Last Updated:June 30, 2025, 15:37 IST
Indian Railways: नंगल डैम-तलवाड़ा-मुकेरियां रेलवे लाइन समेत तीन बड़ी सरकारी परियोजनाएं चार दशक बाद भी अधूरी हैं. पीएम मोदी ने प्रगति बैठक में अफसरों को फटकार लगाई.

प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
चार दशक बाद भी रेलवे लाइन काम पूरा न होने पर PM ने अफसरों को डांटा.जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण मंजूरी ने प्रोजेक्ट को कर दिया धीमा.पीएम मोदी ने अफसरों को देरी पर चेतावनी देकर कड़ा संदेश दिया.पंजाब और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाली 83 किलोमीटर लंबी नंगल डैम-तलवाड़ा-मुकेरियां नई रेलवे लाइन का काम साल 1985 में मंजूर हुआ था. लेकिन आज करीब 40 साल बाद भी इस प्रोजेक्ट का सिर्फ 77% काम ही पूरा हो पाया है. देरी की सबसे बड़ी वजह जमीन अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी और ज़रूरी यूटिलिटी सेवाओं का शिफ्ट न होना है.
पीएम मोदी ने बैठक में जताई चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘प्रगति’ बैठक में इन तीन अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की. उन्होंने राज्य सरकारों के अफसरों से कहा कि वे इन मुद्दों को अपने नेताओं के सामने रखें और तेजी से समाधान निकालें. उन्होंने चेताया कि प्रोजेक्ट में देरी से दोहरी मार पड़ती है—एक तो खर्च बढ़ता है और दूसरी तरफ लोगों को ज़रूरी सुविधाएं समय पर नहीं मिल पातीं.
रेलवे लाइन के लिए मिट्टी खुदाई बन रही सबसे बड़ी अड़चन
इस रेल परियोजना का मकसद हिमाचल के ऊना और हमीरपुर जिलों और पंजाब के होशियारपुर जिले को जोड़ना था. लेकिन फिलहाल प्रोजेक्ट इसलिए अटका है क्योंकि पंजाब में मिट्टी खुदाई के लिए पर्यावरण मंजूरी नहीं मिल रही. सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 2024 के आदेश के बाद अब खुदाई के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया जरूरी हो गई है, लेकिन वेबसाइट तब तक आवेदन स्वीकार नहीं करती जब तक पर्यावरण की मंजूरी न हो.
रेल मंत्रालय ने पर्यावरण मंत्रालय से मांगा हल
सूत्रों की मानें तो रेलवे मंत्रालय ने पर्यावरण मंत्रालय से इस मसले को सुलझाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है. प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पंजाब को अभी करीब 72 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करनी है. इसके अलावा रेलवे, राज्य सरकार और पर्यावरण मंत्रालय को जंगलों की मंजूरी और मिट्टी खुदाई की प्रक्रिया में भी तेजी लानी होगी.
बिहार और झारखंड में चल रहे उत्तर कोयल रिजर्वायर प्रोजेक्ट में भी भारी देरी हो रही है. इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में अब तक छह साल की देरी हो चुकी है. इसकी वजह भी वही पुरानी है—जमीन अधिग्रहण, बिजली के खंभे जैसी यूटिलिटी सेवाओं को हटाना और प्रभावित लोगों का पुनर्वास करना.
ओडिशा में नाल्को के प्रोजेक्ट में भी फंसा पेंच
प्रोजेक्ट ओडिशा के नाल्को प्लांट का है, जहां 5वीं स्ट्रीम रिफाइनरी के विस्तार का काम एक साल से अटका हुआ है. इसके लिए ओडिशा सरकार को जमीन अधिग्रहण में तेजी लानी होगी. इसके साथ ही, आंध्र प्रदेश सरकार को भी विजाग पोर्ट के विस्तार के लिए कोस्टल रेगुलेटरी ज़ोन की मंजूरी जल्द देनी होगी.
पीएम ने अफसरों को चेताया
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक में साफ कहा कि राज्य स्तर पर काम कर रहे ऑल इंडिया सर्विसेज के अफसरों को इन मसलों को ऊपर तक उठाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि समस्याओं को कोई बाहरी व्यक्ति आकर नहीं सुलझाएगा, अफसरों को खुद समाधान निकालना होगा.
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