Last Updated:July 09, 2025, 07:58 IST
Rahul Gandhi-Tejashwi Yadav Meeting: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की आज पटना में होने वाली बैठक में बिहार चुनाव 2025 के लिए सीट बंटवारे पर चर्चा की संभावना है. क्या कांग्रेस 50 सीटों तक चुनाव लड़ने को तैयार हो स...और पढ़ें

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की अहम बैठक आज.
हाइलाइट्स
राहुल-तेजस्वी की बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा हो सकती है.क्या कांग्रेस 50 सीटों तक चुनाव लड़ने को तैयार हो सकती है.बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर अज अहम बैठक.पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच सीट बंटवारे पर आज अहम फैसला आने की उम्मीद है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव आज पटना में मिल रहे हैं. सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की बैठक के बाद कांग्रेस 50-60 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हो सकती है. बशर्ते ये सीटें जीतने की अधिक संभावना वाली हों. कांग्रेस की रणनीति इस बार उन सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की है, जहां जीत की संभावना अधिक है. पार्टी ने इन सीटों को तीन श्रेणियों में बांटा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 19 सीटें जीत पाई थी, जिसका स्ट्राइक रेट 27% रहा.
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी ने ‘ए’ श्रेणी में ऐसी 25-30 मजबूत सीटों का चयन किया है, जहां कांग्रेस का आधार मजबूत है. वहीं ‘बी’ और ‘सी’ श्रेणी में 18-20 सीटें हैं, जहां पार्टी को अतिरिक्त मेहनत की जरूरत है और जहां पर आरजेडी के साथ बात नहीं बन रही है. हालांकि, अभी तक सीटों के नामों की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. कांग्रेस ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया है, जिसमें पूर्व विधायक, सांसद और अन्य नेताओं ने जीतने योग्य सीटों की पहचान की है.
राहुल-तेजस्वी की बैठक का प्रभाव
15 अप्रैल 2025 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की बैठक हुई. इस बैठक में सीट बंटवारे और महागठबंधन की रणनीति पर सकारात्मक चर्चा हुई. तेजस्वी ने 17 अप्रैल को पटना में महागठबंधन की एक और बैठक की घोषणा की, जिसमें RJD, कांग्रेस, वाम दल, और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) जैसे सहयोगी दल शामिल हुए. बैठक में कांग्रेस ने जोर दिया कि उसे पिछले चुनाव की तरह कमजोर और शहरी सीटों के बजाय मजबूत और ग्रामीण सीटें दी जाएं, जहां उसका स्ट्राइक रेट बेहतर हो सके.
RJD ने शुरू में 50 सीटों से कम देने की बात कही, लेकिन लालू यादव और खड़गे की पहल के बाद 70 सीटों पर सहमति की संभावना बढ़ी है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में स्वीकार कर लिया है, जिसके बदले में उपमुख्यमंत्री जैसे पद की मांग हो सकती है. कांग्रेस ने अभी तक उन सीटों की सूची सार्वजनिक नहीं की है, जहां वह चुनाव लड़ेगी. हालांकि, पार्टी ने अपने आंतरिक सर्वे और फीडबैक के आधार पर जीतने योग्य सीटों की पहचान की है. ये सीटें मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में हो सकती हैं, जहां कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक अल्पसंख्यक, दलित और सवर्ण मजबूत है.
पार्टी ने बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम के नेतृत्व में इन सीटों को चिह्नित किया है. 15 मई 2025 के बाद सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा होने की संभावना है. कांग्रेस इस बार RJD की छाया से बाहर निकलकर एक स्वतंत्र ताकत के रूप में उभरना चाहती है. राहुल गांधी ने बिहार में कई रैलियां की हैं, जिनमें दलित, पिछड़े वर्ग और संविधान की रक्षा जैसे मुद्दों पर जोर दिया गया है. पार्टी ने राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अनुसूचित जातियों को लुभाने की कोशिश की है. इसके अलावा, कांग्रेस ने अपनी बार्गेनिंग पावर बढ़ाने के लिए 90 सीटों की दावेदारी भी ठोकी थी, जिसे रणनीतिक चाल माना जा रहा है.
कांग्रेस की 19 जीती हुई सीटें और विधायक
अररिया (अररिया जिला): अविदुर रहमान
औरंगाबाद (औरंगाबाद जिला): आनंद शंकर सिंह
कहलगांव (भागलपुर जिला): शुभानंद मुकेश
सुल्तानगंज (भागलपुर जिला): ललन कुमार
बक्सर (बक्सर जिला): संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी
राजपुर (SC) (बक्सर जिला): विश्वनाथ राम
बिक्रम (पटना जिला): सिद्धार्थ सौरभ
बांकीपुर (पटना जिला): लव सिन्हा
कुटीया (SC) (औरंगाबाद जिला): राजेश कुमार राम
जमालपुर (मुंगेर जिला): अजय कुमार सिंह
खगड़िया (खगड़िया जिला): छत्रपति यादव
अलौली (SC) (खगड़िया जिला): रामवृक्ष सदा
किशनगंज (किशनगंज जिला): इजहारुल हुसैन
कदवा (कटिहार जिला): शकील अहमद खान
मनिहारी (SC) (कटिहार जिला): मनोहर प्रसाद सिंह
हिसुआ (नवादा जिला): नीतू कुमारी
नवादा (नवादा जिला): विपिन बिहारी
महाराजगंज (सीवान जिला): विजय शंकर दुबे
इन 19 सीटों के अलावा कांग्रेस बेगूसराय, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया और मधेपुरा जिले की तकरबीन 20 विधानसभा सीटों पर दावा ठोक रही है. इन जिलों में पप्पू यादव और अखिलेश प्रसाद सिंह जैसे नेताओं का अपना प्रभाव है. हालांकि, साल 2020 के विधासनसभा चुनावव में कांग्रेस का वोट शेयर लगभग 7% था और 70 सीटों पर उसका स्ट्राइक रेट 27% रहा. कांग्रेस की खराब प्रदर्शन ने ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से रोका था. ऐसे में इस बात को लेकर कांग्रेस और आरजेडी में रार चल रहा है कि इस बार 50 से कम सीट पर कांग्रेस चुननाव लड़े.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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