भाई का निधन, हिंदू बहन हुई अनाथ, तो मुस्लिम युवक ने दी अंतिम संस्कार की अग्नि

3 days ago

Last Updated:March 28, 2025, 13:39 IST

Pune News: पुणे में एक हिंदू महिला के भाई के निधन के बाद एक मुस्लिम व्यक्ति ने मृतदेह को अग्नि दी. इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

भाई का निधन, हिंदू बहन हुई अनाथ, तो मुस्लिम युवक ने दी अंतिम संस्कार की अग्नि

हिंदू महिला के भाई के अंतिम संस्कार में मुस्लिम व्यक्ति ने दी अग्नि

हाइलाइट्स

पुणे में मुस्लिम युवक ने हिंदू महिला के भाई का अंतिम संस्कार किया.घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.जावेद खान ने रमजान के दौरान यह नेक काम किया.

पुणे: पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र का सामाजिक माहौल तनावपूर्ण हो गया है. राज्य में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद चल रहा है. इसी विवाद के चलते नागपुर में धार्मिक दंगा भी हुआ. इससे महाराष्ट्र में धार्मिक तनाव बढ़ गया है. इस बीच पुणे से एक घटना सामने आई है जो धार्मिक ध्रुवीकरण को तोड़ती है. यहां एक हिंदू महिला के भाई के निधन के बाद एक मुस्लिम व्यक्ति ने मृतदेह को अग्नि दी. इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और मुस्लिम व्यक्ति की इस पहल की लोग सराहना कर रहे हैं.

क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, पुणे के रास्ता पेठ इलाके में जयश्री किंकले और उनके 70 वर्षीय भाई सुधीर किंकळे रहते थे. उनके ज्यादा रिश्तेदार नहीं थे. भाई और बहन एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी थे. बुधवार शाम को सुधीर का निधन हो गया. भाई के निधन के बाद जयश्री पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. एकमात्र सहारा खोने के बाद जयश्री हताश हो गईं, लेकिन नियति ने एक भाई छीन लिया तो दो भाई दे दिए. माइकल साठे और जावेद खान ने जयश्री की मदद की और सुधीर के अंतिम संस्कार में अग्नि दी. जावेद खान उम्मत सामाजिक संस्था के अध्यक्ष हैं. उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट कर इस घटना की विस्तृत जानकारी दी.

जावेद ने ‘पवित्र रमजान महीने में किया गया पवित्र कार्य’ शीर्षक से एक पोस्ट लिखी. उसमें उन्होंने बताया, ‘कल मेरे मित्र माइकल साठे ने मुझे कॉल किया कि उनके पड़ोस की बिल्डिंग में रहने वाले सुधीर किंकले (उम्र: 70, पता: 286 रास्ता पेठ, पुणे) का निधन हो गया है. उनके पास सिर्फ उनकी बहन जयश्री किंकले हैं. उनके कोई रिश्तेदार नहीं हैं, इसलिए क्या आप उनके अंतिम संस्कार में मदद कर सकते हैं?’

ऐसे किया अंतिम संस्कार
पूरी जानकारी लेकर मैं ससून अस्पताल के डेडहाउस पहुंचा. वहां जयश्री ताई और पुलिस हवलदार होलकर साहब मिले. पंचनामा चल रहा था. इस प्रक्रिया में शाम हो गई. पूछताछ करने पर पता चला कि मृतदेह मिलने में रात हो जाएगी. मैंने जयश्री ताई से कहा कि हम अंतिम संस्कार कर देते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि हम ब्राह्मण हैं और सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं करते. कृपया हम सुबह अंतिम संस्कार करें.

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फिर उनकी विनती और रोना मुझसे सहन नहीं हो रहा था. रमजान का महीना चल रहा था और अगले दिन (गुरुवार) हमारी सबसे बड़ी रमजान रात और नमाज थी, जो मेरे लिए बहुत धार्मिक दिन था, लेकिन मैंने सोचा कि शायद अल्लाह ने मुझे इस कार्य के लिए चुना है. जात-धर्म को किनारे रखकर सुबह जल्दी उठ गया. आज बहुत काम थे, लेकिन सारे काम छोड़कर ससून अस्पताल में शुभम और शेरू को भेजा. उन्हें एक और शुभम का साथ मिला. माइकल कॉल कर रहा था, उसे कहा मुक्तिधाम पहुंचो और वहां हम सब सुधीर काका के रिश्तेदार बन गए और उनका अंतिम संस्कार किया.

Location :

Pune,Maharashtra

First Published :

March 28, 2025, 13:39 IST

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