रेप आरोपी को भी मिल सकती है अग्रिम जमानत मगर..., हाईकोर्ट ने बताई जरूरी शर्त

1 week ago

चंडीगढ़. रेप के मामलों में अग्रिम जमानत दिया जाना संभव है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ किया कि 12 और 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप या सामूहिक रेप के मामलों में भी अग्रिम जमानत कबूल है तथा आरोपी को दी जा सकती है. जस्टिस सुमित गोयल ने अपने फैसले में इसके लिए एक शर्त भी लगाई है. इसके लिए जमानत के लिए अर्जी दायर करने वाले को यह दिखाना होगा कि जैसा आरोप लगाया गया है, उसके खिलाफ पहली नजर में मामला नहीं बनता है या शिकायत करने वाले या अभियोजन पक्ष का मामला पहली नजर में झूठा, किसी गलत इरादे से प्रेरित या दुर्भावनापूर्ण है.

जस्टिस गोयल ने यह भी साफ किया कि ऐसी हालत में राहत दी जा सकती है, जहां अग्रिम जमानत न देना न्याय की विफलता या कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग माना जाएगा. हाईकोर्ट की पीठ ने फैसला दिया कि “इसमें कोई दो राय नहीं है कि न्यायिक विवेकाधिकार को कंट्रोल करने के लिए कोई व्यापक दिशा-निर्देश तय नहीं किए जा सकते हैं, क्योंकि हर मामले, विशेषकर आपराधिक मामले का तथ्यों के आधार पर अपना अलग नजरिया होता है.

अपने इस फैसले में जस्टिस गोयल ने सावधानी बरतने की बात भी कही. हाईकोर्ट ने साफ कहा कि ऐसे हर मामले के तथ्यों के प्रति न्यायिक विवेक का उचित और साफ उपयोग दिखाते हुए, अग्रिम जमानत देने के लिए उचित कारण बताने की जरूरत होती है. ऐसे मामलों में सावधानी बरतने के लिए जसिटस गोयल ने उन मामलों का हवाला किया, जहां कानून अग्रिम जमानत पर रोक लगाता है.

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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम से जुड़े मामलों से निपटने वाले सुप्रीम कोर्ट ने उन मामलों को अग्रिम जमानत को बनाए रखने योग्य माना, जहां आवेदक पहली नजर में यह दिखाने में सक्षम था कि अधिनियम के तहत मामला नहीं बनता है या जहां राहत न देने से न्याय की विफलता या कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.

Tags: Bail grant, High court, High Court Comment, High Court Judge

FIRST PUBLISHED :

September 6, 2024, 09:28 IST

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