Last Updated:January 22, 2025, 10:32 IST
Kolkata RG Kar Doctor Case: आरजी कर रेप केस के दोष संजय रॉय कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में पहुंच गया. वहां जेल प्रशासन संजय रॉय की सुरक्षा को देखते हुए नियमों में बदलाव करने जा रहा है. रॉय को जेल की कोठरी नंबर ...और पढ़ें
संजय रॉय कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में रहेगा
कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस के दोषी संजय रॉय को अदालत से आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद कोलकाता के प्रेसीडेंसी जेल में रखा गया है. इस जेल में पहुंचते ही जेलर ने संजय रॉय के लिए कुछ नियमों में बदलाव किया है. यह बदलाव दोषी संजय रॉय की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इतना ही नहीं जेल पहुंचने के बाद संजय रॉय ने जेल अधिकारियों से सबसे पहले क्या मांग की है.
जेल के अधिकारियों ने बताया है कि आजीवन कारावास की सजा पाने वाले कैदियों को दिन के समय अपनी कोठरी से बाहर रहने का अधिक समय मिलता है, जबकि विचाराधीन कैदियों को यह सुविधा कम मिलती है. लेकिन संजय रॉय के मामले में उन्होंने कोलकाता रेप केस के दोषी की सुरक्षा जोखिम मानते हुए नियमों में बदलाव करने जा रहा है. इस बीच, प्रेसीडेंसी जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे संजय रॉय ने मंगलवार को अपनी पहली मांग की. रॉय ने एक नोटबुक और एक पेन मांगा है. जेल अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि वह क्या लिखना चाहता है? मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जेल प्रशासन संजय रॉय को यह अनुमति दे सकता है.
जेल में बंद कैदियों के लिए क्या है नियम?
विचाराधीन कैदी से आजीवन कारावास की सजा पाने वाले कैदी के रूप में उसका दर्जा बदलने के बाद संजय रॉय को मंगलवार को पहली बार कुछ घंटों के लिए अपनी बंद कोठरी से बाहर निकलने की अनुमति दी गई. रॉय पिछले साल 23 अगस्त से प्रेसीडेंसी जेल में है. तब से उन्हें हमेशा अपनी कोठरी में बंद रखा गया है, सिवाय कोर्ट में पेशी के समय चाहे वह वर्चुअल हो या फिजिकल हो.
संजय रॉय जेल में अकेले काल कोठरी में रहेगा. (पीटीआई)
जेल की कोठरी से बाहर निकला संजय रॉय
सूत्रों के अनुसार, संजय रॉय को कुछ घंटों के लिए अपनी कोठरी से बाहर निकलने की अनुमति दी गई थी (लेकिन कोठरी ब्लॉक से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी). हालांकि, रॉय को कड़ी निगरानी में रखा गया है और उसकी सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. बताया जा रहा है कि जब भी रॉय ने बोलने की कोशिश की तो सिर्फ अपनी बेगुनाही का दावा किया.
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने पिता की मृत्यु के कारण स्कूल छोड़ना पड़ा ताकि वह अपनी छोटी बहन की ग्रेजुएशन पूरी करने में आर्थिक मदद कर सकें. जेल अधिकारियों ने कहा कि अपराधी या दोषी शायद ही कभी अपनी गलती मानते हैं. अधिकारियों ने कहा कि विचाराधीन कैदियों और दोषियों के लिए जेल के नियम अलग होते हैं, लेकिन रॉय के मामले में ज्यादा बदलाव नहीं होंगे.
क्या संजय रॉय के साथ सेल में कोई रहेगा
रॉय को कोठरी (सेल) 6 में अकेले रहेगा. बताया जा रहा है कि उसे 24×7 निगरानी में रखा जाएगा. चूंकि रॉय के खिलाफ मामले सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों में चल रहे हैं, जेल अधिकारी उनकी सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते.
नियम के अनुसार, रॉय उम्रकैद का दोषी है जो अब कठोर कारावास की सजा काट रहा है. उम्रकैद की सजा पाने वाले दोषियों को आमतौर पर जेल कोड के अनुसार रोजाना काम सौंपा जाता है, लेकिन रॉय के मामले में उसकी सुरक्षा जोखिम मानते हुए अन्य आजीवन दोषियों की तरह सामान्य रूप से जेल से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी. जेल प्रशासन उन्हें इन सुरक्षा मापदंडों को ध्यान में रखते हुए हल्का काम सौंपेंगे. उन्हें उनकी कोठरी के पास हल्का काम दिया जाएगा.
उम्रकैद के दोषियों के लिए क्या है नियम?
आजीवन कैद की सजा पाने दोषियों को आमतौर पर दिन के विशिष्ट घंटों के लिए अपनी कोठरी या सेल से बाहर जाने और सूर्यास्त से पहले अपनी कोठरी में लौटने की अनुमति होती है. विभिन्न कामों के लिए दैनिक मजदूरी मिलती है. रॉय, जब से जेल में आया है उसे पोइला बैश नामक बैरक में कोठरी 6 दी गई है. इस ब्लॉक में 22 कोठरियां हैं.
यहां जेल के सबसे महत्वपूर्ण कैदी रहते हैं. कोठरी 2 में पार्थ चटर्जी रहते थे (हालांकि यह अब खाली है क्योंकि चटर्जी को सोमवार रात एसएसकेएम ले जाया गया). कुछ दिन पहले तक, कोठरी 7 में एक और पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिया मलिक थे. कोठरी अब खाली है क्योंकि मलिक पिछले हफ्ते जमानत पर जेल से बाहर आ गए.
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
January 22, 2025, 10:10 IST
रॉय ने जेल पहुंचते ही क्या की थी पहली मांग? कातिल के लिए बदलना पड़ गया नियम