Last Updated:September 26, 2025, 11:53 IST
Indian Companies in America : अमेरिकी सरकार ने दवाओं सहित अन्य कई प्रोडक्ट पर भी टैरिफ लगा दिया है. इस बार यह 100 फीसदी है. साथ ही अमेरिका ने यह भी कहा है कि जो कंपनियां यहां आकर उत्पादन करेंगी, उन पर टैरिफ नहीं लगेगा. भारत की कई कंपनियां आज भी अमेरिका में उत्पादन कर रही हैं.
अमेरिका में कई भारतीय कंपनियों ने अपना प्लांट लगाया है. नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पहले 50 फीसदी का टैरिफ लगाया और अब दवा सहित कई उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है. लेकिन, कुछ ऐसी कंपनियां भी हैं, जिन पर ट्रंप के इस टैरिफ का कोई असर नहीं पड़ेगा. इसकी वजह ये है कि इन कंपनियों ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट अमेरिका में ही लगा रखी है. टैरिफ सिर्फ उन्हीं प्रोडक्ट पर लगता है, जो आयात किए जाते हैं. इन कंपनियों के प्रोडक्ट अमेरिका में ही बनते हैं, लिहाजा इन पर टैरिफ नहीं लगता है.
दरअसल, भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिका का साउथ कैरोलिना राज्य हमेशा से ही सबसे आकर्षक जगह रहा है. इस राज्य में कई भारतीय कंपनियों ने अपनी उत्पादन यूनिट लगाई है. यह कंपनियां ऑटोमोटिव, फार्मा, सोलर एनर्जी और टेक प्रोडक्ट बनाती हैं. भारतीय कंपनियां आज भी अमेरिका में लगातार निवेश कर रही हैं, जिससे न सिर्फ नौकरियों के अवसर पैदा होते हैं बल्कि इन कंपनियों को अपना सामान अमेरिका में भेजने के लिए टैरिफ का सामना भी नहीं करना पड़ता है. अमेरिका ने टैरिफ लगाने के साथ ही कहा है कि जो कंपनियां यहां आकर उत्पादन करना चाहती हैं, उन पर टैरिफ का असर नहीं पड़ेगा.
कितनी कंपनियां हैं अमेरिका में
इंडियन कंपनी भारत फोर्ज (Bharat Forge) जो ऑटोमोटिव फोर्जिंग सेक्टर से जुड़ी हुई है, अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना (सैंडफोर्ड) इलाके में एल्युमीनियम फोर्जिंग प्लांट लगाया है. कंपनी ने साल 2023 में 12.7 करोड़ रुपये का निवेश किया था और 300 से ज्यादा नौकरियों के अवसर पैदा हुए. फार्मा सेक्टर की कंपनी आईपीसीए लैबोरेटरीज (Ipca Laboratories) ने भी नॉर्थ कैरोलिना (पिसगाह लैबोरेटरीज के रूप में) में एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट्स यानी एपीआई का उत्पादन शुरू किया है. एप्सिलॉन एडवांस्ड मटेरियल्स (Epsilon Advanced Materials) नाम की भारतीय कंपनी ने ग्रेफाइट एनोड्स नाम के हाईटेक प्रोडक्ट का उत्पादन शुरू किया है, जिसका इस्तेमाल ईवी बैटरी बनाने में किया जाता है. साल 2014 में इस कंपनी ने भी नॉर्थ कैरोलिना इलाके में 1 अरब डॉलर का निवेश किया था. सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी वारी एनर्जीज (Waaree Energies) ने भी टेक्सास (ह्यूस्टन क्षेत्र) में अपना पहला अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया. कंपनी ने इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट के तहत अपना विस्तार किया है. सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी सात्विक सोलर (Saatvik Solar) ने भी साल 2023 से अमेरिका में 1.5 गीगावाट क्षमता वाला प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू की है.क्यों निवेश कर रहीं भारतीय कंपनियां
भारतीय कंपनियों ने अमेरिकी बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने, स्थानीय उत्पादन से लागत कम करने और इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट के तहत सरकारी प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए वहां निवेश कर रही हैं. अमेरिका का नॉर्थ कैरोलिना वाला इलाका भारतीय कंपनियों के लिए हमेशा से ही पसंदीदा स्थान रहा है. यहां साल 2014 के बाद से भारतीय कंपनियों ने लगातार निवेश किया है और अब तक 6 हजार से ज्यादा नौकरियां पैदा हुई हैं.
अमेरिकी शेयर बाजार में कई दिग्गज कंपनियां
भले ही भारत की कुछ ही कंपनियों ने अमेरिका में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई है, लेकिन वहां कारोबार करने वाली कंपनियों की संख्या कहीं ज्यादा है. भारत की कई दिग्गज कंपनियां अमेरिका में व्यापार करती हैं. अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड भारतीय कंपनियों में इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, विप्रो, टाटा मोटर्स और डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज का नाम प्रमुख रूप से शामिल है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 26, 2025, 11:53 IST

4 weeks ago
