शरद पवार के साथ आएं दादा... NCP में भगदड़ थामने का यही है उपाय, साहब फिर...!

1 month ago

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में शामिल अजित पवार की पार्टी के विधायकों में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि एनसीपी विधायक लगातार शरद पवार के साथ आने की मांग कर रहे हैं. इसलिए विधानसभा से पहले अजित पवार और शरद पवार के एक साथ आने की चर्चा शुरू हो गई है. पहले जुन्नार विधायक अतुल बेनके और अब पिंपरी विधायक अन्ना बनसोडे ने ऐसा ही सुझाव दिया है. दो दिनों में अजित दाद के गढ़ के सबसे वफादार विधायकों ने घर वापसी को लेकर बयान दिया है.

अजित पवार की पार्टी के पिंपरी-चिंचवड़ शहर अध्यक्ष अजित गवन के साथ 20 एनसीपी नगरसेवकों के शरद पवार की पार्टी में शामिल होने के बाद अब अजित दादा के वफादार समर्थक भी साहब से मिलने लगे हैं. जुन्नर विधायक अतुल बेनके ने शनिवार को सांसद अमोल कोल्हेन के घर पर शरद पवार से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने चाचा और भतीजे के एक साथ आने की भविष्यवाणी कर नई चर्चा शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में अभी डेढ़ से दो महीने का समय है. तब तक कुछ भी हो सकता है. हालांकि इसके बाद अजित पवार ने अतुल बेनके के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और यह दिखाने की कोशिश की कि वह उनके साथ हैं.

साहब-दादा के साथ आने की वकालत
लेकिन अजित दादा के एक और करीबी अन्ना बनसोडे ने कहा कि मैं पूरे दिल से पवार साहब और दादा का एक साथ आने का स्वागत करूंगा. दोनों महान नेता हैं, अगर ये दोनों एक साथ आते हैं तो आने वाले विधानसभा चुनाव में आप निश्चित तौर पर हमारी तस्वीर में बदलाव देखेंगे.

लोकसभा में पार्टी के प्रदर्शन और उसके बाद एनडीए के सहयोगियों द्वारा अजित पवार पर निशाना साधने को देखते हुए एनसीपी के विधायक लगातार शरद पवार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. लोकसभा में हार के बाद आरएसएस ने सीधे तौर पर अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया है. शिवसेना नेता रामदास कदम ने भी अजित पवार पर निशाना साधा. बीजेपी विधायक सुरेश धस ने खुलेआम अजित पवार की आलोचना की. बीजेपी की अंदरूनी बैठकों में अजित पवार के खिलाफ सुर देखने को मिल रहे हैं.

ऐसे में अजित पवार के विधायकों के खुलेआम शरद पवार के साथ जाने के बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता. उधर, शरद पवार ने भी साफ कर दिया है कि वह उन लोगों पर भरोसा करके फैसले लेंगे जो बुरे वक्त में उनके साथ थे. उस क्षेत्र की स्थिति पर विचार किया जाएगा. एनसीपी शरद गुट के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी स्पष्ट किया है कि दादा की वापसी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है.

अजित पवार का गढ़
पुणे अजित पवार का गढ़ माना जाता है. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि शरद पवार ने अपना ध्यान इसी किले पर केंद्रित कर लिया है, जिससे अजित पवार के विधायक परेशान नजर आ रहे हैं. लोकसभा में शरद पवार की रणनीति की वजह से एनसीपी के कई दिग्गज उम्मीदवार हार चुके हैं. इसलिए विधानसभा चुनाव में अजित दाद के समर्थक विधायकों सहमे हुए हैं.

Tags: Ajit Pawar, NCP chief, NCP chief Sharad Pawar

FIRST PUBLISHED :

July 22, 2024, 12:34 IST

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