गुजरात में नए साल का जश्न शुरू होने से पहले एक चौंकाने वाली घटना सामने आई. 27 दिसंबर की सुबह, बनासकांठा जिले के वडगाम तालुका के धनपुरा गांव के बाहरी इलाके में एक जली हुई कार मिली. कार के अंदर एक मानव कंकाल भी पड़ा था. इस जली हुई कार और उसके अंदर मिले मानव कंकाल ने पुलिस के सामने कई सवाल खड़े कर दिए. शुरुआत में पुलिस को लगा कि कार के मालिक की मौत हो गई है, लेकिन जांच में कुछ और ही सामने आया.
झूठी मौत की कहानी
शुरुआत में यह माना गया कि मृतक कार का मालिक था. लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, सच्चाई सामने आई. पुलिस और एफएसएल की जांच में पता चला कि मृतक असल में कार का मालिक नहीं था, बल्कि किसी और व्यक्ति का शव था. दरअसल, कार का मालिक कर्ज में डूबा हुआ था और उसने बीमा क्लेम प्राप्त करने के लिए खुद की मौत की झूठी कहानी रची थी. इसके लिए उसने एक व्यक्ति की हत्या कर उसके शव को कार में रखकर आग लगा दी थी.
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी दलपत सिंह उर्फ भगवान सिंह राजपूत को गिरफ्तार कर लिया, जो पिछले 10 दिनों से फरार था. भगवान सिंह पर आरोप था कि उसने अपने बीमा क्लेम के लिए एक हत्या की योजना बनाई थी. पुलिस अब उसकी रिमांड पर लेने की कोशिश कर रही है ताकि मामले की और तहकीकात की जा सके.
प्रारंभिक जांच और भगवान सिंह की भूमिका
जब पुलिस ने घटना की जांच शुरू की, तो यह पता चला कि कार के अंदर जलने वाला व्यक्ति दलपत सिंह उर्फ भगवान सिंह था. पुलिस को पहली बार ऐसा ही लग रहा था कि भगवान सिंह ने खुद को कार के अंदर जला लिया था, लेकिन फिर जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह कंकाल भगवान सिंह का नहीं था. पुलिस ने अब यह पता लगाने की कोशिश की कि जले हुए शख्स का असली पहचान क्या थी.
श्मशान घाट से शव निकालने का राज
पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि भगवान सिंह ने एक शव को श्मशान घाट से निकालकर कार में जलाया था. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि भगवान सिंह ने दो शवों को खोदा था, जिनमें से एक कंकाल को जलाया और दूसरे को वापस जमीन में दफन कर दिया. जब पुलिस ने श्मशान घाट का दौरा किया, तो वहां से शव गायब पाया गया, जो भगवान सिंह ने कार में जलाने के लिए इस्तेमाल किया था.
गुमशुदगी की शिकायत और जुड़ी हुई हत्या
इस बीच, अमीरगढ़ पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज हुई. यह व्यक्ति वीरमपुर गांव का रहने वाला था, जिसे भगवान सिंह ने अपने होटल में काम करने के लिए 26 दिसंबर को अपने साथ ले लिया था. लेकिन इसके बाद वह घर वापस नहीं लौट पाया. परिवारवालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जो बाद में हत्या का मामला बन गया.
पाँच आरोपियों का खुलासा और हत्या की साजिश
पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनसे रिमांड पर पूछताछ की. पूछताछ के दौरान सभी आरोपियों ने यह कबूल किया कि भगवान सिंह ने रेवाभाई गमिति की हत्या कर उसके शव को कार में जलाया. भगवान सिंह ने हत्या की पूरी योजना टीवी पर देखे गए क्राइम सीरियल्स से प्रेरित होकर बनाई थी.
मुंह जलाकर पहचान छुपाई
भगवान सिंह ने रेवाभाई गमिति की हत्या के बाद उसके चेहरे को जलाने की योजना बनाई ताकि उसकी पहचान न हो सके. बाद में शव को कार में रखकर उसे जला दिया गया. भगवान सिंह ने खुद को बचाने के लिए ऐसा कदम उठाया ताकि लोग सोचें कि मृतक वह खुद था, जबकि हकीकत कुछ और ही थी
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FIRST PUBLISHED :
January 7, 2025, 18:55 IST