मैदान या पहाड़... हर तरफ मानसून से हाहाकार, दिल्ली-NCR में झमाझम बारिश

4 hours ago

मौसम स्थिति

हल्की से मध्यम बारिश

हल्की गरज और बिजली

40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं

दिल्ली के प्रभावित इलाके

नरेला, अलीपुर, बुराड़ी, करावल नगर, दिलशाद गार्डन, सीमापुरी

एनसीआर (उ.प्र.) के इलाके

लोनी देहात, हिंडन एएफ स्टेशन, गाजियाबाद, इंदिरापुरम, छपरोला

नोएडा, दादरी, ग्रेटर नोएडा

हरियाणा के इलाके

करनाल, राजौंद, असंध, सफीदों, पानीपत, गोहाना, गन्नौर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले

सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर

अलीगढ़, हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, बदायूं आदि

सावधानियां

खुले में जाने से बचें

बिजली उपकरणों से सतर्क रहें

दिल्ली-नोएडा में झमाझम बारिश

दिल्ली-नोएडा में झमाझम बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने पहले ही एनसीआर में अच्छी बारिश का अलर्ट जारी किया था. हालांकि इस अच्छी बारिश की वजह से दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा हो सकती है.

उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश

उत्तराखंड के कई जिलों में इस समय बारिश हो रही है. उत्तरकाशी प्रशासन के मुताबिक गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थान नेताला, नलूणा, लालडांग के पास दलदल होने के कारण अवरुद्ध हुआ है जिसके संबंध में बीआरओ को अवगत कराया गया है. बीआरओ के द्वारा सड़क से मलबा हटाने के लिए मशीन भेज दी गई है. मार्ग खोलने का कार्य चल रहा है.

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क्षेत्रवार मौसम पूर्वानुमान 4 जुलाई तक

पश्चिम भारत:

अगले 7 दिनों में कोंकण, घाट क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश.

गुजरात, महाराष्ट्र में भी वर्षा जारी रहेगी.

उत्तर-पश्चिम भारत:

• 30 जून: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में अत्यधिक भारी वर्षा (>20 सेमी).

हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में भी अलग-अलग दिनों पर भारी वर्षा की संभावना.

गरज, बिजली व 30–40 किमी/घंटा की तेज हवाएं संभावित.

पूर्व और मध्य भारत:

एमपी, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल में भारी वर्षा की संभावना.

विशेषत: 1–2 जुलाई को बहुत भारी वर्षा का अलर्ट.

बिजली और तेज़ हवाएं चल सकती हैं.

उत्तर-पूर्व भारत:

अगले 7 दिनों तक लगातार बारिश के आसार.

• 2–4 जुलाई: अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड में बहुत भारी वर्षा.

दक्षिण भारत:

केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में अलग-अलग दिन भारी वर्षा की संभावना.

कई हिस्सों में 40–50 किमी/घंटा की तेज़ हवाएं चलेंगी.

मछुआरों के लिए चेतावनी:

  3 जुलाई तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के विभिन्न भागों में समुद्र बहुत अशांत रहेगा.

गुजरात, कोंकण, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान सागर के तटीय इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.

दिल्ली-एनसीआर का मौसम 1 जुलाई को

हल्की से मध्यम वर्षा के साथ गरज, चमक और तेज़ हवाएं संभावित. तापमान में गिरावट.

देश के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति खतरनाक है.

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मानसून की प्रगति

अगले 2 दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के देश के शेष भागों में भी आगे बढ़ने के लिए परिस्थितिया अनुकूल बन रही हैं. इस बीच भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है. अगले 7 दिनों तक उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है. 30 जून को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है.

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इन इलाकों में ऑरेंज अलर्ट

देश के कई इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

चंडीगढ़ के साथ हरियाणा के पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू, ऊना, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, हरिद्वार में तेज बारिश हो सकती है. तेज हवाएं भी चल सकती हैं.

इसके अलावा पंजाब के रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, एसएएस नगर, पटियाला, होशियारपुर, संगरूर, नवांशहर

गुजरात में सूरत, तापी, नवसारी, डांग, वलसाड, दमन, दादर और नगर हवेली

उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बांदा, बुलंदशहर, फतेहपुर, कौशांबी, चित्रकूट, रायबरेली

मध्य प्रदेश में अशोकनगर, गुना, श्योपुर कलां, टीकमगढ़

ओडिशा के नौपढ़ा, केंझर, मयूरभंज, कोरापुट

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पश्चिमी यूपी वाले रहे सतर्क

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 2-3 घंटों के लिए विभिन्न राज्यों में भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है. प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की गई है.मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मेरठ, संभल, और बांदा जिलों में मध्यम आंधी और बिजली के साथ तेज हवाएं चलेंगी. हवा की रफ्तार 41-61 किमी/घंटा हो सकता है. यहां भारी बारिश की संभावना है. निवासियों को घरों में रहने, पेड़ों या कमजोर संरचनाओं के नीचे शरण न लेने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है.

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देश में इस साल मानसून ने तय समय से पहले दस्तक दी है. इसने अपने रौद्र रूप से मैदानों से लेकर पहाड़ों तक हाहाकार मचा रखा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 29 जून तक पूरे देश को कवर कर लिया, जो सामान्य तारीख 8 जुलाई से 9 दिन पहले है. इस कारण दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में भारी बारिश हो रही है. इसने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. कई क्षेत्रों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी स्थिति है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए कई राज्यों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की है.

दिल्ली-एनसीआर में अच्छी बारिश

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मानसून ने 24 जून को ही अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी थी, जो सामान्य से एक सप्ताह पहले है. 29 जून से दिल्ली-एनसीआर में झमाझम बारिश ने लोगों को उमस और गर्मी से राहत दी. दक्षिण दिल्ली के सफदरजंग, लोधी रोड, और हौज खास जैसे इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जबकि पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार और मयूर विहार में बूंदाबांदी हुई. मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए 1-2 जुलाई यानी सोमवार और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. अगले कुछ दिनों तक लगातार बारिश का अनुमान है.

बिहार में कई जिलों में रेड अलर्ट

बिहार में मानसून 17 जून को ही सक्रिय हो गया था और अब तक पटना, गया, बांका और औरंगाबाद जैसे जिलों में भारी बारिश ने तबाही मचाई है. गया के इमामगंज में सर्वाधिक 150 मिमी वर्षा दर्ज की गई. IMD ने 10 जिलों के लिए भारी बारिश और वज्रपात का रेड अलर्ट जारी किया है. कोसी और गंडक नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है.

भूस्खलन और बादल फटने का खतरा

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मानसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी, देहरादून और चमोली में सोमवार और मंगलवार के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना में दो मजदूरों की मौत और कई के लापता होने की खबर है. भूस्खलन के कारण कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे चारधाम यात्रा को अगले 48 घंटों के लिए स्थगित कर दिया गया है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, कांगड़ा, और मंडी में भारी बारिश ने नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ा दिया है. शिमला-मनाली मार्ग पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.

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