भारत की मदद से मुइज्जू को सत्ता से बेदखल करना चाहता था विपक्ष, रिपोर्ट में सनसनीखेज दावा

3 days ago

India Maldives: विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के नेताओं ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ु को हटाने की साजिश में मदद के लिए भारत से '60 लाख डॉलर की मांग की'. सोमवार को अमेरिकी अखबार 'द वॉशिंगटन पोस्ट' छपी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का एक एजेंट मालदीव के विपक्षी नेताओं के संपर्क में था ताकि जनवरी में मुइज़ु को हटाने की योजना बनाई जा सके, जो कि माले में राष्ट्रपति पद संभालने के कुछ ही महीनों बाद है.

अखबार का आरोप है कि वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के एक सीनियर रॉ अधिकारी ने मुइज्जू को हटाने के लिए दो बिचौलियों, शिरीष थोरात- एक पूर्व भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी और सवियो रोड्रिग्स एक पत्रकार-राजनीतिज्ञ और भाजपा के पूर्व प्रवक्ता के साथ बातचीत की. रिपोर्ट के मुताबिक थोरात और रोड्रिग्स दोनों ने अखबार को पुष्टि की कि ऐसी योजना थी लेकिन यह नहीं बताया कि वे भारतीय सरकार की ओर से काम कर रहे थे या नहीं.

'द वॉशिंगटन पोस्ट' के मुताबिक मालदीव के विपक्षी नेताओं ने मुइज्जू की अपनी पार्टी (पीपल्स नेशनल कांग्रेस) के सांसदों समेत 40 सांसदों को रिश्वत देकर उनके खिलाफ वोट देने का प्रस्ताव दिया. अलग-अलग पार्टियों को पैसा देने के लिए 87 मिलियन मालदीवियन रूफिया या 60 लाख डॉलर की मांग की. दो मालदीवीय अधिकारियों के मुताबिक यह रकम भारत से मांगी जाती. एक रिपोर्ट के मुताबिक रोड्रिग्स का कहना है कि 'बिना वर्दी के एक सिपाही' हैं और अपनी मातृभूमि के लिए अस्तित्व के खतरों से निपटने के लिए हर संभव साधनों का उपयोग करूंगा. रोड्रिग्स ने आगे कहा कि एक पत्रकार के रूप में वह अपने काम के हिस्से के रूप में अलग-अलग नेताओं के संपर्क में थे.

सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रोड्रिग्स ने 'द वॉशिंगटन पोस्ट' रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा,'मुझे बदनाम करने के मकसद से हाल ही में किया गया खुलासा मेरे कार्यों का आरोप नहीं है, बल्कि उस सच का प्रमाण है जिसका मैं प्रतिनिधित्व करता हूं और मेरी मातृभूमि की रक्षा में जिन चुनौतियों का मैं सामना करता हूं.' उन्होंने आरोप लगाया,'प्रमाण बार-बार यह संकेत देते हैं कि मालदीव के आतंकी समूह ISIS और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े हुए भारत में गुप्त स्लीपर सेल ऑपरेशन चला कर रहे हैं.'

उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने काम पर अडिग और माफी के बिना खड़ा हूं. अगर मेरी मातृभूमि की रक्षा के लिए मुझे 100 बार भी कार्रवाई करनी पड़े तो मैं बिना झिझक ऐसा करूंगा. अगर मेरे देश की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए मेरे खून की आखिरी बूंद बहानी पड़े तो भी मैं तैयार हूं.

कैसे हैं भारत और मालदीव के संबंध?

मुइज़ू को सितंबर 2023 में हुए चुनावों में मालदीव का राष्ट्रपति चुना गया था. उन्होंने 'इंडिया आउट' अभियान के तहत इस पद के लिए चुनाव लड़ा था, लेकिन उसके बाद से उन्होंने नई दिल्ली के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों की ओर रुख किया है. हालांकि अपने राष्ट्रपति पद के शुरुआती दिनों में उन्होंने भारत की यात्रा करने से परहेज़ किया और इसके बजाय जनवरी में तुर्की और फिर चीन की यात्रा की. उसी समय उनके तीन उप-मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया, जिससे संबंधों में खटास आ गई.

मुइज़ू ने मालदीव सरकार के लिए तीन विमानन प्लेटफार्मों पर तैनात 70 से ज़्यादा निहत्थे भारतीय सैनिकों को द्वीपसमूह से हटाने के लिए भी दबाव डाला. मई में भारतीय सैनिकों का आखिरी ग्रुप मालदीव से चला गया और उनकी जगह एक तकनीकी टीम को लाया गया. विपक्षी एमडीपी जो 2018 से 2023 के बीच मालदीव में सत्ता में रही थी, की विदेश नीति का नजरिया भारत को एक मित्र देश के रूप में देखना था, जबकि मुइज्जू की पार्टियों के गठबंधन को चीन के करीब माना जाता रहा है.

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