Last Updated:March 05, 2025, 12:19 IST
Mohan Bhagwat News: RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत की सनातन परंपरा वैश्विक बदलावों को दिशा दे सकती है. भोपाल में विद्या भारती के शिविर में उन्होंने भारतीय शिक्षा, संस्कृति और नीति निर्माण पर जोर दिय...और पढ़ें

भागवत ने खुलकर अपनी बात कही. (File Photo)
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि विश्व में हो रहे सामाजिक, सांस्कृतिक और वैचारिक बदलावों को भारत की सनातन परंपरा के प्रकाश में दिशा देने की जरूरत है. आज जब वैश्विक परिदृश्य में कई विकृतियां उभर रही हैं, तब भारत ही वह ध्रुव तारा है जो सही दिशा प्रदान कर सकता है. समाज और राष्ट्र के विकास के लिये भारतीय परंपराओं पर आधारित शिक्षा, संस्कृति और नीति निर्माण को बढ़ावा देना आवश्यक है.
भागवत भोपाल में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के शिविर में बोल रहे थे. सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि संघ केवल शाखा संचालन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाज परिवर्तन की दिशा में कार्य कर रहा है. विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान दुनिया का सबसे बड़ा अशासकीय शैक्षिक संस्थान है जो भारतीय शिक्षा के लिए 1952 से काम कर रहा है.
बंगाल में क्या बोले थे भागवत?
इससे पहले मोहन भागवत ने बंगाल की रैली में कहा था कि विश्व की विविधता को स्वीकार करके हिन्दू चलता है. हम आजकल कहते हैं विविधता में एकता, हिन्दू समझता है कि एकता की ही विविधता है. यहां राजा महाराजाओं को कोई याद नहीं करता लेकिन उस राजा को याद करते हैं, जिसने पिता के लिए 14 साल वनवास किया, जिसने भाई की खड़ाउ रखकर वापस लौटने पर भाई को राज्य दिया.
ये अंग्रेजों का बनाया देश नहीं
मोहन भागवत ने बंगाल में कहा था कि सिकंदर के समय से जो आक्रमण शुरु हुए वो होते रहे, मुट्ठी भर बरबर आते हैं, हमसे गुणश्रेष्ठ नहीं पर हम पर हुकूमत करते हैं. बार बार ऐसा होता है, आपस में गद्दारी का कामना करते हैं, समाज को सुधारना पड़ेगा. ये कोई अंग्रेज़ों का बनाया हुआ देश नहीं है, गांधी जी की एक किताब में एक युवा प्रश्न करता है कि भारत कैसे होगा? भारत एक नहीं है ये भी तुमको अंग्रेज़ों ने पढ़ाया है.
First Published :
March 05, 2025, 12:19 IST