'मेरा नाम भारत है...' इतना सुनते ही पत्नी और बेटे के सामने सिर में मार दी गोली

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Last Updated:April 24, 2025, 15:40 IST

Jammu Kashmir Pahalgam Attack: बेंगलुरु के भारत भूषण के लिए जम्मू-कश्मीर यात्रा आतंकियों के हमले में मातम में बदल गई. आतंकियों ने भारत से नाम पूछकर गोली मार दी. बेंगलुरु में परिवार सदमे में है.

'मेरा नाम भारत है...' इतना सुनते ही पत्नी और बेटे के सामने सिर में मार दी गोली

'मेरा नाम भारत है' सुनकर आतंकियों ने मारी गोली

हाइलाइट्स

भारत भूषण की जम्मू-कश्मीर में हत्या हुई.आतंकियों ने भारत भूषण से नाम पूछकर गोली मारी.बेंगलुरु में परिवार सदमे में है.

बेंगलुरु: यह छुट्टियां एक परिवार के लिए जिंदगी की सबसे बड़ी खुशियां लेकर आई थीं, लेकिन कुछ ही घंटों में ये सफर मातम में बदल गया. बेंगलुरु में रहने वाले भारत भूषण अपनी पत्नी और तीन साल के बेटे के साथ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम घूमने गए थे. वहां आतंकियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी.

भारत की पत्नी डॉ. सुजाता बच्चों की डॉक्टर हैं. वो तीनों पहलगाम की वादियों में घूम रहे थे. तभी कुछ आतंकवादी वहां आ धमके. उन्होंने भारत से नाम पूछा. भारत ने सच्चाई से जवाब दिया – “मेरा नाम भारत भूषण है.” ये सुनते ही आतंकियों ने गोली चला दी. भारत के सिर में गोली मारी गई, वो वहीं गिर पड़े. ये सब कुछ उनकी पत्नी और बेटे की आंखों के सामने हुआ.

बेंगलुरु में पसरा मातम
भारत की मौत की खबर बेंगलुरु में उनके घरवालों पर कहर बनकर टूटी. उनके 74 साल के पिता चन्नवीरप्पा को यह बात अखबार से पता चली. सुबह की सैर पर निकले थे, तभी कन्नड़ अखबार में खबर देखी. पढ़ते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. बोले, “मुझे नहीं पता था. मेरी पत्नी और घरवालों ने मुझसे बात छिपा ली थी.”

चन्नवीरप्पा ने बताया कि मरने से कुछ घंटे पहले भारत ने उन्हें फोन किया था और वो मुझे घाटियों का वीडियो दिखा रहा था. बोला था कि पिताजी, हम पहलगाम जा रहे हैं. मैंने बस इतना कहा कि सुरक्षित रहना बेटा. फिर फोन काट दिया. यही आखिरी बातचीत थी.

हमले की खबर मंगलवार दोपहर से ही टीवी और इंटरनेट पर चल रही थी. चन्नवीरप्पा को भी शक हुआ. उन्होंने बहू से कहा कि टीवी चलाओ, लेकिन बहू ने बहाना बना दिया – “भैया (बड़े बेटे) आने दो, वही ठीक करेंगे.” इंटरनेट भी बंद था, इसलिए वो कुछ जान नहीं पाए.

शाम करीब 7 बजे घर में एक और खबर आई कि भारत घायल हो गया है. परिवार ने कहा कि कुछ खास नहीं है. बड़े बेटे प्रीतम और सुजाता के भाई को कश्मीर भेजा गया. फ्लाइट सुबह 11 बजे थी, लेकिन वो देर रात 2 बजे निकले. घर में सब डरे हुए थे, लेकिन उम्मीद बाकी थी.

मां की दुआ भी काम नहीं आई
भारत की मां लक्ष्मी देवी बहुत घबरा गईं. उन्होंने पूजा शुरू कर दी. चन्नवीरप्पा ने बताया क वो बार-बार कह रही थीं चलो प्रार्थना करते हैं. हमने भगवान को 101 रुपये का चढ़ावा भी चढ़ाया, लेकिन देखिए, हमारी प्रार्थनाओं का क्या नतीजा निकला.

आतंकियों ने नाम पूछा था
कुछ घंटे बाद बेटे प्रीतम ने फोन कर पूरी सच्चाई बताई. भारत अब इस दुनिया में नहीं था. आतंकियों ने नाम पूछा था कि हिंदू हो या मुसलमान? भारत ने कहा कि मैं हिंदू हूं. बस, यही सुनते ही गोली मार दी.

भारत उस वक्त अपने तीन साल के बेटे को गोद में लिए थे. पत्नी सुजाता उनके पास खड़ी थीं. गोली चलने से पहले आतंकियों ने बच्चे को मां के हवाले कर दिया. फिर भारत का नाम पूछा और उसी पल उनकी जिंदगी छीन ली.

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भरी आंखें के साथ चन्नवीरप्पा ने कहा कि मैंने उसका नाम भारत भूषण इसलिए रखा था क्योंकि वो पुराने जमाने के हीरो भारत भूषण से प्रेरित था और राजा भरत से भी, जिनके नाम पर इस देश का नाम ‘भारत’ पड़ा.

First Published :

April 24, 2025, 15:40 IST

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