Last Updated:July 09, 2025, 13:05 IST
Tariff War : अमेरिका के जवाबी शुल्क को लेकर दुनिया के तमाम संगठन मुखर होने लगे हैं. ब्रिक्स की ओर से टैरिफ की आलोचना के बाद अब आसियान समूह के 10 देशों ने भी अमेरिका के इस कदम की तीखी आलोचना की है.

आसियान देशों ने अमेरिकी टैरिफ की आलोचना की है.
नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ सुर उठने शुरू हो गए हैं. मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बुधवार को सीधे तौर पर अमेरिका के खिलाफ हमलावर होते हुए कहा कि टैरिफ को ग्लोबल ट्रेड का हथियार बनाना सही नहीं है. दक्षिण पूर्व एशिया के विदेश मंत्रियों ने अमेरिकी व्यापार शुल्क के बढ़ते खतरे के बीच अपनी वार्षिक बैठक में कहा कि इससे पूरी दुनिया का ट्रेड बैलेस बिगड़ जाएगा.
अनवर के अनुसार, अमेरिकी शुल्क के खतरे ने दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) को झकझोर दिया है. 10 देश इस संगठन का हिस्सा हैं जिनमें से छह देश उन 14 देशों में शामिल हैं, जिन पर अमेरिका का निर्यात शुल्क 1 अगस्त से प्रभावी हो जाएगा और उनके व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दुनिया अब एक ऐसे युग का गवाह बन रही है जहां ताकतवर देश पूरी दुनिया को अस्थिर करने पर उतारू हैं. जिन चीजों का इस्तेमाल कभी विकास के लिए किया जाता था, अब उनका इस्तेमाल दबाव बनाने, अलग-थलग करने और नियंत्रित करने के लिए किया जा रहा है.
एकजुट होने की अपील
अमेरिका का नाम लिए बिना उन्होंने आसियान से व्यापार संबंधी खतरों से निपटने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया. कहा कि हमारी एकजुटता सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. अनवर ने सदस्य देशों से आसियान के भीतर व्यापार बढ़ाने, क्षेत्रीय एकीकरण में निवेश करने और बाहरी शक्तियों पर रणनीतिक निर्भरता कम करने का आह्वान किया. साथ ही टैरिफ वॉर के लंबे समय तक जारी रहने और इसके दीर्घकाल तक पड़ने वाले परिणमों को लेकर भी आगाह किया.
90 की दिन की मियाद पूरी, 1 अगस्त से लागू
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार अप्रैल में शुल्क की घोषणा की थी, लेकिन समझौते करने के लिए इन्हें 90 दिन के लिए टाल दिया था. मंगलवार को उन्होंने 14 देशों पर 25 से 40 फीसदी की दर से नए शुल्क की घोषणा की, जो 1 अगस्त से लागू होंगे. अब अगर किसी देश के साथ नया समझौता नहीं होता है तो यह टैरिफ हर हाल में लागू हो जाएगा. ट्रंप ने साथ ही धमकी दी कि अगर कोई देश जवाबी कार्रवाई करता है तो वे शुल्क और बढ़ा देंगे.
आसियान देशों ने शुरू की बातचीत
आसियान सदस्यों ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता शुरू की है. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि वे एक साझा रुख अपनाने के लिए इस वर्ष के अंत में आसियान-अमेरिका शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. वियतनाम ही अब तक केवल ऐसा समझौता कर पाया है जिसके तहत उसके शुल्क 46 फीसदी से घटकर 20 पर आ गए हैं. बाकी थाईलैंड तथा कंबोडिया पर 36 फीसदी, इंडोनेशिया पर 32 फीसदी, मलेशिया पर 25 फीसदी और लाओस तथा युद्धग्रस्त म्यांमार पर 40 फीसदी शुल्क लगने का खतरा है. आसियान में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई दारुस्सलाम, वियतनाम, लाओस, म्यांमा तथा कंबोडिया जैसे देश शामिल हैं.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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