भारत का गोल्‍ड 'रिजर्व' है यह देश, आजादी से पहले ही हमने खोला था दूतावास

17 hours ago

Last Updated:July 02, 2025, 11:39 IST

PM Modi Ghana Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई 2025 को पांच देशों की यात्रा के लिए रवाना हुआ. वे इस दौरान अफ्रीकी देश घाना भी जाएंगे. भारत और घाना संबंध दशकों पुराने हैं.

भारत का गोल्‍ड 'रिजर्व' है यह देश, आजादी से पहले ही हमने खोला था दूतावास

पीएम मोदी भारत के 'गोल्‍ड रिजर्व' घाना के दौरे पर हैं.

हाइलाइट्स

आजादी से पहले अफ्रीकी देश घाना में भारत ने खोले थे अपने दूतावासघाना 70 फीसद सोना भारत को करता है एक्‍सपोर्ट, इसलिए बेहद खासबैंक ऑफ बड़ौदा और टाटा मोटर्स का यहां है तगड़ा बिजनस, बड़ा कारोबार

PM Narendra Modi Ghana Visit: भारत की डिप्‍लोमेसी में जिन देशों को उतनी तवज्‍जो नहीं दी जाती थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैचुरल रिसोर्स से भरपूर वैसे देशों से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना शुरू किया है. पीएम मोदी 2 जुलाई 2025 को पांच देशों की यात्रा पर रवाना हुए. इनमें घाना, त्रिनिनाद एंड टोबैगो, नामीबिया, अर्जेंटीना और ब्राजील शामिल हैं. इनमें से पहले तीन देशों को पहले उतना महत्‍व नहीं दिया जाता था. ये तीनों देश प्राकृतिक खनिज संपदा से संपन्‍न देश हैं. यहां रेयर अर्थ मैटीरियल भी पाए जाते हैं, जो रणनीतिक तौर पर काफी महत्‍वपूर्ण हैं. पीएम मोदी का घाना दौरा काफी महत्‍वपूर्ण है. इसे भारत का ‘गोल्‍ड रिजर्व’ भी कहा जाता है, क्‍योंकि यह अफ्रीकी देश अपने कुल उत्‍पादन का 70 फीसद सोना भारत को ही एक्‍सपोर्ट करता है. इसके अलावा भी कई दिलचस्‍प फैक्‍ट्स हैं जो दोनों देशों के मजबूत संबंधों को बताने के लिए काफी हैं.

घाना और भारत के बीच संबंध कोई नया अध्याय नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक गाथा है, जिसकी शुरुआत घाना की स्वतंत्रता से भी पहले हो चुकी थी. साल 1953 में भारत ने राजधानी अक्रा में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोला, जब घाना ब्रिटिश उपनिवेश था. यह केवल एक राजनयिक कदम नहीं, बल्कि भारत की ओर से अफ्रीकी स्वतंत्रता आंदोलनों के प्रति समर्थन का स्पष्ट संकेत था. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और घाना के पहले राष्ट्रपति क्वामे एनक्रूमा के बीच मित्रता और उपनिवेशवाद विरोधी दृष्टिकोण ने इन संबंधों को मजबूती दी.

डिप्‍लोमेटिक रिलेशन

साल 1957 में घाना की स्वतंत्रता के तुरंत बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की औपचारिक शुरुआत हुई. भारत ने अक्रा में उच्चायोग स्थापित किया, जबकि घाना ने नई दिल्ली में. दिलचस्प यह है कि भारत का अक्रा स्थित मिशन पड़ोसी देशों बुर्किना फासो, टोगो और सिएरा लियोन को भी सेवाएं देता है, जिससे क्षेत्रीय प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है. आज के समय में घाना में लगभग 15,000 भारतीय रहते हैं, जिनमें कई परिवार चौथी पीढ़ी से जुड़े हैं. साथ ही 1940 के दशक से शुरू हुई एक स्थानीय हिंदू आबादी भी है, जिसमें लगभग 13,000 परिवार शामिल हैं. सिंधी व्यापारियों से लेकर अंतर-जातीय विवाहों तक और अक्रा के भारतीय मंदिर में होने वाले सामाजिक आयोजनों तक, यह प्रवासी समुदाय दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक पुल की तरह कार्य कर रहा है. अक्रा में हिन्‍दू मंदिर है, जिससे रोज घंटियों की आवाजें आती हैं.

इकोनोमिक रिलेशन

आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह संबंध गहराता गया है. द्विपक्षीय व्यापार हाल के वर्षों में लगभग 3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. घाना भारत को सोना और कोको जैसे प्राकृतिक संसाधन निर्यात करता है, जबकि भारत फार्मास्युटिकल्स, मशीनरी और वाहन भेजता है. टाटा मोटर्स और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी भारतीय कंपनियों की वहां उपस्थिति इस आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करती है. भारत ने घाना के विकास में भी अहम भूमिका निभाई है. करीब 228 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन के माध्यम से भारत ने कोफी अन्नान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आईसीटी, एक मछली प्रोसेसिंग प्‍लांट और 1.3 अरब डॉलर की लागत वाला फर्टिलाइजर यूनिट जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को समर्थन दिया है.

कल्‍चरल रिलेशन

सांस्कृतिक आदान-प्रदान की बात करें तो घाना में भारतीय टेलीविजन धारावाहिकों की लोकप्रियता और 2017 में आयोजित मैत्री जैसे उत्सव इस रिश्ते को सामाजिक स्तर पर भी गहराते हैं. इतिहास भी इस जुड़ाव का साक्षी रहा है. हालांकि, इस रिश्ते में चुनौतियां भी आईं. साल 2013 में महात्‍मा गांधी की मूर्ति को लेकर हुए विवाद ने कुछ छात्रवृत्तियों को प्रभावित किया. इसके अलावा केवल सोने पर आर्थिक फोकस को लेकर भी सवाल उठे हैं. फिर भी भारत द्वारा वित्तपोषित टेमा-मपाकादन रेलवे परियोजना जैसे प्रयास इस संबंध को व्यापक आधार देने का संकेत हैं.

पीएम मोदी की यात्रा से संबंधों को नई ऊंचाई

2 और 3 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा इस रिश्ते को नई ऊंचाई देने की संभावना रखती है. विशेष रूप से तकनीकी और सुरक्षा के क्षेत्र में पीएम मोदी का यह दौरा अहम साबित हो सकता है. भारत-घाना संबंध केवल दो देशों की मित्रता नहीं, बल्कि ग्‍लोबल साउथ कोऑपरेशन की मिसाल भी है. यह संबंध स्वतंत्रता, आपसी सम्मान, व्यापारिक हितों और सांस्कृतिक आत्मीयता पर आधारित है. आनेवाले दिनों में इसके और मजबूत होने की प्रबल संभावना है.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...

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