राहुल की फिटनेस और तेजस्वी का जोश, बिहार बंद में दिखा लीडरशिप का अलग-अलग अंदाज

4 hours ago

Last Updated:July 09, 2025, 12:13 IST

Bihar Chunav 2025: बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ इंडिया गठबंधन के भारत बंद में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी ने पटना की सड़कों पर उतरकर सियासी तापमान बढ़ा दिया. 55 साल के राहुल गांधी अपनी च...और पढ़ें

राहुल की फिटनेस और तेजस्वी का जोश, बिहार बंद में दिखा लीडरशिप का अलग-अलग अंदाज

भारत बंद के दौरान तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पटना की सड़कों पर एक साथ दिखे.

हाइलाइट्स

55 की उम्र में राहुल गांधी की चुस्ती और आत्मविश्वास भरा बॉडी लैंग्वेज, लंबी राजनीतिक पारी की तैयारी. तेजस्वी यादव का आक्रामक अंदाज और भीड़ जुटाने की क्षमता उनको सीएम का मजबूत दावेदार बनाता है. राहुल-तेजस्वी की जोड़ी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को 'वोटबंदी' बताकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ इंडिया गठबंधन के बुलाए गए बिहार बंद में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव एक साथ सड़कों पर उतरे. पटना के आयकर गोलंबर से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च में दोनों नेताओं का जोश और जुनून साफ दिखा, लेकिन उनके बॉडी लैंग्वेज और फिटनेस ने भी खूब ध्यान खींचा. जहां 55 साल के राहुल गांधी चुस्त-दुरुस्त और एनर्जी से भरे नजर आए, वहीं 35 वर्ष के तेजस्वी यादव पसीने से लथपथ और थोड़े भारी दिखे. यह सीन न केवल उनकी शारीरिक फिटनेस, बल्कि राजनीतिक सक्रियता और नेतृत्व शैली की भी झलक देता है.

राहुल गांधी 55 की उम्र में ‘बाहुबली’ फिटनेस- बता दें कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और वह अपने फिटनेस रूटीन के लिए पहले भी चर्चा में रहे हैं. वर्ष 2009 में एक अखबार की रिपोर्ट में बताया गया था कि राहुल आधी रात को भी जॉगिंग करते हैं. वर्ष 2021 में तमिलनाडु के एक स्कूल में उनके एक हाथ से पुश-अप्स ने सोशल मीडिया में तहलका मचा दिया था. आज पटना की सड़कों पर उनका आत्मविश्वास और चुस्ती साफ झलक रही थी. राहुल गांधी का बॉडी लैंग्वेज बताता है कि वह न केवल शारीरिक रूप से फिट हैं, बल्कि लंबी राजनीतिक पारी के लिए भी तैयार हैं. उनकी चाल में तेजी और चेहरे पर ऊर्जा बिहार की भीषण गर्मी में भी बरकरार थी. राजनीतिक के जानकारों का मानना है कि राहुल की यह फिटनेस उनकी राजनीतिक सक्रियता को और मजबूती देती है, विशेषकर जब वह बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्य में इंडिया गठबंधन को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं.

भारत बंद के दौरान पटना की सड़कों पर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ दिखे, लेकिन दोनों के बॉडी लैंग्वेज में काफी अंतर दिखा.

तेजस्वी यादव का वजन बढ़ा, पर जोश में कमी नहीं

वहीं, तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. इंडिया गठबंधन के विरोध मार्च के दौरान पसीने से लथपथ नजर आए. कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें मोटापा कम करने की सलाह दी थी, जिसके बाद तेजस्वी यादव ने अपनी फिटनेस पर ध्यान देना शुरू किया था, लेकिन बाद के दौर में राजनीतिक आपाधापी के बीच वह अपनी फिटनेस पर शायद उतना ध्यान नहीं दे पा रहे. हालांकि, आज उनकी शारीरिक बनावट में वजन बढ़ने के संकेत दिखे जो उनके बॉडी लैंग्वेज में थोड़ी थकान के रूप में उभरे. फिर भी उनकी राजनीतिक सक्रियता में कोई कमी नहीं है. तेजस्वी यादव ने जोरदार भाषण में चुनाव आयोग पर मतदाता सूची से गरीबों और वंचितों के नाम हटाने का आरोप लगाया और कहा, हम लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनकी आवाज में दम और भीड़ को एकजुट करने की क्षमता उनके नेतृत्व को बताती है.

पीएम मोदी ने तेजस्वी को दी थी सलाह-वजन कम करें, फिट रहें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में बिहार के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को उनके बढ़ते वजन को लेकर सलाह दी थी. बात उस समय सामने आई जब मोदी ने एक सार्वजनिक मंच से तेजस्वी को संबोधित करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि उन्हें अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए और वजन कम करने के लिए व्यायाम पर जोर देना चाहिए. इस टिप्पणी के बाद तेजस्वी ने बैडमिंटन खेलना शुरू किया और सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हुईं जिसमें वे कोर्ट पर खेलते नजर आए थे. हालांकि, हाल के वर्षों में तेजस्वी का वजन फिर से बढ़ता दिख रहा है. बिहार बंद के दौरान पटना में राहुल गांधी के साथ मार्च में तेजस्वी पसीने से लथपथ और भारी दिखे. फिर भी उनकी राजनीतिक सक्रियता में कोई कमी नहीं है. तेजस्वी ने इस सलाह को सकारात्मक लिया था, लेकिन उनकी व्यस्त राजनीतिक जिंदगी शायद फिटनेस रूटीन में बाधा बन रही है.

भारत बंद के दौरान पटना की सड़कों पर विरोध मार्च में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव के साथ दीपांकर भट्टाचार्य और मुकेश सहनी भी साथ रहे.

शारीरिक फिटनेस और राजनीति का गहरा नाता!

राहुल और तेजस्वी का यह संयुक्त प्रदर्शन बिहार की सियासत में एक नया रंग लाया है. राहुल का फिट और ऊर्जावान अंदाज उनकी लंबी पैदल यात्राओं, जैसे भारत जोड़ो यात्रा की याद दिलाता है. जाहिर है यह उनकी सहनशक्ति और जनता से जुड़ने की शैली को दर्शाता है. दूसरी ओर तेजस्वी यादव का थोड़ा भारी और पसीने से तर-बतर बॉडी लैंग्वेज उनके जमीनी संघर्ष को दर्शाता है जो बिहार की धरती पर जनता के मुद्दों को उठाने में पीछे नहीं हटता. राजनीति के जाकार कहते हैं कि तेजस्वी यादव का बढ़ता वजन उनकी सेहत पर ध्यान देने की जरूरत की ओर संकेत करता है. हालांकि, उनकी युवा ऊर्जा और आक्रामक रणनीति उन्हें बिहार में नीतीश कुमार के खिलाफ मजबूत दावेदार बनाती है.

भारत बंद और सियासी संदेश

भारत बंद का मकसद मतदाता सूची पुनरीक्षण को “वोटबंदी” बताकर नीतीश कुमार और बीजेपी पर निशाना साधना है. राहुल और तेजस्वी की जोड़ी ने इस मौके को न केवल चुनाव आयोग के खिलाफ, बल्कि बिहार में कानून-व्यवस्था और आर्थिक मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए इस्तेमाल किया. दोनों नेताओं का बॉडी लैंग्वेज भले ही अलग रहा हो, लेकिन उनका लक्ष्य एक था-2025 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मजबूत करना और जीत दिलाना.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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