Agency:Local18
Last Updated:January 22, 2025, 15:30 IST
Research On Om Chanting: सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के शोध में ॐकार और गायत्री मंत्र से 80% मरीजों को तनाव और चिंता में राहत मिली. पद्मासन में बैठकर मंत्रोच्चार से सर्वोत्तम परिणाम मिलते हैं.
तनाव मुक्ति के लिए ओम जप
राजकोट: आज के आधुनिक युग में मानव जीवन तनावग्रस्त (tense) हो गया है, जो न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य (mental and physical health) को भी प्रभावित करता है. ऐसे समय में सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण रिसर्च ने आशा की किरण जगाई है. मनोविज्ञान भवन के अध्यक्ष डॉ. योगेश ए. जोगसन और अध्यापक डॉ. धारा आर. दोशी के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन ने ॐ नाद और गायत्री मंत्र के मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले सकारात्मक प्रभावों को उजागर किया है.
107 मरीजों में से 90 मरीजों में हुआ सुधार
बता दें कि शोध के आंकड़े बताते हैं कि तनाव से पीड़ित 107 मरीजों में से 90 मरीजों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया. चिंता से पीड़ित 99 मरीजों में से 89 मरीजों ने राहत महसूस की. इसके अलावा, अवसाद के 110 मामलों में से 90 मामलों में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया. अध्ययन में यह भी पाया गया कि ॐ नाद और गायत्री मंत्र के नियमित उच्चारण से एकाग्रता में वृद्धि होती है. एकाग्रता में कठिनाई महसूस करने वाले 81 छात्रों में से 72 छात्रों ने उल्लेखनीय सुधार अनुभव किया. मूड स्विंग की समस्या से जूझ रही 79 महिलाओं में से 70 महिलाओं में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया.
मस्तिष्क को शांति मिलती है
शोधकर्ताओं के अनुसार, ॐ नाद और गायत्री मंत्र के उच्चारण से उत्पन्न होने वाली तरंगें मस्तिष्क को शांति प्रदान करती हैं और शरीर के चक्रों को सक्रिय करती हैं. इस प्रक्रिया के दौरान मस्तिष्क की कोशिकाएं सक्रिय होती हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.
आखिर हर मंत्र से पहले ‘ॐ’ बोला क्यों जाता है, इससे आपकी जिंदगी में क्या बदल जाता है?
विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि इन मंत्रों का जाप करते समय शांत वातावरण और सही मुद्रा महत्वपूर्ण है. पद्मासन में बैठकर, आंखें बंद करके, गहरी सांस के साथ मंत्रोच्चार करने से सर्वोत्तम परिणाम मिलते हैं. यह शोध दर्शाता है कि आधुनिक जीवन की व्यस्तता और तनाव से मुक्ति पाने के लिए हमारी प्राचीन भारतीय परंपराएं अत्यंत मूल्यवान हैं. आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक पद्धतियां मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकती हैं.
First Published :
January 22, 2025, 15:30 IST