Last Updated:March 05, 2025, 14:18 IST
मुस्लिमों को आरक्षण के मुद्दे पर पहले भी खूब विवाद होता रहा है. कांग्रेस सरकार फिर से इस मुद्दे को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है. देखना होगा कि कैबिनेट बैठक में क्या फैसला लिया जाता है और क्या सरकार इस बार इस ...और पढ़ें

मुस्लिमों को आरक्षण के मुद्दे पर पहले भी खूब विवाद होता रहा है.
हाइलाइट्स
कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय को 4% आरक्षण देने पर विचार.सरकारी ठेकों में आरक्षण देने की योजना.बीजेपी ने इस फैसले का विरोध किया.कर्नाटक में कांग्रेस सरकार एक बार फिर मुस्लिम समुदाय को 4% आरक्षण देने पर विचार कर रही है. यह आरक्षण सरकारी नौकरियों या कॉलेजों में नहीं, सरकारी ठेकों में दिया जाना है. सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों की तर्ज पर दिया जाएगा. हालांकि, इस फैसले को लेकर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी ने इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ और तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा करार दिया है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट्स (KTPP) अधिनियम 1999 में संशोधन करने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, वित्त विभाग ने इस संशोधन का मसौदा तैयार कर लिया है. कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने भी इस पर सहमति जता दी है. बताया जा रहा है कि सरकार बुधवार शाम को कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो इसे बजट सत्र में विधेयक के रूप में पेश किया जा सकता है.
BJP का विरोध
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार पर समाज को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस सरकार केवल मुसलमानों को ही अल्पसंख्यक मानती है और अन्य वंचित समुदायों की अनदेखी कर रही है. शिक्षा और नौकरियों में पहले से ही मुस्लिम समुदाय को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया गया है, जो संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. अब सरकार सरकारी ठेकों में भी 4% आरक्षण देने की योजना बना रही है, जो तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है.’
विजयेंद्र ने कहा कि यदि यह सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए होता, तो भाजपा को कोई आपत्ति नहीं होती. उन्होंने मांग की कि सरकार योजनाओं को पारदर्शिता के साथ लागू करे और संविधान में दिए गए सिद्धांतों के अनुसार ही वंचित समुदायों को आरक्षण दे. उन्होंने कहा, ‘लेकिन धर्म के आधार पर दिया गया आरक्षण पारदर्शिता को खत्म कर देगा.’
पहले भी हो चुका है संशोधन
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस सरकार ने KTPP अधिनियम में संशोधन कर 24.01% आरक्षण को लागू किया था. यह आरक्षण 50 लाख रुपये तक के सरकारी ठेकों पर लागू किया गया था.बाद में, मार्च 2023 में इस सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक कर दिया गया.
इससे पहले मुस्लिम विधायकों और समुदाय के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात कर सरकारी ठेकों में आरक्षण की मांग की थी. सरकार इस पर विचार कर रही थी, लेकिन जब इस मुद्दे पर विवाद बढ़ा तो उसने अपने कदम पीछे खींच लिए.
अब कांग्रेस सरकार फिर से इस मुद्दे को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है. देखना होगा कि कैबिनेट बैठक में क्या फैसला लिया जाता है और क्या सरकार इस बार इस संशोधन को लागू करने में सफल होती है या नहीं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 05, 2025, 14:18 IST