इसको लेकर शोरगुल मच गया. इसके बाद रक्सौल की निजी संस्था स्वच्छ रक्सौल ने उस बच्ची को जाकर सुरक्षित उठाकर लाया.
बता दें कि रक्सौल सीतामढ़ी रेलखंड पर मिथिला सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन गुजरने वाली थी. इसी बीच एक नवजात बच्ची की चीखने की आवाज लोगों के कानों तक गई और लोगों ने हो हल्ला शुरू कर दिया. चाइल्ड लाइन को भी इसकी सूचना दी गई. चाइल्ड लाइन की टीम घटनास्थल पर पहुंची और बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया. इसके बाद बच्ची का चेकअप सदर अस्पताल में कराया गया, बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ पाई गई. गनीमत यह रही की बच्ची को रेलवे ट्रैक पर फेंकने के बावजूद तब तक कोई ट्रेन उस रूट से नहीं गुजरी थी. अगर ट्रेन गुजरती तो बच्ची की जान चली जाती.
स्वच्छ रक्सौल संगठन के सचिव रणजीत सिंह ने बच्ची को को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया. वहीं, चाइल्ड लाइन अब बच्ची की देख रेख कर रही है. अभी तक बच्ची के माता-पिता बच्ची की खोज भी नहीं शुरू की गई है. वहीं, इस बात को लेकर गमगीन हैं कि आज के दौर में जब बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं रह गया वहीं आज भी समाज में इस तरह के भेदभाव देखने को मिल रहे हैं. ऐसा कुकृत्य करने वाले माता-पिता को जहां लोग कोस रहे हैं वहीं साथ ही यह भी कह रहे कि जिसपर भगवान का आशीर्वाद हो उसको सामने खड़ी मौत भी गले नहीं लगा सकती है.
Tags: Champaran news, Motihari news
FIRST PUBLISHED :
January 4, 2025, 10:34 IST