Last Updated:June 30, 2025, 20:30 IST
Janaki v State of Kerala Release Date: केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में CBFC यानी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को फटकार लगाई. कोर्ट ने पूछा कि आखिरी जानकारी नाम में क्या दिक्कत है. इस फिल्म में मुख्य भूमिका मे...और पढ़ें

कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया. (Film Poster)
हाइलाइट्स
केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री सुरेश गोपी फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं.फिल्म जानकी बनाम स्टेट ऑफ केरला में जानकी नाम पर विवाद है.CBFC ने फिल्म के टाइटल जानकी पर आपत्ति दर्ज की है.Janaki v State of Kerala Release Date: केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री सुरेश गोपी स्टारर फिल्म जेएसके: जानकी बनाम स्टेट ऑफ केरल की रिलीज अटकी हुई है. फिल्म की निर्माता कंपनी ने केरल हाई कोर्ट का रुख किया और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें मुख्य किरदार का नाम जानकी होने पर आपत्ति जताई गई थी. हाईकोर्ट ने सीबीएफसी द्वारा इस तरह की आपत्ति जताए जाने पर हैरानी जताई है.
27 जून को रिलीज होनी थी फिल्म
निर्माता कंपनी मेसर्स कॉसमॉस एंटरटेनमेंट द्वारा दायर याचिका फिल्म के लिए बिना देरी किए सर्टिफिकेट जारी करने की मांग की गई है. फिल्म 27 जून को रिलीज के लिए निर्धारित थी. आरोप लगाया गया कि सीबीएफसी ने धार्मिक संवेदनशीलता का हवाला देते हुए शीर्षक और किरदार के नाम ‘जानकी’ पर अनौपचारिक रूप से आपत्ति जताई है. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एन नागरेश ने सीबीएफसी के तर्क पर हैरानी जताई. कोर्ट के रुख को देखते हुए डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ओएम शालिना ने कोर्ट को बताया कि ‘जानकी’ नाम हिंदू देवी सीता से जुड़ा है. इसका उपयोग धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है. लिहाजा इसपर आपत्ति जताई गई है.
CBFC के जवाब से जज नाराज
हाईकोर्ट ने इसपर कहा कि अगर बलात्कारी का नाम राम, कृष्ण या जानकी रखा जाए, तो मैं समझ सकता हूं. यहां, वह न्याय के लिए लड़ने वाली नायिका है. उन्होंने सवाल किया कि इस तरह का चित्रण आपत्तिजनक कैसे हो सकता है. कोर्ट ने कहा कि अब आप निर्देशकों और कलाकारों को निर्देश देंगे कि उन्हें कौन से नाम इस्तेमाल करने चाहिए और कौन सी कहानियां बतानी चाहिए? जानकी नाम में क्या गलत है? यह किसी धर्म का अपमान कैसे है? यह कलाकारों की स्वतंत्रता है. आप इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते. यह पूर्ण नहीं है लेकिन आपके पास कोई ठोस कारण नहीं है.
CBFC ने फिल्म को अधर में अटकाया
याचिकाकर्ता ने कहा कि सर्टिफिकेट के लिए आवेदन 12 जून को सीबीएफसी के ई-सिनेप्रमाण पोर्टल के माध्यम से दिया था, लेकिन बोर्ड ने न तो प्रमाणपत्र जारी किया और न ही औपचारिक रूप से कोई आपत्ति व्यक्त की. याचिका में यह भी बताया गया कि सीबीएफसी ने पहले नाम या शीर्षक पर चिंता जताए बिना फिल्म के टीजर को मंजूरी दे दी थी. पूरी फिल्म के सर्टिफिकेट में देरी मनमाना है.. प्रोडक्शन कंपनी ने दलील दी कि देरी संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) और 19(1)(जी) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पेशे के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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