Last Updated:September 04, 2025, 22:25 IST
गुनथर फेलिंगर-जाह्न नाम के इस छुटभैये अर्थशास्त्री ने X पर भारत को तोड़ने की अपील की. साथ ही इंडिया का टूटा फूटा नक्शा शेयर करते हुए इसे “Ex-India” करार दिया. इसके बाद भारत में लोगों का गुस्सा भड़क गया. प्रिय...और पढ़ें

नई दिल्ली. ऑस्ट्रिया के कथित अर्थशास्त्री और खुद को नाटो (NATO) के “एनलार्जमेंट कमेटी” का अध्यक्ष बताने वाले गुनथर फेलिंगर-जाह्न ने भारत के खिलाफ जहरीला बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. गुनथर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर एक पोस्ट में भारत को तोड़ने की बात कही और “Ex-India” नामक एक नक्शा शेयर किया. इस नक्शे में भारत के कई हिस्सों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और कथित खालिस्तान का हिस्सा दिखाया गया.
‘नरेंद्र मोदी रूस के आदमी’
गुनथर ने अपने पोस्ट में लिखा, “मैं भारत को तोड़ने की अपील करता हूं. नरेंद्र मोदी रूस के आदमी हैं. हमें खालिस्तान के लिए स्वतंत्रता के समर्थक चाहिए.” इस बयान के बाद भारत में गुस्से की लहर दौड़ गई. राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता तक ने इसे भारत की संप्रभुता पर हमला बताया. शिवसेना (उद्धव गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि विदेश मंत्रालय को तुरंत ऑस्ट्रियन दूतावास के साथ इस मुद्दे को उठाना चाहिए.
राहुल को पीएम बनाने का कर चुके समर्थन
वहीं, सोशल मीडिया पर नेटिजन्स ने गुनथर को “ट्रोल” करना शुरू कर दिया. साफ कहा कि वह न तो NATO से जुड़े हैं और न ही उनकी कोई आधिकारिक हैसियत है. दिलचस्प बात यह है कि गुनथर का कांग्रेस प्रेम अब फिर चर्चा में है. साल 2023 में उनके पुराने एक्स पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें उन्होंने राहुल गांधी को भारत का अगला प्रधानमंत्री बनने का समर्थन जताया था. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्होंने रूस और चीन का समर्थक बताया था.
भारतीय संप्रभुता पर हमला
विशेषज्ञों का मानना है कि गुनथर जैसे लोग सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए भारत जैसे बड़े लोकतंत्र को निशाना बनाते हैं. उनका बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है. भारत में राजनीतिक दलों का मानना है कि गुनथर जैसे स्वयंभू ट्रोल्स की बयानबाजी को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए, लेकिन सरकार को कूटनीतिक स्तर पर इस तरह के कृत्यों पर रोक लगानी होगी. भारत की अखंडता और संप्रभुता पर सवाल उठाने वालों को सख्त जवाब देना ही उचित होगा
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
September 04, 2025, 22:23 IST