ये खर-पतवार है, वाजपेयी के सहयोगी रामदौस ने बेटे को पार्टी से क्यों निकाला?

1 month ago

Last Updated:September 12, 2025, 11:19 IST

Tamilnadu Politics: पट्टाली मक्कल काची (PMK) के संस्थापक डॉ. एस रामदौस ने बेटे अंबुमणि रामदौस को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. विवाद में मुकुंदन की नियुक्ति है. मुकुंदन एस. रामदौस के नाती और अंबुमणि के भांजे हैं.

ये खर-पतवार है, वाजपेयी के सहयोगी रामदौस ने बेटे को पार्टी से क्यों निकाला?पीएमके में भांजे की एंट्री से मामा अंबुमणि रामदौस बगावती हो गए.

Tamilnadu Politics: तमिलनाडु की राजनीति में इन दिनों बाप-बेटे की लड़ाई सुर्खियां बटोर रही है. दरअसल, पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक डॉ. एस रामदौस और उनके बेटे व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. अंबुमणि रामदौस के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. इस कारण पिता ने गुरुवार को बेटे अंबुमणि को पार्टी के सभी पदों से बर्खास्त कर दिया. उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निष्कासित कर दिया गया. अंबुमणि पार्टी के वर्किंग प्रेसिडेंट थे. यह फैसला विल्लुपुरम जिले के थेलापुरम स्थित रामदौस के फार्महाउस में लिया गया. रामदौस ने कहा कि पार्टी की डिसिप्लिनरी एक्शन कमिटी ने अंबुमणि के खिलाफ 16 आरोप तय किए हैं, जिसमें एंटी-पार्टी एक्टिविटीज में लिप्त होना और नेतृत्व से बिना सलाह लिए काम करना शामिल है. उन्होंने बताया कि अंबुमणि को कई शो-कॉज नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन्होंने न तो लिखित जवाब दिया और न ही व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद जवाब न देने से सभी आरोप सिद्ध मान लिए गए हैं.

रामदौस ने बेटे अंबुमणि पर अलग गुट चलाने और पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया. एक आरोप यह भी है कि अंबुमणि ने उनके कुर्सी पर जासूसी डिवाइस लगवाई, जिसकी पुलिस जांच चल रही है. रामदौस ने साफ कहा कि उनके बेटे में नेतृत्व के बुनियादी गुण नहीं हैं. वह खर-पतवार की तरह है. अगर वह चाहे तो अपनी अलग पार्टी बना सकता है. यह पार्टी मेरी मेहनत से बनी है और किसी को भी इसका दावा करने का हक नहीं, यहां तक कि मेरे बेटे को भी नहीं. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि अंबुमणि के संपर्क में रहने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, रामदौस ने कहा कि वह अंबुमणि के समर्थकों को माफ करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि उन्होंने पहले उनकी मदद की थी.

नाती की राजनीतिक एंट्री पर विवाद

यह विवाद दिसंबर 2024 में पार्टी की जनरल काउंसिल मीटिंग से शुरू हुआ था, जब रामदौस ने अपने नाती पी मुकुंदन को यूथ विंग प्रेसिडेंट नियुक्त किया. मुकुंदन अंबुमणि की बहन गांधीमाथी के बेटे हैं, जो पार्टी में हाल ही में शामिल हुए थे. अंबुमणि ने स्टेज पर इसका विरोध किया और माइक पटक दिया. उसके बाद से पार्टी दो खेमों में बंट गई. मई 2025 में रामदौस ने 220 जिलाध्यक्षों और सचिवों की बैठक बुलाई, लेकिन केवल 22 ही पहुंचे. यह अंबुमणि के प्रति समर्थन का संकेत था. अगस्त 2025 में पुडुचेरी में स्पेशल जनरल काउंसिल में 16 आरोप तय हुए और शो-कॉज नोटिस जारी किए गए. 31 अगस्त और फिर 10 सितंबर तक का समय दिया गया, लेकिन अंबुमणि ने जवाब नहीं दिया. अंबुमणि के समर्थक इस फैसले को अस्वीकार कर रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील के बालू ने कहा कि रामदौस को ऐसा फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि पार्टी के बायलॉज के अनुसार केवल प्रेसिडेंट अंबुमणि, जनरल सेक्रेटरी वडिवेल रवणन और ट्रेजरर थिलागबामा ही प्रशासनिक फैसले ले सकते हैं.

चुनाव आयोग द्वारा अनुमोदित नियमों के तहत अंबुमणि ही वैध प्रेसिडेंट हैं. अंबुमणि के कैंप ने हाल ही में जनरल बॉडी मीटिंग बुलाकर उनका कार्यकाल बढ़ाया. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विभाजन पीएमके के पारंपरिक वण्णियार वोट बैंक को कमजोर करेगा, खासकर उत्तरी तमिलनाडु में. भाजपा-नीत एनडीए के लिए यह झटका है, क्योंकि पीएमके का विभाजन 2026 विधानसभा चुनावों में गठबंधन को प्रभावित करेगा. अंबुमणि भाजपा के साथ गठजोड़ चाहते थे, जबकि रामदौस डीएमके की ओर झुकाव दिखा रहे हैं.

अटल सरकार में मंत्री रहे अंबुमणि रामदौस

पीएमके संस्थापक एस रामदौस अटल-अडवाणी की भाजपा के वक्त एडीए के हिस्सा थे. उन्होंने 1989 में पीएमके की स्थापना की. 1999 के लोकसभा चुनावों में पीएमके के समर्थन से एनडीए को दक्षिण भारत में मजबूती मिली. फिर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रामदौस के बेटे अंबुमणि रामदौस को स्वास्थ्य मंत्री की कुर्सी मिली. हालांकि बाद में रामदौस डीएमके के साथ चले गए और एनडीए से अलग हो गए. बावजूद इसके वह अटल बिहारी वाजपेयी से प्रशंसक रहे और उनके नेतृत्व की सराहना की.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

September 12, 2025, 11:12 IST

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