लालू का सीबीआई जांच का डर! पाजामे में चूहा और खूब मिर्च वाला खाना खिलाकर...

1 month ago

Last Updated:March 06, 2025, 17:09 IST

Lalu Politics in Bihar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव के बीच लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाने वाले बयान पर विवाद गहराता जा रहा है. लेकिन, बहुत कम लोगों को पता है कि जिस चारा घोटाले मे...और पढ़ें

लालू का सीबीआई जांच का डर! पाजामे में चूहा और खूब मिर्च वाला खाना खिलाकर...

क्या सीबीआई जांच के दौरान लालू यादव के पाजामा में चूहा छोड़ा गया था?

हाइलाइट्स

बिहार में राजद-जदयू नेताओं की जुबानी जंग तेज.लालू-नीतीश के बीच सीएम बनाने पर विवाद.चारा घोटाले की जांच में राकेश अस्थाना की भूमिका अहम.

पटना. बिहार की सियासत में इन दिनों राजद और जदयू नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है. दोनों दलों के नेता ऐसा बर्ताव कर रहे हैं, जैसे वे एक-दूसरे के जानी दुश्मन सालों से रहे हों. बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच इस बात को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है कि लालू यादव को किसने सीएम बनाया? नीतीश जहां लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाने का दावा कर रहे हैं, वहीं तेजस्वी का दावा है कि उन्होंने ही दो बार नीतीश कुमार को सीएम बनाया. दोनों एक-दूसरे पर जमकर बरस रहे हैं. बिहार में लालू-राबड़ी का कार्यकाल और नीतीश कुमार के कार्यकाल की तुलना होने लगी है. ऐसे में लालू यादव की उस कहानी के बारे में भी जान लें, जिस वजह से उनकी सीएम की कुर्सी चली गई. साल 1995 में लालू यादव के साथ वह कौन सी घटना घटी थी, जिसकी वजह से वह सीबीआई की पूछताछ से भागने लगे थे. सीबीआई में तैनात किस आईपीएस अधिकारी का डर लालू यादव को सताने लगा था?

बात है लालू यादव के 1995 में मुख्यमंत्री बनने के बाद की. सीबीआई चारा घोटाले की जांच शुरू कर चुकी थी. गुजरात कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के हाथ में चारा घोटाले की जांच थी. अस्थाना सीबीआई के धनबाद जोन में तैनात थे. तब झारखंड अलग राज्य नहीं बना था. जांच के सिलसिले में अस्थाना और उनके साथी अफसर पटना में लालू यादव से पूछताछ करने पहुंचे. लेकिन, लालू यादव से पूछताछ तो दूर, मुलाकात भी संभव नहीं हो पा रही थी. लालू यादव लगातार सीबीआई अधिकारी से मिलने से भाग रहे थे.

लालू यादव पर ऐसे कसा था सीबीआई का शिकंजा
इस बीच देश की मीडिया में सीबीआई जांच को लेकर खूब चर्चा हो रही थी. सीबीआई के डायरेक्टर जोगिंदर सिंह साफ कर चुके थे कि इस मामले में किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है और एजेंसी अपना काम कर रही है. लेकिन, चारा घोटाले की जांच अधिकारी और एसपी राकेश अस्थाना पर तरह-तरह के दबाव पड़े. इस जांच को प्रभावित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए. अस्थाना कोलकाता में बैठे सीबीआई के संयुक्त निदेशक यू एन विश्वास के भी चहेते थे. विश्वास ने जांच की लगभग पूरी धारा लालू की संलिप्तता की ओर मोड़ दी.

लालू यादव और पाजामा में चूहा छोड़ने का किस्सा
लेकिन, लालू यादव सीबीआई जांच में भाग लेने के लिए तैयार नहीं थे. पटना में बैठे नेताओं और अधिकारियों को भी समझ में नहीं आ रहा था कि बात क्या है? लालू इस कदर क्यों सामने न आने पर अड़े हुए हैं. पूरा मामला तब साफ हुआ जब किसी नेता के कहने पर बिहार सरकार के एक अफसर ने राकेश अस्थाना के एक साथी अफसर से किसी बहाने मुलाकात की. मुलाकात से साफ हुआ कि यादव को दरअसल उनके कुछ समर्थक सीबीआई से मिलने से रोक रहे हैं. लालू के नजदीकी कुछ राष्ट्रीय जनता दल नेता बेहद डरे हुए थे.

ऐसे माने लालू यादव
दरअसल, उन्होंने सुन रखा था कि सीबीआई पूछताछ के दौरान अस्थाना पीटते हैं. अगर इतना बस होता तो गनीमत थी. इन नेताओं ने जाने कहां से यह सुन रखा था कि सीबीआई के अफसर पजामे के अंदर चूहा छोड़ देते हैं. और तो और खूब मिर्च वाला खाना खिलाकर पानी नहीं देते हैं. जाहिर सी बात थी कि जिस अफसर ने सुना, उसने इन बातों को खारिज किया. राजद नेता को भरोसा दिलाया कि अस्थाना चाहे जितने भी सख्त अफसर हों, वे किसी मुख्यमंत्री के साथ तो ऐसा करने की सोच भी नहीं सकते.

बाद में लालू यादव से राकेश अस्थाना ने पूछताछ की. चाहे लालू प्रसाद यादव से कितना भी इज्जत से पेश आए हों, लेकिन ये भी सच है, लालू प्रसाद को चारा घोटाले में जेल का मुंह तो देखना ही पड़ा. चारा घोटाले से बिहार की राजनीति हमेशा के लिए बदल गई. अब एक बार फिर से वही चारा घोटाला और जंगल राज को लेकर बिहार में मामला गरम है.

Location :

Patna,Patna,Bihar

First Published :

March 06, 2025, 17:09 IST

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